फाग प्रतियोगिता समारोह में शामिल हुए अमित बघेल, कहा – हमारी संस्कृति ही हमारी पहचान है
छत्तीसगढ़ में योग्य व्यक्ति की कमी नहीं, बस योग्य बनने नहीं दिया जा रहा: अमित बघेल
बालोद – गुरुवार को छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष श्री अमित बघेल एक दिवसीय बालोद दौरा पर रहे। वे पाररास, खैरतराई और तरौद में आयोजित फाग प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की तीज-त्योहार, परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित करने युवाओं को आगे आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति, हमारी बोली-भाखा ही हमारी पहचान है।
जिसे सडयंत्र के तहत खत्म किया जा रहा। छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा के संरक्षण के लिए कोई पहल नहीं किया जा रहा। लेकिन सरकार यहां के बच्चों को उड़िया और गुजराती भाषा सिखाने में ज्यादा रुचि रखती है।
हमारे गीत-संगीत और नाच को जात में बांटा गया
कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष श्री अमित बघेल ने कहा कि जब डांडिया नाचना होता है तो पूरा गुजरात नाचता है। भांगड़ा नाचना होता है तो पूरा पंजाब नाचता है। लेकिन जब पंथी, सुवा, कर्मा, डंडा नाच नाचने की बात आती है तो इसे अलग-अलग जात में बांट दिया जाता है। यह भेदभाव इस राज्य में राज करने वाली राजनीतिक पार्टियों के पैदा किया गया है। श्री बघेल ने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ के लोग जात-पात में बंटे रहेंगे तब तक अन्य प्रदेश के लोग फुट डालकर यहां राज करेंगे। इसलिए छत्तीसगढ़ के लोगों को सिर्फ एक छत्तीसगढ़िया जात का होना जरूरी है। अभी छत्तीसगढ़ियों का उत्थान संभव है।
अपने घर की सियानी अपने हाथ में रखें, दूसरों की जयकारा लगाना बंद करें
फाग प्रतियोगिता के दौरान छत्तीसगढ़िया नेता अमित बघेल ने कहा कि अन्य प्रान्त के लोगों के जयकारा लगा कर नेता बनाना बंद कर दो। अपने गांव के पंच, पार्षद से लेकर विधायकी तक की सत्ता अपने हाथ में रखो। अपने घर की सियानी किसी अन्य के हाथ में दोगे तो वह यहां के संसाधनों को लूट कर अपने प्रदेश ले जाएगा। इसलिए यहां के हरेक पदों पर सिर्फ छत्तीसगढ़ के लोगों का अधिकार होना चाहिए।
लोहा, कोयला, बिजली हमारे यहां का, काम अन्य प्रान्त के लोगों भी
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि कोयला, चुना पत्थर, डोलोमाइट, बॉक्साइट, टीन अयस्क, लोहा, सोना, हीरा, सब छत्तीसगढ़ का लेकिन काम छत्तीसगढ़ियों को नहीं मिलता। बड़े-बड़े खदानों में काम करने वाले मजदूर और ठेकेदार सब अन्य प्रान्त के। यहां का जंगल हमारा लेकिन लकड़ी मिल अन्य प्रान्त के लोगों का। बड़े-बड़े सरोवर, डेम हमारा लेकिन इसका लीज अन्य प्रान्त के लोगों को मिला है। छत्तीसगढ़ का किसान सांप-बिच्छी चबवा कर धान पैदा करता है। लेकिन पूरा का पूरा फायदा धान का छिलका निकालने वाला राइसमिलर ले जाता है। बिजली छत्तीसगढ़ का फायदा परप्रांतियों को मिल रहा। यही आउटसोर्सिंग हैं।
योग्यता की कमी नहीं, योग्य बनने नहीं दिया जा रहा
छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के प्रदेशाध्यक्ष अमित बघेल ने कांग्रेस और भाजपा के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य उजाड़ने में भाजपा-कांग्रेस की मुख्य भूमिका है। सीधे-साधे लोगों को मजदूर बना कर लुटा गया। यहां के बच्चों को फ्री में पास करके छत्तीसगढ़ का नींव कमजोर किया गया। सरकार में बैठे अन्य प्रान्त के नेता छत्तीसगढ़ के युवाओं को मजदूर बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि यहां की शिक्षा व्यवस्था डामाडोल है। छत्तीसगढ़ में कोई योग्यताओं की कमी नहीं है। बस परप्रांतीय सत्ताधीशों के द्वारा योग्य बनने नहीं दिया जा रहा। यही अंग्रेजों की नीति रही है। इस दौरान ललित बघेल, छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना जिला संयोजक शशिभूषण चंद्राकर, सह संयोजक चंद्रभान साहू, देवेंद्र साहू, डी देशमुख, सुभाष साहू, राजू साहू, प्रकाश निषाद, सूरज सेमरे, ललित कांवरे, चम्मन साहू तरौदिया, जीतू साहू, दुलार साहू, दानी साहू, कमलेश साहू, केदार साहू, टेकराम साहू, खोमन साहू, नरेंद्र साहू, मिथलेश तारम, नमन कोसमा, ईशा खुरश्याम मौजूद रहे।