जेठौनी की रात लोगों ने अलाव जला कर लिया अग्नि देव से रक्षा का आशीर्वाद, ठंड की होगी अब असल शुरुआत
बालोद। आधुनिकता के दौर में आज भी पारंपरिक रीति रिवाज का बोलबाला देखने को मिलता है और यही हमारे छत्तीसगढ़ की संस्कृति को भी एक अलग पहचान दिलाती है। गुरुवार को क्षेत्र में देवउठनी का पर्व मनाया गया। जिसे छत्तीसगढ़ में जेठौनी के नाम से भी जाना जाता है। जहां तुलसी विवाह सहित अन्य औपचारिक आयोजन हुए तो। इस बीच रात में लोगों ने खास तौर से ग्रामीण क्षेत्रों में अपने घरों के सामने टूटे-फूटे बांस के पुराने सामग्रियों को जैसे सुपा टोकरी आदि जलाकर अलाव तापा ।मान्यता है कि अब असली ठंड की शुरुआत होती है। ठंड में लोग किसी तरह से रोगग्रस्त ना हो इसलिए अलाव जलाकर लोग अग्नि देव से रक्षा का आशीर्वाद मांगते हैं।