एक गरबा महोत्सव ऐसा भी, पुरुषों की नो एंट्री, महिलाओं ने मनोरंजन के साथ महसूस की सुरक्षा व स्वतंत्रता

बालोद। डौंडीलोहारा के गरबा ग्रुप के द्वारा शहर में तीन दिवसीय गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया। आयोजन के मुख्य अतिथि शारदा थवानी व विशेष अतिथि नीलू पांडे, गुणवंती गायकवाड, उर्मिला सिन्हा रहे। मुख्य अतिथि शारदा थवानी ने ग्रुप द्वारा आयोजित इस महिला कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटे से नगर डौंडीलोहारा के लिए यह आयोजन पूरे नगर के लिए गौरव है।

विशिष्ट अतिथि नीलू पांडे ने कहा कि महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति यह बताती है कि यहां पर वे अपने आप को कितना स्वतंत्र महसूस करती हैं और यही इस आयोजन की सफलता है। तीन दिवसीय आयोजित गरबा का आनंद पूरे नगर की महिलाओं एवं कन्याओं द्वारा लिया गया। लोहारा के आसपास के गांव की महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। छोटे-छोटे बच्चों की गरबा प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। ग्रुप के सदस्य माया जयेश ठाकुर ने बताया कि गरबा ग्रुप द्वारा आयोजित यहां गरबा कार्यक्रम, इसलिए विशेष है कि इसमें केवल महिलाएं ही भाग ले सकती हैं। पुरुष वर्ग के दर्शक बनकर आना भी यहां वर्जित है इसीलिए नगर की सभी वर्ग की महिलाएं यहां उपस्थित होकर पूरी स्वतंत्रता का अनुभव करती है। ग्रुप सदस्य हर्षा देवांगन ने बताया कि आयोजन बिल्कुल निशुल्क आयोजित किया जाता है। इसके कारण आर्थिक दृष्टि से सभी महिलाएं पूर्णत स्वतंत्र होती है इसीलिए छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इसमें सहर्ष सम्मिलित होते हैं। सदस्य रंजना राजपूत ने बताया कि हमारे ग्रुप द्वारा आयोजित इस गरबे की मुख्य विशेषता यह भी है कि यहां धर्म जाति से परे है भेद भाव रहित यह गरबा सभी धर्म समाज की महिलाओं एवं कन्याओं के लिए किया गया है।

सदस्य आरती संचेती ने बताया कार्यक्रम में महिलाओं की सुरक्षा पूर्णता सुनिश्चित की गई है। इसके लिए एक पुलिस महिला कर्मी पूरी तरह से उपस्थिति प्रदान करती है। सदस्य ममता साहसी ने कहा कि बाहर से कोई भी पुरुष या लड़के अंदर प्रवेश न करें इसके लिए पुलिस के द्वारा दी गई सुविधा के लिए हमारा पूरा ग्रुप लोहारा पुलिस का आभारी है। गरबा ग्रुप के सदस्य शीतल कुलदीप ने बताया कि हमारे ग्रुप द्वारा बैठक व्यवस्था पूरी तरह से सुनिश्चित की गई थी। सदस्य बिंदु देशमुख ने बताया कि ग्रुप द्वारा यह पूरी तरह से ध्यान रखा गया कि सभी के सम्मान कोई कमी ना हो।

पूर्व जनपद सदस्य पदमा देवी ठाकुर ने बच्चों का उत्साह वर्धन करने प्रतिदिन बेस्ट डांसर एवं अच्छी वेशभूषा के लिए स्वयं के द्वारा बच्चों को प्राइज दिए गए। जिसने बेस्ट डांसर का अवार्ड कुमारी जिनल जैन को दिया गया। अच्छी वेशभूषा के लिए 10 साल से कम उम्र के बच्चे में हिमानी कोसमा,हर्षा कोसमा, गरिमा मंडावी,नेहा मालेकर ,प्राची निषाद,कात्यायनी मंडावी,खुशबू मंडावी,गंगा प्रजापति, माही जननायक,सरस्वती प्रजापति, नीता प्रजापति,आरती यादव,गोरी निषाद, उज्जवल निषाद,तृषा,पल्लवी साहू को दिया गया। ग्रुप के सदस्य माया जयेश ठाकुर,हर्षा देवांगन,आरती संचेती,रंजना राजपूत, ममता साहसी, रेनू किरण निषाद , शीतल कुलदीप, माधुरी निषाद, बिंदु देशमुख,द्रोपति शिवानी, संजू रंगारी के द्वारा पूरे लोहारा के नगर वासियों द्वारा दिए गए सफलता एवं सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। विशेष सहयोग के लिए आरती संचेती को ग्रुप द्वारा सम्मानित किया गया एवं राशि देवांगन,अट्रैक्टिव डांस क्लासेस डौंडीलोहारा ने गरबा को कोरियोग्राफ किया।उनके द्वारा दिए गए सहयोग के लिए गरबा ग्रुप द्वारा उन्हें पुरस्कृत किया गया। ज्ञात हो कि


देश की लोक संस्कृति को सहेजने के लिए लोहारा में 2018 से उक्त गरबा का आयोजन हो रहा है।परंपरा ना टूटे इसलिए इस बार भी पुराना जनपद कार्यालय प्रांगण में 3 दिवसीय गरबा आयोजन किया गया। जिसमें परिवार से सिर्फ महिला सदस्य शामिल रही।

जानिए कैसे हुई शुरुआत
सबसे पहले श्रीमती विद्या गौर और श्रीमती हर्षा देवांगन ने आपस में विचार मंथन किया कि गरबा नृत्य हमारे भारत देश की संस्कृति है , लोक परंपरा है जिसमें जगत जननी मां दुर्गा के नौ स्वरूप की पूजा आराधना गरबा कलश स्थापित कर कलश के चारों ओर परिक्रमा लगाकर माता भक्ति की जाती है, क्यों ना हम भी अपने नगर में गरबा नृत्य का आयोजन करें क्योंकि भारत देश के अलग-अलग राज्यों के लोक नृत्य और लोक संस्कृति होती है। प्राचीन लोक संस्कृति का परिचय कराना तथा जीवंत बनाए रखना उनका मुख्य उद्देश्य था। 10 अक्टूबर2018 से लोहारा नगर में इसकी शुरुआत हुई ।

इस परंपरा को कायम रखने कोरोना काल में भी ऑनलाइन गरबा का आयोजन किया गया था। ताकि परम्परा को सुचारू रूप से किया जा सके। माया जयेश ठाकुर और जुली भन्साली ने बताया कि गरबा नृत्य में सर्व समाज के लोग हिस्सा लेते हैं। खासतौर पर वह व्यक्ति जो भारत की संस्कृति में शामिल गरबा नृत्य को देखने नहीं जा सकते या गरबा नृत्य में शामिल नहीं हो सकते, उनके लिए यह गरबा का आयोजन बहुत ही महत्वपूर्ण है। डौण्डी लोहारा ग्रामीण क्षेत्र के अन्तर्गत आता है और यहां हमने मिलकर गरबा की परम्परा को जागृत करने की कोशिश की है। गरबा का हमारी भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व है।

You cannot copy content of this page