फिर गरमाया शहर में अवैध प्लाटिंग का मुद्दा, युवा कांग्रेस शहर अध्यक्ष ने खोला मोर्चा
लगाया आरोप- मंदिर की जगह के साथ-साथ सिंचाई विभाग की जमीन भी दबाया, इधर विभाग को खबर ही नहीं
बालोद। एक बार फिर बालोद जिला मुख्यालय में अवैध प्लाटिंग का मुद्दा गरमाने लगा है। शासन प्रशासन की अनदेखी और ढिलाई के चलते अवैध प्लाटिंग करने वाले के हौसले पुनः बुलंद होने लगे हैं और मौकापरस्त कॉलोनाइजर एक्ट का उल्लंघन करने वाले सरकारी जमीन पर भी कब्जा करते जा रहे हैं और प्लाटिंग करके उन्हें मनमाने तरीके से बेंचते जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है बालोद शहर के बूढ़ा पारा वार्ड 19 में जहां पर मंदिर परिसर की जगह को तो अवैध प्लाटिंग करने वाले ने हड़पा ही है। साथ ही सिंचाई विभाग की जमीन को भी अपने कब्जे में ले लिया है और उस जगह को पूरी तरह से दबाकर प्लाटिंग करके बेचा जा रहा है। चोरी चुपके हुए इस कृत्य की खबर जब आसपास के लोगों को मिली तो मामला युवा कांग्रेस के पास पहुंचा। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष साजन पटेल ने अपने साथियों के साथ इस मुद्दे पर मोर्चा खोलते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। साथ ही सिंचाई विभाग के अफसरों को भी जानकारी दी। पर हैरानी वाली बात यह है कि सिंचाई विभाग को तो अब तक इस बात की कोई खबर ही नहीं थी। अधिकारी खुद अनजान है कि शहर में भी उनकी कहीं कोई जमीन है। युवा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष साजन पटेल का कहना है कि अवैध प्लाटिंग करने वाले व्यक्ति द्वारा सिंचाई विभाग की जो नहर नाली थी उसे पूरी तरह से पाट उस जगह को समतल करवा कर अपने प्लाटिंग के हिस्से में शामिल कर लिया गया है। पहले यहां सिंचाई के लिए नाली हुआ करती थी। लेकिन अब वह नहीं नजर आ रहा है। तो वहीं इधर सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि वहां कोई हमारी जमीन है, इतना जानकारी नहीं है। पुराना रिकॉर्ड देखना पड़ेगा। साफ जाहिर है कि इसी तरह विभागों की अनदेखी व सुस्ती का फायदा भी कई बार अवैध प्लाटिंग करने वाले उठाते हैं। इतना ही नहीं जिन पर आरोप लगाया जा रहे हैं उनके द्वारा वन विभाग की जमीन को भी इसी तरह से दबाने की चर्चा है। अब देखने वाली बात होगी कि मामले में संबंधित विभाग के अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं। एक बार फिर एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर युवा कांग्रेस के नेताओं ने भू माफियाओं के खिलाफ मोर्चा तो खोला है। बता दे कि भू माफियाओं का राज जिला मुख्यालय में लंबे समय से है। कभी-कभार राजस्व विभाग के अफसरों द्वारा कार्यवाही किए जाने के बाद कुछ दिनों के लिए भूमिगत होते हैं। लेकिन फिर से अपने कारोबार में संलिप्त पाए जाते हैं और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। साथ ही सरकारी संपत्ति को भी नुकसान होता है। कॉलोनाइजर एक्ट को ठेंगा दिखाकर ऐसे भू माफियाओं के द्वारा शासन प्रशासन को लाखों का चूना लगाया जाता है।
पढ़िए अभी का पूरा मामला, क्या है ज्ञापन में
नगर के वार्ड नं-19 में कॉलोनाइजर एक्ट नियम को ताक में रख हो रही अवैध प्लाटिंग में 10 फीट चौड़ी सरकारी नाली जो की किसानों के सिंचाई स्रोत एवं अन्य तालाबों में निस्तारी का स्रोत है। उसे भूमाफिया द्वारा दबा दिया गया हैं। और साथ ही मंदिर परिसर की जगह को भी कब्जा किया है। इस विषय को गंभीरता से लेते हुए युवा कांग्रेस शहर अध्यक्ष साजन पटेल ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा हैं, साथ ही उक्त भू माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग की। शिकायतकर्ता द्वारा अपनी शिकायत में बताया गया है कि खसरा नं. 731/27 पर अज्जू सांखला द्वारा अवैध प्लाटिंग किया जा रहा है। जिस पर सिंचाई विभाग द्वारा नाला निर्माण हो चुका था। जिसे भी मिट्टी द्वारा पाट कर बिक्री किया जा रहा है। उक्त खसरा नं. पर मंदिर परिसर की जो जमीन है, वह मंदिर परिसर की है उसे भी अपना जमीन कहकर बिक्री किया जा रहा है। जो जनहित में नाजायज है। साथ ही उक्त खसरा नं. पर जो प्लाटिंग किया जा रहा है उस पर शासन द्वारा जारी किये
नियमो का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं ने भू-माफियाओ के द्वारा की जा रही अवैध प्लाटिंग पर तत्काल रोक लगाने की मांग की हैं। शिकायतकर्ताओं में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष दिनेश्वर साहू, गिरीश यादव, शानू पाल और वार्ड नं 19 के साथी मुकेश सोनकर, सुनील सोनकर, चेतन सोनकर एवं अन्य साथी उपस्थित थे।
क्या कहना है इनका ?
मुख्य शिकायतकर्ता शहर युवा कांग्रेस अध्यक्ष साजन पटेल ने कहा की वार्ड नंबर 19 में हो रही प्लाटिंग में मंदिर परिसर की जगह को दबाया गया और सिंचाई विभाग की नाली जिसका उपयोग सिंचाई के लिए होता था उसको भी दबा दिया गया और ऐसे लोगों के ऊपर कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए। हमने एसडीएम को ज्ञापन दिया है। कार्रवाई का आश्वासन मिला है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई है।
अधिकारी ने कहा देखना पड़ेगा रिकॉर्ड
इधर सिंचाई विभाग में नव सदस्य अधिकारी श्री चंद्राकर ने कहा कि शिकायत कर्ताओं के माध्यम से मामले की जानकारी मिली है। रिकॉर्ड देखना पड़ेगा कि वहां हमारी जमीन है या नहीं। अगर हमारी जमीन पर कब्जा किए गए तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।