नर्मदाधाम व जेवरतला पहुंचे सीएम देखिए क्या हुई घोषणाएं?
डौंडीलोहारा। सीएम भूपेश बघेल ने नर्मदा धाम में नर्मदा मैया की पूजा अर्चना कर प्रदेश की जनता की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने नर्मदा धाम के कुंड में दीपदान किया और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बालोद जिले के ग्राम सूरसुली में नर्मदाधाम कुंड में नर्मदा मईया की पूजा अर्चना एवं दीपदान कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने यहाँ भगवान शिव मंदिर में भी पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने माता नर्मदा और भगवान शिव से प्रदेश की सुख समृद्धि और मंगलमय की कामना की। इस मौके पर ग्रामवासियों ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत और उपहार स्वरुप माता नर्मदा माता का चित्र भेंट किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अपने संक्षिप्त संबोधन ने कहा कि उन्हें यहां आने का दूसरी बार मौका नसीब हुआ है। उन्होंने कहा कि माता नर्मदा और जनता के आशीर्वाद से उन्हें जन सेवा करने का मौका मिला है। नर्मदा धाम पुण्यभूमि है। यहां साधु संत साधना करते हैं। उन्होंने यहां चातुर्मास कर रहे स्वामी आत्मानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया और कहा कि स्वामी जी जब तक प्रदेश में रहेंगे उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब साधु संत किसी स्थान पर कठोर साधना करते हैं तो वह भूमि और अधिक महत्वपूर्ण और पुण्य भूमि बन जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को स्वामी जी का प्रवचन सुनने का अवसर मिला इससे इस स्थान का महत्व और अधिक बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कोई साधु संत चातुर्मास करते हैं तो उनसे आशीर्वाद लेने का अवसर मिलता है। मुख्यमंत्री ने माता नर्मदा धाम के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए पुल पुलिया और सड़क बनाए जाने की सहमति दी। ग्राम सुरसुली जेवरतला से 5 किमी दूर है, नर्मदाधाम में दीपदान का महात्म्य है, मुख्यमंत्री नर्मदाधाम में दर्शन के लिए पृथक समय लेकर आए।
मुख्यमंत्री ने किसान गोपीचंद हिरवानी के घर किया भोजन
ठेठरी रोटी के साथ इड़हर की सब्जी का मुख्यमंत्री ने लिया स्वाद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत ग्राम जेवरतला पहुंचे। जेवरतला में किसान गोपीचंद हिरवानी के घर मुख्यमंत्री ने दोपहर का भोजन किया। तिलक लगा कर गृहस्वामिनी ने मुख्यमंत्री का घर मे स्वागत किया। गोपीचंद ने मुख्यमंत्री को अपने खेत में उगाए धान का चावल परोसा। ठेठरी रोटी के साथ मुख्यमंत्री ने किसान श्री गोपीचंद के घर उड़द दाल और कोचई के पत्ते से बनी इड़हर की सब्जी का स्वाद लिया। साथ ही सिलबट्टे पर पिसी टमाटर की चटनी, मूनगा भाजी भी किसान श्री गोपीचंद ने मुख्यमंत्री को खिलाया।मुख्यमंत्री ने गोपीचंद हिरवानी के परिवारजनों से भेंट की और स्वादिष्ट भोजन के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने गोपीचन्द के घर के बच्चों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना और बच्चों को आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने श्री गोपीचन्द के घर की महिलाओं को साड़ी व बच्चों को वस्त्र उपहार स्वरूप भेंट किये।
अईरसा पकवान से तौलकर जेवरतला के ग्रामीणों ने किया स्वागत
भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए गुण्डरदेही विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जेवरतला पहुंचे। छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री को जेवरतला में अईरसा पकवान से तौलकर ग्रामीणों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति व पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के इस भाव से अभिभूत होकर उन्हें इस स्नेह के लिए धन्यवाद दिया।
गुड़ की मिठास और चांवल आटे के मेल का जायका है अईरसा पकवान
गुड़ और चावल के आटे के मेल से बना अईरसा पकवान छत्तीसगढ़ के पकवानों में विशेष स्थान रखता है। इसे तैयार करने की विधि भी बहुत खास है। पहले चावल को धोकर इसे रातभर सुखाया जाता है। सूखे चावल को पारंपरिक रूप से ढेकी में कूटा जाता है। फिर गुड़ की चाशनी में इस चावल आटे को मिलाकर और कढ़ाई में तेल से तल कर अईरसा पकवान तैयार किया जाता है। छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों में अईरसा पकवान विशेष रूप से खाया जाता है।
बोरे बासी से अईरसा तक छत्तीसगढ़ी व्यंजन और संस्कृति को मुख्यमंत्री दे रहे बढ़ावा
छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के प्रति मुख्यमंत्री श्री बघेल का विशेष जोर है।मुख्यमंत्री की पहल पर पहली बार बोरे बासी दिवस का पूरे प्रदेश में आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ी परंपरा को बढ़ावा देने के इस प्रयास से बड़े पैमाने पर लोग जुड़े। इसी प्रकार स्थानीय तीज त्योहारों पर अवकाश सहित इन अवसरों पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति को भव्यता प्रदान करने की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है।
नाहन्दा निवासी पुनेटश्वरी कश्यप से मुख्यमंत्री ने पूछा- क्या मिलता है राशन में, उसने उत्तर दिया – सब कुछ मिलता है।
पुनेटश्वरी ने कहा कि गौठानों में बन रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के अन्तर्गत हम 100 लोग काम करना चाह रहे हैं, उसने मुख्यमंत्री से सहायता मांगी, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा – इनके लिए शेड बनाये।
सोहनलाल कश्यप ने बताया कि उनकी 51 एकड़ में किसानी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से धान खरीदी की समय सीमा एक नवंबर करने की मांग की।मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से पूछा – राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से लाभ मिल रहा है क्या !
ग्रामीणों ने कहा – हाँ
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला पिनकापार की प्राचार्या संगीता खोबरागड़े को निलंबित करने के निर्देश दिए ।प्राचार्या के खिलाफ 12वीं की छात्रा हर्षिता यादव ने मुख्यमंत्री से शिकायत की और बताया कि प्राचार्या का व्यवहार बच्चों से ठीक नहीं है, स्थानांतरण होने के बाद भी प्राचार्या पद पर बनी हुई हैं और फीस भी ज़्यादा लेती हैं वर्मी कंपोस्ट से गांव की समूह से जुड़ी जया साहू और सदस्यों ने 2 लाख 10 हजार रुपये कमाए हैं।बाड़ी योजना पर भी जानकारी मुख्यमंत्री ने ली।
खपरा भाठ की महिला सुलोचना ने बताया कि अब तक केला के उत्पादन से 30 हजार रुपये कमा चुके हैं। 1 लाख 70 हजार रुपये और मिलेंगे।
मुख्यमंत्री से सुलोचना ने शेड की मांग की, जिसे मुख्यमंत्री ने तुरंत स्वीकृति दी।
नवागांव की राजीव युवा क्लब की मितान गायत्री साहू ने राजीव मितान क्लब की गतिविधि के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताया।
उसने कहा कि अभी हमें सकारात्मक कार्यों के लिए 25 हजार रुपये मिले हैं।
वहीं जनक साहू, खुरसुल ने बताया कि मटका फोड़ , हरेली पर्व पर आयोजन किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ ओलिंपिक में हिस्सा लें।
किसान राजेश साहू ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपकी सरकार बनने से हम किसान भाइयों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं। हमारी बहनों को भी रोजगार मिला है। बर्दा गांव में आपकी माता जी की प्रतिमा स्थापित की है, आप हमारे गांव आएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि आप भी मेरी माँ के बेटे जैसे हैं न, आप भी यह कार्य कर सकते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूछा :- इस पर ग्राम देवरी की गुंजा साहू ने इंग्लिश में जवाब देते हुए अपना नाम बताया।
फिर मुख्यमंत्री ने घर के सदस्यों के बारे में पूछा लोगों ने बताया कि पहले गुरुकुल स्कूल में 21 हजार फीस था लेकिन अब आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में अब नि:शुल्क अंग्रेजी शिक्षा मिल रही है।