बजट में बेरोज़गारी , महँगाई , बदहाल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को किया नजरअंदाज – संगीत नायर
बालोद। केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा अंतरिम बजट 2024 पेश किया गया , जो कि मध्यमवर्गियों के लिए पूर्णतः निराशाजनक रहा ।
इस बजट पर बालोद जिला महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष संगीता नायर ने बताया कि
हर बजट पेश होने से पहले एक परिवेश होता है – इस बजट के पहले – बेरोज़गारी, महंगाई, उपभोग में गिरावट और बदहाल ग्रामीण अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी चुनौतियाँ थीं
लेकिन आज के बजट में समाधान ढूँढना तो दूर समस्याओं की स्वीकृति ही नहीं की गई. वित्त मंत्री निर्मला सितारमण और मोदी सरकार ने एक बार फिर सच देख कर आँख पर पट्टी बांधने का काम किया है
इस बजट से ना तो उपभोग बढ़ेगा ना लोगों की आय और ना ग्रामीण क्षेत्र का दर्द कम होगा
विकसित भारत के ज़बानी जमा खर्च से दूर इसी सरकार और बजट के आँकड़े सरकार की असली नियत बयाँ कर रहे हैं
◆ कृषि, शिक्षा स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण पर जितना बजट आवंटित था उससे कम खर्च किया :
◆कृषि
कृषि संशोधित अनुमान FY24 : 1,40,533 करोड़
कृषि बजट अनुमान FY24 : 1,44,214 करोड़
सरकार ने कृषि पर अपने बजट से कम खर्च क्यों किया?
◆शिक्षा
शिक्षा संशोधित अनुमान FY24 : 1,08,878 करोड़
शिक्षा बजट अनुमान FY24 : 1,16,417 करोड़
सरकार ने शिक्षा पर अपने बजट से कम खर्च क्यों किया?
◆ स्वास्थ्य
स्वास्थ्य संशोधित अनुमान FY24 : 79,221 करोड़
स्वास्थ्य बजट अनुमान FY24 : 88,956 करोड़
सरकार ने स्वास्थ्य पर अपने बजट से कम खर्च क्यों किया?
◆सामाजिक कल्याण
सामाजिक कल्याण संशोधित अनुमान FY24 : 46,741 करोड़
सामाजिक कल्याण बजट अनुमान FY24 : 55,080 करोड़
सरकार ने सामाजिक कल्याण पर अपने बजट से कम खर्च क्यों किया?
◆ रक्षा, खाद्य और खाद सब्सिडी पर जितना खर्च इस साल किया अगले साल के लिए उसे घटाया :
◆रक्षा
रक्षा संशोधित अनुमान FY24 : 4,55,897 करोड़
रक्षा बजट अनुमान FY25 घटाया : 4,54,773 करोड़
सरकार ने अगले वर्ष रक्षा के लिए इस वर्ष की तुलना खर्च हुई राशि से कम बजट क्यों रखा है?
◆ खाद
खाद संशोधित अनुमान FY24 : 1,88,894 करोड़
खाद बजट अनुमान FY25 घटाया : 1,64,000 करोड़ ।
सरकार ने अगले वर्ष खाद के लिए इस वर्ष की तुलना खर्च हुई राशि से कम बजट क्यों रखा है?
◆खाद्य
खाद्य संशोधित अनुमान FY24 : 2,12,332 करोड़
खाद्य बजट अनुमान FY25 घटाया : 2,05,250 करोड़
सरकार ने अगले वर्ष खाद्य के लिए इस वर्ष की तुलना खर्च हुई राशि से कम बजट क्यों रखा है?
◆ग्रामीण अर्थव्यवस्था में समस्या का प्रमाण
सरकार को MGNREGA पर बजट से अनुमानित काफ़ी अधिक खर्च करना पड़ा
MGNREGA संशोधित अनुमान FY24 : 86,000 करोड़
MGNREGA बजट अनुमान FY24 : 60,000 करोड़
◆ औसत आय 50% बढ़ गई, जुमला !
वित्त मंत्री किस अलग ही दुनिया में रहती हैं क्या?
औसत आय 50% बढ़ने का उनका दावा एक सफ़ेद झूठ है
सरकार के ख़ुद के PLFS सर्वे द्वारा प्रस्तुत डेटा वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 23 तक वास्तविक मासिक नियमित वेतन में लगभग 25% की कमी बताता है
◆𝐅𝐈𝐒𝐂𝐀𝐋 𝐃𝐄𝐅𝐈𝐂𝐈𝐓 के नाम पर अपनी पीठ ठोकना भी एक ढोंग है.
मोदी सरकार को 2014 में राजकोषीय घाटा मतलब Fiscal Deficit 4.8% पर मिला था. अब यह 5.8% है जो कि पूरे 1% अधिक है.
अपने 10 वर्ष के कार्यकाल में एक बार भी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पायी है मोदी सरकार
◆मोदी सरकार को UPA ने GDP ग्रोथ की दर 6.4% पर सौंपी थी, 10 साल बाद औसत वृद्धि मात्र 5.9% की है और पिछले 4 सालों में तो मात्र औसतन 4% ही है
चैस ग्रैंडमास्टर का नाम लेते वक्त निर्मला जी ने काश कुश्ती में देश का मान बढ़ाने वाली बेटियाँ भी याद की गयीं होती ।