डंडा नाच संग कुहकी के बीच मनाई गई परम्परागत होली
बालोद। ग्राम नागाडबरी में विगत 100 साल चली आ रही पराम्परा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है डंडा नाच की पुरातन शैली के गीत आज भी होली के दिन गुंजता है कई गाँवों से यह परम्परागत नृत्य विलुप्त होते जा रही है ।
परन्तु इस गाँव के लिए लोग इसे संरक्षित कर नव पीढ़ी तक पहूँचा रहे हैं डंडा नाच के अध्यक्ष फागूराम सोनवानी ने बताया कि बचपन में नृत्य हनुमान सिंह साहू से सीखा जो आज 88 वर्ष के हो चुके हैं
परन्तू आज भी सभी गीत उन्हे मौखिक याद हैं आज भी वे उसी उमंग के साथ गातें हैं अब नृत्य नहीं कर सकते इस कारण बैठकर गाते हैं डंडा नृत्य को संरक्षित करने में गाँव के युवा षडप्रकाश किरण कटेन्द्र को योगदान है उन्हीं के मार्गदर्शन डंडा नाच की विधा को बहुत से मंचों में स्थान मिला विगत वर्ष राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा सम्मान मिला इस वर्ष जिला स्तरीय युवा महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त किया संसदीय सचिव , विधायक कुंवर निषाद ने कलाकारों का सम्मान किया गीतकारी फत्तेराम साहू ने बताया
कि हनुमान सिंह साहू के परम्परागतों गीतों का संग्रहण बहुत आवश्यक है ताकि इन पुरातन गीतों को नव पीढ़ी तक पहूँचाई जा सके कार्यक्रम में दीनू राम सोनवानी , मूलचंद साहू , केवल सिंह साहू , डामन लाल सोनवानी , मस्तराम शांडिल्य , आशा राम साहू , चुमन लाल साहू , जितेन्द्र यादव , ढालसिंह कटेन्द्र , हरिराम साहू ,महात्मा यादव , राहुल साहू ,रवि यादव ,रघेन्द्र यादव उपस्थित रहे।