शिक्षा और संस्कार का केंद्र है सरस्वती शिशु मंदिर- जगदीश देशमुख
बालोद।शिक्षा के साथ-साथ विद्यालय में खेल एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का अहम योगदान है।
यह भी शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। खेल एवं सांस्कृतिक आयोजन के अंतर्गत विद्यार्थियों का भाग लेना शिक्षा, संस्कृति, कला तथा व्यक्तित्व विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा है ।
विद्यालय के मंचों से निकलकर विद्यार्थी समाज में जाता है तब यही से यही मंचीय शिक्षा भी उस व्यक्ति के साथ उभरकर सामने आता है। समाज में बहुत सारे विद्यालय चलाए जा रहे हैं लेकिन प्रदेश में सरस्वती शिशु मंदिर बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कार गढ़ने की पाठशाला है ।यहां के आचार्य गण निष्काम भाव से बच्चों को विद्यादान कर रहे हैं। उक्ताशय के विचार प्रदेश विद्या भारती के सदस्य तथा जिले के वरिष्ठ साहित्यकार जगदीश देशमुख ने सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि की आसंदी से व्यक्त किए ।कार्यक्रम का अध्यक्षता वार्ड क्रमांक एक के पार्षद लेखन साहिरो ने किया ।विशिष्ट अतिथि सरस्वती शिशु मंदिर जिले के उपाध्यक्ष बीआर बेलसर, वार्ड क्रमांक 20 के पार्षद सरोजनी साहू ,रामेश्वरी यादव ,छन्नूलाल साहू ,मंजू साहू उपस्थित थे। बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की नयनाभिराम प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया ।बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामवासियों ने शाम तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद लिया।