दुर्ग के इस विश्वविद्यालय का पुस्तकालय हुआ हाईटेक, पढ़िये क्या है ख़ास
दुर्ग – छत्तीसगढ़ कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग की स्थापना अपै्रल 2012 में की गई विश्वविद्यालय का उद्देश्य शिक्षा, अनुसंधान एवं तकनीकी ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना है। पुस्तकालय पूर्णतः स्वचालित एवं कम्प्यूटरीकृत आधुनिक ई-संसाधनों से परिपूर्ण है, जिसकी सराहना बाहर से आए हुए, विषय विशेषज्ञों, व्यक्तियों द्वारा की गई। पुस्तकालय में लगभग 20,000 से अधिक पाठ्य पुस्तकों के नवीनतम संस्करण उपलब्ध है। साथ ही 13,000 ई-बुक्स, शोध पत्रिकाएं, सीडीरोम डाटाबेस, शोध पत्रिकाओं के पुराने खण्ड (सन् 1965 से अब तक) उपलब्ध है। यह भारतीय अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा सेरा(कंसोरसियम आफ ई-रिर्सोसेस इन एग्रीकल्चर) के माध्यम से पाठकों को कृषिकोश, ई-लर्निंग पोर्टल, ओपेक, ई-शोध आदि की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। डीडीआर (डाक्यूमेंट डिलीवरी रिक्वेस्ट) के माध्यम से देशभर के कृषि, पशुचिकित्सा, मात्स्यिकी एवं वानिकी महाविद्याल यों के शोधार्थियों को पुस्तकालय में उपलब्ध शोध पत्रिकाओं की सेवाएं दी जा रही है। पुस्तकालय में उपलब्ध ई-रिर्सोसेस के उपयोग करने हेतु आधुनिक कम्प्यूटर लैब की स्थापना की गई है। इस कम्प्यूटर लैब को आप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा गया है, जिससे हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जा सके साथ ही एक सर्वर भी पुस्तकालय में स्थापित किया गया है।