दहेज लोभी ससुराल: बालोद थाने में दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज, पति, सास, ससुर और ननंद करते थे प्रताड़ित, शादी में मांग रहे थे कार ,बहु बोली मुझे नौकरानी बनाकर रखे थे,,,

बालोद। बालोद थाना में दहेज प्रताड़ना का एक मामले सामने आया है। जिसमें बालोद की रहने वाली एक पीड़िता ने बिलासपुर क्षेत्र के रहने वाले अपने पति,सास, ससुर और ननंद के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज किया है। पीड़िता का आरोप है कि शादी में उनके पति द्वारा कार की डिमांड की गई थी। लेकिन कार की जगह गिफ्ट के रूप में एक्टिवा मिला था। साथ ही कई लाख नकद भी दिए गए थे। इसके बावजूद वे संतुष्ट नहीं हुए और ससुराल पक्ष द्वारा उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। उन्होंने अपनी आपबीती को विस्तृत रूप से पुलिस से साझा करते हुए बताया है कि बालोद से शादी होकर सिंधी कालोनी बिलासपुर में गई हूं। वर्तमान में वार्ड नं0 12 बालोद में रहती हूं। पहले उन्होंने प्रताड़ना संबंधित शिकायती आवेदन एसपी में दिया था। जिसके माध्यम से कांउसलिंग जांच हेतु महिला सेल जिला बालोद में कांउसलिंग हुआ। प्रभारी महिला सेल से कांउसलिंग उपरांत वैधानिक कार्यवाही हेतु थाना बालोद को मामला सुपुर्द किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि पति प्रीतम लालचंदानी, सास श्रीमती सविता लालचंदानी, ससुर राजकुमार लालचंदानी, ननंद प्रीति बजाज द्वारा विवाह दिनांक 05/12/2021 से लगातार दहेज की मांग कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडित किया गया।

लाखों का मिला तोहफा फिर भी प्रताड़ना की हुई शिकार

पीड़िता के मुताबिक उनका विवाह सिंधी कालोनी बिलासपुर (छ.ग.) निवासी राजकुमार लालचंदानी के पुत्र प्रीतम लालचंदानी के साथ दिनांक 05.12.2021 को सामाजिक रीति-रिवाज से संपन्न हुआ था । विवाह के पूर्व सगाई के दौरान सभी रिश्तेदारों (ससुराल पक्ष) को लिफाफा (लगभग एक लाख रूपये), सगाई के बाद प्रीतम से मिलने गई थी तब दोनो ननद को सोने का सिक्का, सास को सोने की अंगुठी, प्रीतम व देवर को एक- एक सोने का लाकेट (लगभग एक लाख रूपये) तथा विवाह के समय उपहार स्वरूप 25- 30 तोला सोना (लगभग सोलह लाख रूपये), कपड़े (लगभग चार लाख रूपये), सेन्डल (लगभग पचास हजार रूपये), गिफ्ट सामान (लगभग दो लाख रूपये) तथा विवाह पश्चात सभी त्यौहारों में गिफ्ट, मिठाईयां व अन्य सामान (लगभग एक लाख रूपये) का खर्च हुआ है । विवाह के बाद मैं अपने पति, सास, ससुर देवर के साथ संयुक्त रूप से एक ही मकान में रहती थी । विवाह के बाद मेरी सास मेरे पहने हुए सोने चांदी के गहने मांग कर अपने पास रख ली । विवाह के मात्र दो माह तक मुझे ससुराल वाले ठीक से रखे, उसके बाद मेरी पति व ससुराल वाले छोटी- छोटी बातों को बढाकर दहेज में कार व पैसा नहीं दिये हो कहकर मुझे ताना मारना, ऊंची आवाज में बात करना, घर में नौकरानी की तरफ डरा धमका कर काम कराना, पूरा परिवार मिलकर मुझे अपने सामने बिठाकर अनावश्यक दबाव बनाकर मानसिक रूप से परेशान करना, पति के अनुपस्थिति में भी सास व ननद द्वारा शारीरिक व मानसिक रूप से परेशान किया जाना, आधी रात को घर से बाहर निकाल दिये जाने की धमकी, मोबाईल छिनकर मायके परिवार वालों से बात नहीं करने देना और बात करने से मना करना आदि- उनका हर दिन का सिलसिला बन चुका था, जिससे बार- बार मेरे मन में आत्महत्या कर लेने का खयाल आता था तथा यही लगता था कि मेरा विवाह गलत जगह हो गया है, क्योकि मेरा पति मेरे साथ शारीरिक संबंध भी नहीं बनाता था ।

पति है शराबी और जुआरी

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उनके पति शराबी एवं जुआरी प्रवृत्ति का है, सट्टे में लाखों रूपये हार चुका है । पति की पहली सगाई भी टुट चुका है, इस तथ्य को मुझसे एवं मायके परिवार वालों से छिपाये थे तथा एम.काम. तक शिक्षित होना बताये थे वह भी झूठा निकला- जिसकी जानकारी मेरे विवाह के बाद हुई है । विवाह पश्चात मेरा पति एवं ससुराल वाले गिफ्ट में मुझे पच्चीस तोला सोने का जेवर, कीमती आई फोन 13 प्रो- मैक्स, पर्स, परप्यूम दिया था, जिसे विवाह के दो माह के बाद ही मेरे ससुराल वाले मुझसे छिन लिये थे । मेरा पति भी मुझे किसी प्रकार से कोई सहयोग नहीं करता था और मेरे द्वारा प्रति- उत्तर देने पर मेरे पति एवं ससुराल वाले सभी मिलकर, एक राय होकर गंदी, भद्दी व अश्लील गाली- गलौच, मारपीट, क्रूरतापूर्ण दुर्व्यवहार एवं अपमानित करते थे और हमेशा घर से निकाल देने की धमकी देते थे । मैं विवाह के पूर्व एवं विवाह के समय पूर्ण रूप से स्वस्थ थी, किन्तु ससुराल वालों के उपरोक्तानुसार लगातार अत्याचार एवं प्रताड़ना के कारण बार- बार मेरे दिलो दिमाग में विपरीत प्रभाव पड़ने के कारण अपने भविष्य को सोंचकर, चिंता एवं घबराहट होने के कारण मेरा बी.पी. लो हो जाता था तथा मुझे सांस लेने में परेशानी होने लगी और निरंतर मेरा स्वास्थ्य खराब होने लगा- जिस संबंध में पति को बताने पर उल्टे उनके द्वारा मुझे ही ताना देते हुए मेरे माता- पिता एवं भाई को गाली देते हुए कहते थे कि तुझे पहले से ही दमा की बीमारी है और मेरा विवाह बीमार लड़की से करा दिये है । माह अप्रैल 2022 में मेरे ससुराल वालों के उपरोक्त शारीरिक व मानसिक प्रताड़नाओं से परेशान होकर मैं अपने पति से कही कि मुझे मेरे मायके बालोद छोड़ दो किंतु मेरा पति मुझसे कहा कि तुझे जाना है तो जा, मैं तुझे छोड़ने नहीं जाऊंगा क्योकि मैने दहेज में स्वीफ्ट वी.एक्स.आई. आटोमेटिक कार एवं दस लाख रूपये मागा था, लेकिन तेरे घर वाले मुझे कार की जगह एक्टिवा (दोपहिया गाड़ी) दिये और दस लाख की जगह साढ़े पांच लाख रूपये नगद दिये है, मेरे इच्छानुसार दहेज में कुछ भी नहीं दिये है । मैं उक्त बातों को अपने रायपुर निवासी मामा श्री विजय लालवानी को बतायी तब मेरे मामा, मेरे पति को फोन करके समझाये और कहे कि दामाद जी, कार आपको मैं दे दुंगा, फिलहाल मेरी भांजी मानसिक व शारीरिक रूप से परेशान हो गई है उसे मानसिक शांति के लिये कुछ दिन के लिये उसके मायके बालोद छोड़ दो तब मेरे मामा के समझाने पर मेरा पति दिनांक 16.04.2022 को मेरे भाई को बिलासपुर बुलाकर मुझे बालोद छुड़वाया । मायके में रहने के दौरान फोन से मेरे पति से बात होती थी, किंतु उनकी बातों से मुझे लगता था कि वे मुझे पुन: बिलासपुर नहीं बुलाना चाह रहे है, साथ में नहीं रखना चाहते है । किंतु दिनांक 02.05.2022 में मेरे पति के मामा के पुत्र का निधन हो जाने के कारण मेरे ससुराल वाले मुझे बिंलासपुर बुलवाये, जहां पर मेरी दोनो छोटी- बड़ी ननद आये हुए थे, साथ में रहने के दौरान वे दोनों भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से दहेज व अन्य बातों को लेकर मुझे ताना देते थे तथा दिनांक 18.05.2022 को दोनो ननद मिलकर मेरे साथ गाली- गलौच करते हुए, दहेज की बात को लेकर मेरे साथ हाथा पाई किये थे । जिसकी शिकायत मेरे द्वारा सास, ससुर एवं पति से करने पर वे मेरा साथ न देकर ननद के पक्ष में ही बोलने लगे । इस प्रकार मैं अपने ससुराल में पूरी तरह अकेले रहकर प्रताड़ना का शिकार होते रही हूं ।

बहू नहीं नौकरानी जैसा करते थे व्यवहार

पीड़िता ने बताया मेरे ससुराल में सबका सोने, उठने, नाश्ता, खाना का समय अलग- अलग है, मुझे हर पल नौकरानी की तरह चौकन्ना रहना पड़ता था, सुबह 11 बजे मेरे ससुर जी नाश्ता करते थे, 11.30 बजे मेरी सास, 12 बजे देवर जी एवं 12.30 बजे पति नाश्ता करते थे तथा सभी को गरम नाश्ता चाहिये होता था । उपरोक्त नाश्ते का समय निश्चित होता था, समय में अंतर या नाश्ते में देरी होने पर मुझे ताना व गालियां सुनना पड़ता था । इसी प्रकार दोपहर 03 बजे मेरे पति व देवर का टिफिन बनाकर देना पड़ता था, 3.30 बजे ससुर जी को सलाद के साथ एवं सारा को 04 बजे खाना देने के बाद लगभग 4.30 बजे मैं खाना खाकर कीचन की सफाई कर लगभग 05 बजे अपने कमरे में आराम करने जाती थी, लेकिन मेरे सास, ससुर कहते थे कि अपने कमरे में मत रहा करो, देवर के कमरे में रहा करो, ताकि शाम को आने वाली काम वाली बाई पर ध्यान रख सको । मैं चाहकर भी आराम नहीं कर पाती थी, 05 बजे काम वाली के आने के बाद मुझे रात का खाना बनाने का काम शुरु करना पड़ता था- जो हर-हाल में रात 09 बजे तक बन जाना चाहिये थे, क्योंकि कभी-कभी 09.30 बजे मेरे पति खाना खाते थे, लेकिन रात का खाना प्रायः सबसे पहले रात्रि 10 बजे मेरे ससुर जी खाते थे, रात्रि 10.30 बजे मैं सास के साथ खाना खाती थी तथा रात्रि 11 बजे मेरे पति एवं देवर खाना खाते थे । लेकिन कभी-कभी ही ऐसा होता था कि देवर एवं पति साथ में खाना खाते थे, प्रायः ऐसा होता था कि रात्रि 12 एवं 12.30 बजे ही देवर घर में आते थे तथा मुझे यह भी निर्देश दिया गया था कि देवर को खाना देकर ही सोने जायेगी, चाहे जो हो जाये । इस प्रकार मेरे ससुराल वालों के उपरोक्त व्यवहार से मुझे लगता था कि मेरा पति मेरे साथ नाम मात्र की शादी किया था, शादी के आड़ में एक काम वाली बाई के रूप में मुझे लाया गया था । सुबह उठने से लेकर रात्रि सोने तक केवल एक मशीन की तरह मुझसे बर्तन, कपडा, नाश्ता/भोजन बनाने का काम लिया जाता था, जिससे मेरा व्यक्तिगत जीवन, पहचान, सोंच पूरी तरह से समाप्त / बर्बाद हो गया था । दिनांक 20.07.2022 को मेरे ससुरा वाले मेरा मोबाईल छिनकर कहने लगे कि अपने घर वालों से बात करने की कोई जरूरत नहीं है तथा मुझे सामने सोफे में बिठाकर लगभग दो घंटे तक लगातार दहेज में कुछ नहीं लाई हो, कपड़ा, बर्तन, नाश्ता, खाना के लिए खरी-खोटी सुनाते रहे तथा मुझे इस बात का अहसास दिलाने लगे कि इस घर (ससुराल) में मेरी हैसियत केवल एक नौकरानी की तरह ही है । मैं डर-सहम कर चुपचाप उनका ताना सुनती रही । इस प्रकार मैं ससुराल में संपूर्ण शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना को अपना दुर्भाग्य समझकर सहन करते हुए किसी तरह से रहने लगी तथा काम वाली बाई की तरह काम करना मेरी आदत बन गई थी जिससे मेरे ससुराल वालों का हौसला बुलंद होने लगे तथा उनके द्वारा मेरे साथ और अधिक प्रताड़ित किया जाने लगा तथा मेरा पति भी मेरे साथ मारपीट करना शुरु कर दिये । फिर भी मैं अपना नसीब समझकर सब-कुछ सहन करते हुए भगवान से प्रार्थना करती थी कि मेरा पति व परिवार वाले सुधर जायेंगे – लेकिन उनके आचरण व व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया, मेरी जिन्दगी नर्क से बद्तर बीत रही थी । माह जनवरी 2023 में उपरोक्तानुसार लगातार शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के चलते में शारीरिक रूप से कमजोर हो गई, खून की कमी के कारण दुबली-पतली हो गई, मेरा बी.पी. भी लगातार लो होने के कारण मुझे चक्कर आते थे जिसके कारण थोड़ा आराम करने के उद्देश्य से बालोद अपने मायके आना चाहती थी, लेकिन मेरे ससुराल वाले मुझे बालोद मायके नहीं भेजना चाहते थे- तब मैं परेशान होकर अपने मामा को अपनी शारीरिक दुर्बलता एवं मेरे साथ हो रहे अत्याचार को बताने पर मेरे मामा के कहने पर मेरा पति मुझे अकेले बिलासपुर के रेल्वे स्टेशन में छोड़ दिया जहां से मैं अकेले ट्रेन से लोकल डिब्बे में बैठकर दुर्ग तक आई तथा मेरा भाई अपने कार से दुर्ग रेल्वे स्टेशन मुझे लेने आया । मैं दिनांक 28.01.2023 तक बालोद अपने मायके में रही, इस दौरान कभी भी मेरे पति, सास, ससुर का फोन नहीं आया, मेरे बार-बार फोन लगाने पर मेरा पति एक-दो बार ही फोन उठाते थे तथा उनके बातचीत से मुझे लगता था कि वे मुझे पुनः बिलासपुर लेकर नहीं जायेंगे, वे मुझे हमेशा के लिए छोड़ना चाहते थे । किंतु मैं अपने माता-पिता एवं भाई के सामाजिक स्तर पर अच्छी मान-प्रतिष्ठा की बदनामी न हो जाये, इसलिए मान- सम्मान के डर से दिनांक 29.01.2023 को अपने मामा के साथ बिलासपुर गई, जहां मेरे मामा द्वारा मेरे पति एवं ससुराल वालों को समझाया गया, किंतु मेरे मामा के वापस जाने के बाद से ही मेरे साथ पुनः ताना, गाली-गलौच, मारपीट, क्रूरतापूर्ण दुर्व्यवहार शुरू हो गया।

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