ये क्या हो रहा? तवेरा के गौठान निर्माण में सामने आई लापरवाही, टूटा हुआ गेट लगा, सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल भी नहीं बना
गुंडरदेही। एक तरफ सरकार कहती है कि हम नरवा गरवा घुरवा बाड़ी से गांव में विकास की नई शुरुआत करेंगे। इसके लिए सरकार करोड़ों रुपए फंड भी खर्च कर रही है।लेकिन स्थानीय पंचायतों द्वारा उन योजनाओं का सही तरीके से अमल नहीं किया जा रहा है। इसका एक जीता जागता उदाहरण गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम तवेरा में देखने को मिल रहा है। जहां पर गौठान निर्माण में जमकर लापरवाही बरती गई है। स्थिति यह है कि लाखों रुपए फंड दिए जाने के बाद भी इस गौठान में टूटा फूटा गेट लगा दिया गया है।
तो वहीं सुरक्षा के नाम पर पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है। बाउंड्रीवाल तो बनाया गया है लेकिन उसमें लोहा या सीमेंट पोल लगाने के बजाय मामूली लकड़ी के खंभे गाड़ दिए गए हैं। जो कभी भी टूट सकते हैं। सरकारी फंड आने के बाद भी इस तरह की लापरवाही पंचायत प्रशासन द्वारा की जा रही है जिसको लेकर यह पंचायत सुर्खियों में भी बना हुआ है।
शासन प्रशासन के इस योजना पर एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि आखिर फंड जारी करने के बाद उनके कार्यों में गुणवत्ता बरती जा रही है या नहीं इसे देखने वाला कोई क्यों नहीं है। क्यों जनपद के अधिकारी भी इस तरह की लापरवाही को नजरअंदाज करते हैं। जब हमने इस पूरे मामले पर गांव के सरपंच दुलार सिंग नवरंगे से चर्चा की तो उनका कहना था कि मेरे कार्यकाल से नहीं बल्कि पिछले सरपंच के कार्यकाल से बन रहा है और अभी भी कुछ काम बचा हुआ है। सरपंच दुलार सिंह यह कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए कि शासन की ओर से ही फंड नहीं आ रहा है कि जिसके चलते बचे हुए विकास कार्य को नहीं करवा पा रहे हैं। फंड आ जाएगा तो हम काम करते जाएंगे। गेट टूटने पर सरपंच का जवाब था कि गेट नया ही लगाया गया था। जब भीड़ में एक साथ मवेशी यहां आते हैं तो धक्का मुक्की के दौरान अचानक गेट टूट गया था। उसकी रिपेयरिंग करवाएंगे तो वही फंड के अभाव में पक्का बाउंड्री वॉल न बनवा पाने की बात सरपंच स्वीकार रहे हैं वहीं कुछ खामियों के लिए वे पूर्व सरपंच पर जिम्मेदारी भी थोप रहे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि आखिर इस गौठान को सवारने की दिशा में काम होगा या फिर जो यहां लापरवाही दिख रही है वह गौठान को उजाड़ने की ओर ले जाएगी।