घर पर बंदर पालने वाले ग्रामीण के घर वन विभाग ने मारा छापा, मामला जगन्नाथपुर का
बालोद। बालोद ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर में एक ग्रामीण डालूराम साहू द्वारा अपने घर पर बंदर पाल रखा गया था। इसकी जानकारी मिलने के बाद वन विभाग की टीम शुक्रवार को सुबह उनके घर पहुंची और उनसे बंदर को अपने संरक्षण में लिया गया। वन विभाग के एसडीओ डिंपी बैस के निर्देशन पर मौके पर पहुंची वन परिक्षेत्र बालोद के सहायक परिक्षेत्राधिकारी कृष्णापुरी गोस्वामी, बीएफओ बालोद मुकेश यादव एवं टीम ने डालूराम साहू सहित ग्रामीणों को समझाइश भी दिया कि इस तरह से बंदर को घर पर नहीं पाल सकते। अगर कहीं भी वन्य प्राणी मिलते हैं तो उसे घर नहीं ला सकते। इसकी सूचना वन विभाग को देनी होती है। विभाग को जानकारी मिली कि उक्त ग्रामीण द्वारा घर में लगभग एक हफ्ते से उक्त बंदर के बच्चे को पाल कर रखा गया था।
तो वही गांव में भी उनके द्वारा बंदर के बच्चे को कपड़े पहनाकर घुमाए जाने की बात सामने आई थी। इस संबंध में एक तस्वीर दूसरे ग्रामीण के साथ सेल्फी वाली कुछ दिन पहले व्हाट्सएप ग्रुप में भी सामने आई थी। जो वन विभाग की नजर में आई और मामले की तफ्तीश करते हुए वन विभाग की टीम डालूराम साहू जिनके घर वास्तव में बंदर पाला गया था उन तक पहुंची और उनसे बंदर को सुपुर्द नामा लिया गया।
आपको बता दें कि वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत बंदर सहित किसी भी वन्य प्राणी को घर पर पाला जाना प्रतिबंधित है। यह पालतू जानवरों की श्रेणी में नहीं आता है। पर जागरूकता के अभाव में ग्रामीण इस तरह की हरकत करते हैं। वन विभाग ने समस्त लोगों से अपील की कि वन्य प्राणी अगर कहीं मिले तो इसकी सूचना वन विभाग को तत्काल दें।
बजरंग दल के जिला संयोजक उमेश सेन ने जताया वन विभाग का आभार
इस कार्रवाई पर बजरंग दल के जिला संयोजक उमेश सेन ने वन विभाग का आभार जताया। उन्होंने कहा कि हमारे बजरंग दल से जुड़े हुए कुछ साथियों के जरिए जगन्नाथपुर में इस तरह से एक बंदर को घर पर रखे जाने की जानकारी मिली थी। जिसकी शिकायत और कार्यवाही की अपील हमने वन विभाग से की थी। मामले में 24 घंटे के भीतर संज्ञान लेते हुए वन विभाग की टीम ने संबंधित ग्रामीण के घर पहुंचकर बंदर के बच्चे को अपने संरक्षण में लिया। उमेश सेन ने कहा कि सभी बजरंगी साथियों सहित आम जनता से भी हमारी यही अपील है कि बंदर हो चाहे कोई भी वन्य प्राणी किसी को इस तरह से घर पर नहीं रख सकते, ना ही उन्हें किसी तरह से परेशान कर सकते हैं और ना उन्हे मनोरंजन का साधन बना सकते है। इसलिए ऐसा कोई भी वन्य प्राणी मिलता है तो इसकी सूचना वन विभाग को जरूर दें।