EXCLUSIVE- विश्व शौचालय दिवस पर धनगांव पंचायत को मिलेगा राज्य में स्वच्छ सुंदर समुदायिक शौचालय पुरस्कार का पहला स्थान, ₹1 लाख मिलेगा इनाम, वर्चुअल कार्यक्रम होगा आज

बालोद। बालोद जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है कि यहां शासन द्वारा चलाए जा रहे राज्य स्वच्छता पुरस्कार 2020 के लिए बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम पंचायत धनगांव का चयन हुआ है। इस गांव के सरपंच सचिव को शासन की योजना के तहत ₹1 लाख का पुरस्कार मिलेगा। यह पुरस्कार संस्थागत श्रेणी के अंतर्गत सबसे सुंदर सामुदायिक शौचालय पुरस्कार के तहत प्रथम श्रेणी के रूप में दिया जा रहा है। जिसमें गांव के सरपंच अंजोर सिंह निषाद, सचिव नरेंद्र पटेल को शासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। वर्चुअल कार्यक्रम आज 19 नवंबर को सुबह 11:00 से दोपहर 1:30 बजे तक एनआईसी के माध्यम से होगा। पुरस्कार वितरण पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव करेंगे। सभी चयनित सरपंच सचिव को उक्त वर्चुअल पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निर्धारित समय पर जिले व विकासखंड के एनआईसी सेंटर में उपस्थित होने कहा गया है। राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के मिशन संचालक धर्मेश कुमार साहू ने सभी चयनित सरपंच सचिव को पत्र जारी कर दिया है। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से अलग-अलग वर्ग पर पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
घोटिया पंचायत को भी मिलेगा माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के लिए प्रथम पुरस्कार
इसी तरह डौंडी ब्लाक के ग्राम घोटिया पंचायत को एमएचएम यानी माहवारी स्वच्छता प्रबंधन युक्त ग्राम पंचायत पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। जो छत्तीसगढ़ में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करेंगे। यहां की सरपंच ममता मंडावी व सचिव कुशल सिंह को 51 हजार रुपए का पुरस्कार मिलेगा। इसी तरह 14 अलग-अलग श्रेणी के पुरस्कार घोषित किए गए हैं। जिसमें छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिले के पंचायत और संस्थान शामिल हैं।
शौचालय नहीं यहां किसी बगीचे जैसा होता है माहौल

बता दें कि धनगांव पंचायत में स्वच्छता को लेकर खास ध्यान दिया जाता है। यहां का सार्वजनिक शौचालय, शौचालय की तरह नहीं बल्कि किसी गार्डन की तरह नजर आता है। शौचालय की दीवारों पर आकर्षक चित्रकारी तो वही गार्डनिंग यहां का मुख्य आकर्षण है। जिसने इसे पूरे छत्तीसगढ़ में एक अलग पहचान दिलाई है। इस शौचालय की पंचायत प्रशासन व स्वयं ग्रामीणों द्वारा भी नियमित देखभाल की जाती है। तो वही ग्रामीणों द्वारा इसका इस्तेमाल भी किया जाता है।