अपने ही नाबालिग साली के साथ बलात्कार, गर्भवती हुई तो खुला राज, अब जीजा को मिला 20 वर्ष का कारावास

बालोद। किरण कुमार जांगड़े, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी सूरज धमगया उम्र 25 वर्ष, निवासी-सितलीजोर, थाना-देवभोग, जिला-गरियाबंद (छ.ग.) हाल मुकाम साकिन-परकालकसा, थाना-डौण्डी, जिला-बालोद (छ.ग.) को भा.द.वि. की धारा 376 व लैंगिक अपराध की धारा 6 के आरोप में बीस वर्ष का सश्रम कारावास व 2000/- रू० अर्थदण्ड से दण्डित किया । व्यतिक्रम पर एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। प्रकरण का संक्षिप्त विवरण छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार दिनांक 28.03.2020 को पीड़िता के पिता थाना डौण्डी में उपस्थित होकर लिखित शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसकी बड़ी लड़की की शादी एक वर्ष पूर्व सूरज धमगया निवासी सितलीजोर से हुई है। शादी के बाद से लड़की व दामाद प्रार्थी के घर में रहते है और खेती किसानी का काम करते हैं। छोटी लड़की कक्षा 9 वीं में पढ़ाई कर रही थी, दिनांक 27/03/2020 को उसकी लड़की बताई की उसकी पेट उभरा जैसा लग रहा है, तब प्रार्थी, पीड़िता को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चारामा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर लेकर गया। जहां पर पता चला कि पीड़िता 4-5 माह की गर्भ से है। वापस घर आकर पीड़िता से पूछने पर पीड़िता ने बतायी कि वर्ष 2019 में दीपावली त्यौहार के समय जब वह घर में अकेली थी पिताजी बड़ी बहन को लेकर धनेली ईलाज कराने गये थे, वह कपड़े को घरी कर रही थी, तो आरोपी जीजा पीछे से आया और पकड़कर कमरे के अंदर ले गया और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया। दीपावली के दो दिन बाद भी पीड़िता के साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध स्थापित किया। इस प्रकार जीजा सूरज धमगया द्वारा लगातार 2-3 बार जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया था और वह किसी को बताने से मना किया था और जब भी बताने की कोशिश करती थी, तो गाली-गलौज कर धमकी देता था, इसलिये डर के कारण घटना की जानकारी किसी को नहीं बतायी । प्रार्थी की रिपोर्ट के आधार पर निरी. अनिल कुमार ठाकुर के द्वारा आरोपी सूरज धमगया के खिलाफ अपराध क्र० 55/2020 अंतर्गत संहिता की धारा 376 एवं संरक्षण अधिनियम की धारा 4,5 (ii) /6 के तहत् प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात् संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के खिलाफ अपराध पाये जाने पर आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र विचारण न्यायालय में दिनांक 22.05.2020 को प्रस्तुत किया गया। पीड़िता प्रकरण की विवेचना निरी-पद्मा जगत व निरी. अनिल कुमार ठाकुर के द्वारा किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।

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