सोनाखान की तर्ज पर राजाराव और रायपुर में भी लगेगी वीर नारायण सिंह की प्रतिमा, पढ़िए बालोद जिला पहुंचे सीएम ने और क्या-क्या घोषणा की
राजा राव पठार के वीर मेला के समापन में पहुंचे मुख्यमंत्री, समाज से बोले ये स्थल है बस्तर का प्रवेश द्वार, इसके विकास में नहीं होगी पैसों की कमी
बालोद। आदिवासी समाज के प्रमुख तीन दिवसीय वीर मेला का भव्य आयोजन गुरुर ब्लाक स्थित राजा राव पठार में 8 से 10 दिसंबर तक हुआ। इस दौरान इस वीर मेला के समापन में मुख्य अतिथि के तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे। जहां उन्होंने समाज सहित पूरे जिले भर व आसपास जिले धमतरी कांकेर से आए हुए लोगों को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि यहां विकास को लेकर कोई कमी नहीं होगी। समाज तय करें कि इस राजा राव स्थल को आगे कैसे विकसित करना है। इस जगह पर लघु वनोपज प्रसंस्करण केंद्र भी बनाया जा सकता है। यह बस्तर का प्रवेश द्वार है। यहां रोजगारमुखी काम भी हो सकते हैं कि इससे समाज के लोगों को फायदा हो। पैसों की कोई कमी नहीं होगी। आप लोग काम बताइए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राजाराव पठार में देवगुड़ी के विकास के लिए 11 लाख रूपए, शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक के लिए 30 लाख रूपए, बुढ़ादेव स्थल विकास और मूर्ति स्थापना के लिए 15 लाख रूपए की घोषणा की। राजा राव बाबा की प्रतिमा के साथ यहां शहीद वीर नारायण सिंह की प्रतिमा भी लगेगी। वही आदम कद की प्रतिमा रायपुर के जयस्तंभ चौक में लगाने की घोषणा भी उन्होंने की। वीर नारायण सिंह के शहादत को याद करते हुए उन्हें नमन किया गया तो वही समाज को इसी तरह संगठित रहने की बात भी कही गई।
भव्य झांकियां रही आकर्षक, वीर मेला में दिखी आदिवासी संस्कृति
ज्ञात हो कि 8 से 10 दिसम्बर तक हुए इस वीर मेला में आदिवासी समाज और छत्तीसगढ़ की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति का दर्शन देखने को मिलता है। यहां से बालोद जिले ही नहीं बल्कि आसपास के कई जिले के आदिवासी समाज के लोग आते हैं। जनजाति नृत्य सहित झांकियां यहां आकर्षण का केंद्र रहती है। आयोजन स्थल का प्रवेश द्वार आदिवासी संस्कृति के प्रमुख वाद्य यंत्र की थीम पर सजाया गया था। जो सबसे आकर्षण का केंद्र रहा। तो वही अलग अलग सामाजिक स्टाल भी लगाए गए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश के किसानों, आदिवासियों का आर्थिक विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोदो, कुटकी व रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई। पहले सात प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी की जाती थी, अब 52 प्रकार के लघु वनोपजों को खरीदने की व्यवस्था की गई है। धान उपार्जन केन्द्रों में किसान बारदाना 25 रूपए प्रति नग की दर से खरीदने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धान उपार्जन केन्द्रों में मात्र नौ दिनों में ही 13 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान की रिकार्ड खरीदी की गई। इस वर्ष एक करोड़ पॉच लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार लाख पचास हजार हेक्टेयर व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा व 19 लाख हेक्टेयर सामुदायिक वन अधिकार पट्टा वितरण किया गया साथ ही उसके उपभोग का अधिकार दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुॅचे, इसके लिए हाट बाजार क्लीनिक योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश में 32 प्रतिशत कुपोषण में कमी आई है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
यह भी रहे मौजूद
आयोजन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा मंत्री कवासी लखमा, प्रेमसाय टेकाम, अनिला भेड़िया, विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी नंदकुमार साय, सोहन पोटाई, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरविंद नेताम, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, विधायक संगीता सिन्हा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चंद्रप्रभा सुधाकर, सँयुक्त महामंत्री क्रांति भूषण साहू वीर मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष मानक दरपट्टी, सहित अन्य मौजूद रहे।
बारदाने पर भी बोले सीएम
तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस सामाजिक मंच पर छत्तीसगढ़ के किसानों को धान खरीदी में हो रही अड़चन को लेकर भी बात रखी। बारदाने की समस्या को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार धान खरीदी में अड़ंगा डाल रही है। फिर भी हम हार नहीं मान रहे और लगातार खरीदी जारी रखी गई है। बारदाना की समस्या जो आ रही है वह केंद्र सरकार की वजह से आ रही है। हमें पर्याप्त बारदाना उपलब्ध नहीं कराया गया है फिर भी हम धान खरीदी अनवरत कर रहे हैं।
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