वन स्टेशन, वन उत्पाद, जिले के दो स्टेशन से हुई शुरुआत – स्थानीय प्रोडक्ट “बालोद शक्ति” को मिलेगी नई पहचान

जय बंजारी मां क्षेत्रीय संघ के उत्पाद की स्टाल लगी बालोद रेलवे स्टेशन में

बालोद। 75 वी आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल के अंतर्गत एक स्टेशन, एक उत्पाद स्कीम शुरू की गई है । जिसके तहत विभिन्न रेलवे स्टेशन में खासतौर से महिला समूह को प्रोत्साहित करते हुए स्वदेशी पद्धति से हस्तनिर्मित आचार बड़ी मसाले आदि का स्टाल लगाने की सुविधा दी जा रही है। इसकी शुरुआत बालोद जिले में भी हो गई है। बालोद और दल्ली राजहरा रेलवे स्टेशन में चयनित महिला समूह 15 दिन तक स्टॉल लगा सकेंगे। इसकी शुरुआत बालोद में जय बंजारी क्षेत्रीय संघ समूह से की गई है। जहां समूह के अध्यक्ष चित्ररेखा साहू व सहयोगी लक्ष्मी तारम ने बालोद शक्ति के नाम से बनाए गए प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगाई है। अभी अस्थायी रूप से स्टॉल लगेगी फिर आने वाले दिनों में रेलवे की योजना के तहत महिलाओं को स्थाई गुमटी बना कर दी जाएगी। हर 15 दिन में एक समूह को यहां स्टॉल लगाने का मौका दिया जाएगा। कोई भी समूह इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। एक स्टेशन, एक उत्पाद की शुरुआत बालोद जिले में होने के साथ बालोद शक्ति नाम के प्रोडक्ट को भी एक नई पहचान मिलेगी। ज्ञात हो कि चित्ररेखा साहू बालोद शहर में महिलाओं को संगठित करने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने में अहम भूमिका निभाती आई है। विगत करीब 6 साल तक उन्होंने नगर पालिका के तहत रेन बसेरा, आश्रय स्थल का संचालन भी बखूबी किया था। अब उन्होंने बालोद शक्ति के नाम से स्वदेशी प्रोडक्ट बिक्री शुरू की है। इसका इसका स्थायी स्टॉल नया बस स्टैंड बालोद में है। तो वहीं अब रेलवे की इस योजना के तहत भी बालोद शक्ति प्रोडक्ट की पहचान रायपुर- दल्ली राजहरा रेलवे रूट पर होगी। दल्ली राजहरा में भी एक समूह द्वारा इसी तरह स्टॉल लगाया गया है। बालोद में इस स्कीम के शुभारंभ पर समूह से जुड़ी चित्रलेखा साहू, लक्ष्मी तारम, अनिता देशमुख, संतोषी यादव, रेणुका निर्मलकर, सावित्री ठाकुर सहित अन्य मौजूद रहे। रेलवे के अफसरों ने महिलाओं के इस प्रयास को सराहा।

क्या है योजना, यह भी जानिए

स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए रेलवे में वन स्टेशन- वन प्रोडक्ट स्कीम शुरू की है। जिसके तहत स्टेशन के तहत आने वाले क्षेत्र में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत हैंडीक्राफ्ट, टेक्सटाइल अथवा हैंडलूम ट्रेडिशनल गारमेंट स्थानीय कृषि उत्पाद प्रोसैस्ड और सेमी प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट शामिल किए गए हैं। उत्पाद ऐसे होना चाहिए जो मौजूदा लाइसेंस धारकों के कारोबार को प्रभावित ना करते हैं। योजना के मुताबिक पूरे देश भर में रेलवे द्वारा 5328 स्टेशनों पर वन स्टेशन वन प्रोडक्ट (ओ एस ओ पी) योजना शुरू की जा रही है। इससे स्थानीय भारतीय उत्पादों को देश भर में पहचान मिलेगी। उनका बाजार व्यापक होगा और विदेशी उत्पादों को वह बाजार से बाहर करने में सहायक होंगे। रेलवे के इतिहास में पहली बार किओस्क लगाने के लिए 15 दिनों की महज ₹1000 फीस ली जाएगी। रेलवे मंत्रालय ने देश भर के 16 जोन में इस संबंध में निर्देश जारी कर स्टेशनों की सूची भी जारी की थी। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह, स्वैछिक सेवा संगठन, सहकारी समितियां योजना में शामिल हो सकेंगे। यदि एक स्टेशन पर दो लोग आवेदन करते हैं तो लॉटरी सिस्टम से ड्रा निकाला जाएगा। साथ में इस योजना के तहत जिसे किओस्क आवंटित किया जाएगा। उनसे शपथ पत्र लिया जाएगा कि इससे रेलवे की छवि खराब नहीं होगी। विदेशी उत्पादों को टक्कर देने के लिए यह योजना कारगर साबित हो सकती है। रेलवे में इस योजना के जरिए महिला समूह की भागीदारी से महिलाओं में भी एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है और नारी शक्ति को प्रोत्साहन मिला है।

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