7 साल पुराने छग के नॉन घोटाले में अनुपातहीन संपत्ति रखने वाले बालोद वेयरहाउस के प्रबंधक दिलीप शर्मा को हुई 4 साल की सजा
बालोद। 7 साल पुराने नॉन घोटाला मामले में बालोद वेयर हाउस में पदस्थ रहे दिलीप शर्मा प्रबंधक को जज ने अनुपातहीन संपत्ति रखने के मामले में 4 साल की सजा सुनाई है। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सरोजनंद दास के न्यायालय द्वारा आरोपी दिलीप कुमार शर्मा आ. स्व. शिवदयाल शर्मा, उम्र 55 वर्ष, शाखा प्रभारी स्टेट वेयर हाऊस कापोरेशन बालोद में प्रबंधक के पद पर थे, स्थायी पता देवपुरी, कृष्णा पब्लिक स्कूल के मोड़ के पास रायपुर को धारा 13(1). 13 (2) (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 ) के अपराध में 4 साल का सश्रम कारावास व 50,000 रूपए के •जुर्माना से दण्डित किया गया. अतिरिक्त लोक अभियोजक के अनुसार आरोपी दिलीप कुमार शर्मा सहकारी खाद्य विपणन समिति में सन् 2014-15 में प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे तब एसीबी रायपुर को आरोपी के पास आय से अधिक सम्पत्ति अर्जन करने की सूचना मिली तब एसीब रायपुर के निर्देशन में तत्कालीन विवेचक एसके सेन एवं उनके सहयोगियों द्वारा 12 फरवरी 2019 को आरोपी के बालोद स्थित मकान में रेड किया तब वहां एसीबी ने आरोपी के पास कुरूद एवं रायपुर के मकान के कागजात तथा अलग-अलग बैंकों में आरोपी दिलीप कुमार शर्मा के नाम पर तथा माता, पत्नी व बच्चे के बैंक खाते के पासबुक जब्त कर गवाहों के समक्ष जब्ती पत्रक तैयार किया गया था तथा उसके पास से सोना, चांदी के जेवरात चारपहिया वाहन, दोपहिया वाहन व दैनिक उपभोग की वस्तुएं और लगभग राशि 22,96,150 रूपये नगद मिला था. प्रकरण में गवाहों के परीक्षण एवं दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर आरोपी दिलीप कुमार शर्मा के खिलाफ सबूत पाये जाने से आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।
नान घोटाले में छापे के बाद 12 अफसर-कर्मचारी हुए थे गिरफ्तार
7 साल पहले नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में छापे के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रायपुर के मैनेजर शिव शंकर भट्ट सहित 12 अफसरों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों को एनडी तिगाला की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। सात आरोपियों ने जमानत की अर्जी लगाई थी। कोर्ट ने सभी का जमानत आवेदन निरस्त कर 4 अप्रैल तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। एंटी करप्शन ब्यूरो ने सभी आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। अचानक गिरफ्तारी से नान के आरोपी अफसरों और कर्मचारियों में खलबली थी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि उन्हें एकाएक गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उनके परिजनों को भी तब खबर हुई जब उन्हें कोर्ट ले जाया गया।
एक साथ 28 ठिकानों पर मारे थे छापे
नान का घोटाला उजागर करने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 12 फरवरी को रायपुर स्थित नान के मुख्यालय सहित 36 अलग-अलग जिलों के ऑफिसों और कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के घरों में छापे मारे थे। रायपुर मुख्यालय में ब्यूरो की टीम को नान मैनेजर एसएस भट्ट के कक्ष से डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैश मिला था। सभी जगह छापे से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए मिले थे।
कहाँ से कौन-कौन हुए थे गिरफ्तार
शिव शंकर भट्ट नान मुख्यालय के मैनेजर।
टीकम दास हरचंदानी जिला प्रबंधक नान रायपुर।
श्रीर सागर पटेल कनिष्ठ तकनीकी सहायक नान रायगढ़।
सतीश कुमार कैवर्त्य तकनीकी सहायक नान जगदलपुर।
कौशल किशोर यदु जिला प्रबंधक नान बिलासपुर।
संदीप अग्रवाल कंपनी सचिव नान रायपुर।
दिलीप कुमार शर्मा शाखा प्रबंधक स्टेट वेयर हाउस बालोद।
रविंद्र नाथ सिंह प्रभारी जिला प्रबंधक नान सूरजपुर।
देवेंद्र सिंह कुशवाहा सहायक प्रबंध नान रायपुर।
रामफूल पाठक सहायक प्रबंधक क्वालिटी कंट्रोल नान रायपुर।
अशोक सोनी जिला प्रबंधक नान कांकेर।
सुधीर कुमार भोले एएओ नान मुख्यालय रायपुर।