Sat. Sep 21st, 2024

जगन्नाथपुर में जल जीवन मिशन में पाइप बिछाने के नाम पर गड़बड़ी- घटिया पाइप 5 माह में 50 बार फटे

बालोद। बालोद ब्लाक के ग्राम जगन्नाथपुर में जल जीवन मिशन के तहत पाइप लाइन बिछाने के काम में जमकर लापरवाही सामने आई है। स्थिति यह है कि इस पंचायत क्षेत्र में पाइप लाइन बिछे पांच माह ही हुए हैं और इस दौरान 50 बार से ज्यादा यहां पाइप फूट गया है। बार-बार पंचायत प्रशासन मरम्मत करवाकर थक हार चुका है। वही पीएचई को शिकायत के बाद भी व्यवस्था नहीं सुधरी। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार को फंड जारी हुआ है। जिसके काम पीएचई विभाग के जरिए करवाए जा रहे हैं। पर इस लाखों करोड़ों के काम में भ्रष्टाचार पनप रहा है और यही वजह है कि घटिया पाइप व उसे सही तरीके से ना बिछाए जाने के कारण लगातार पाइप लाइन फट रही है। इससे जहां एक ओर पानी का व्यर्थ बहना जारी है तो दूसरी ओर लोगों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

50 बार से ज्यादा फट गई पाइप

जगन्नाथपुर के सरपंच अरुण साहू ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पाइप आए दिन फट रही है। 2 दिन पहले भी फटी थी। अब तक 50 बार से भी ज्यादा पाइप फट चुकी है। हम परेशान हो चुके हैं। मरम्मत करवाते थक चुके हैं। गलत तरीके से पाइप बिछाई जा रही है। टंकी से पानी सप्लाई शुरू होने के कुछ देर बाद कहीं पर भी पाइप फट जाती है। संबंधित ठेकेदार द्वारा गड़बड़ी की गई है। पीएचई द्वारा भी इस दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अधिकारियों को इसकी शिकायत भी किए हैं ।

26 लाख का हो रहा है काम

गांव में जल जीवन मिशन के तहत करीब 26 लाख खर्च कर पाइप लाइन बिछाई जा रही है लेकिन घटिया क्वालिटी और अनियमितता पूर्ण कार्य के चलते यह टिक नहीं पा रहा है और देखते-देखते कई जगह पर पाइप लाइन फट जाती है। जगन्नाथपुर से बालोद मार्ग का चौड़ीकरण भी हो रहा है। यहां अक्सर वाहनों का दबाव भी रहता है। सड़क किनारे पाइप ज्यादा फट रहे हैं। जैसे ही कुछ गाड़ियां गुजरती है बिछाए गए पाइप फट जाते हैं और पानी लीकेज होने लगता है। बार-बार उस जगह को खोदकर फिर पाइप सुधारना पड़ता है।

पाइप बिछाते समय नहीं डाली जा रही रेत

सरपंच अरुण साहू ने बताया कि पाइप बिछाने का नियम यह भी है कि अगर कहीं बिछा रहे हैं तो गड्ढा खोदने के बाद वहां पहले रेत डाली जाए फिर पाइप बिछाई जाए फिर उसके ऊपर दोबारा रेत डाली जाए। ताकि पाइप पर सीधा धक्का ना पहुंचे और कहीं कोई टूट-फूट ना हो। लेकिन जल जीवन मिशन के तहत बिछाए जा रहे हैं वहां तो पाइप लाइन में रेत नहीं डाली जा रही है। इस वजह से भी कई जगह पाइप लाइन फूट रही है। तो इससे पाइप की क्वालिटी को लेकर भी सवाल उठ रहा है। अधिकारियों को कहते हैं तो जवाब आता है कि स्टीमेट में ही रेत डालने का मापदंड शामिल नहीं किया गया है। इसलिए नहीं डाल सकते। जबकि रेत डालना जरूरी था।

क्या कहा सब इंजीनियर ने

जिनके देखरेख में कार्य चल रहा है उक्त पीएचई के सब इंजीनियर योगेश्वरी जोशी से जब हमने जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि पाइप बार-बार फटने की शिकायत तो आई है। इसके पीछे वजह पानी का प्रेशर अधिक होना हो सकता है। हमने संबंधित ठेकेदार का पेमेंट फिलहाल रोक दिया है। उन्हें 3 दिन से कॉल भी कर रहें, लेकिन उनका नंबर नहीं लग रहा है। वे रायपुर के रहने वाले हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए एक वाल्व लगाने की जरूरत है। ताकि पानी का प्रेशर कम हो और पाइप फटने की शिकायत ना आए। रेत नहीं डाले जाने को लेकर उन्होंने कहा कि यह हमारे एस्टीमेट में नहीं है। इसलिए रेत नहीं डाल रहे हैं। पाइप की क्वालिटी को लेकर कहा कि सभी टेस्ट होने के बाद ही पाइपलाइन बिछाई जाती है। क्वालिटी से समझौता नहीं हो रहा है।

By dailybalodnewseditor

2007 से पत्रकारिता में कार्यरत,,,,,कुछ नया करने का जुनून, कॉपी पेस्ट से दूर,,,

Related Post

You cannot copy content of this page