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जिला बलरामपुर के मुकेश भाई पटेल (संकुल समन्वयक) बने पढ़ई तुंहर दुआर के हमारे नायक

उनकी सफलता की कहानी लिखी है राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने

बलरामपुर।
आमा राइट ग्रीष्मकालीन प्रायोजना कार्य को संकुल शैक्षिक समन्वयक के नवाचारी शिक्षण का अभिनव पहल कर उन्होंने ये सफलता पाई। उनकी सफलता की कहानी लिखते विवेक धुर्वे राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक ने बताया कि मुकेश भाई पटेल संकुल समन्वयक जो निरंतर अपने संकुल में शिक्षकों के बेहतर कार्यो को और बेहतर बनाने में निरंतर प्रयासरत है | इनका मानना है कि अब समय आ गया है, कि हम अपनी शिक्षा पद्धति के बारे में पुनर्विचार करें और उसे नए सिरे से तराशें, क्योंकि हमारे पास वर्तमान में पर्याप्त आर्थिक साधन हैं | हमारे पास आज दुनिया तक पहुंचने का ऐसा मौका है, जो अब से पहले कभी नहीं था, और हमारे पास ऐसा नेतृत्व है, जो इन तमाम बदलावों को साकार करने के लिए प्रयासरत है | हमें अपनी शिक्षा प्रणाली को इस मौलिकता के साथ तैयार करना होगा जो हमारे सामाजिक हिसाब और जरूरतों के मुताबिक हो, क्योंकि हजारों सालों से यह धरती जिज्ञासुओं व साधकों की रही है | सभी शिक्षकों में नवाचार की संभावनाएं मौजूद होती हैं, ऐसे में जहाँ पूरा भारत देश कोरोना महामारी की चपेट में आ चुका है | जिससे सबसे ज्यादा प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है | ऐसी विषम परिस्थिति में छत्तीसगढ़ शासन ने बच्चों की शिक्षा को बिना रोके नवाचार के माध्यम से आगे बढ़ाना चाहा और पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की नवीन योजना बनाई जिससे ऑनलाइन कक्षा से बच्चों को पढ़ाई करवाने की शुरुआत की फिर देखते ही देखते मोहल्ला कक्षा, बुलटू के बोल, लाऊडस्पीकर, मिस्ड कॉल गुरुजी आदि पढ़ाई के संसाधनों को अपनाया और उसी के चलते शासन ने आमा राइट प्रायोजना को शिक्षा में लागू किया |
मुकेश भाई पटेल संकुल समन्वयक संकुल केंद्र बरती कला विकास खंड वाड्रफनगर जिला बलरामपुर में पदस्थ है | संकुल समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए इन्होंने अपने विद्यालय बालक पूर्व मा.शा. बरती कला में बच्चों को अंग्रेजी विषय का अध्यापन कार्य भी कराते है | कोविड काल में सबसे अधिक चिंता बच्चों की पढ़ाई की लगी रहती थी | उसी समय आमा राईट ने इनके मन मे एक उम्मीद की किरण जगाया तथा जो बच्चे पढाई से दूर हो रहे थे | उन्हें पुनः मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य किया |

इनके द्वारा संकुल एवं विद्यालय स्तर पर आमा राईट के सफलता के लिए किये कार्य:-

बच्चों को आमाराईट की प्रिंटेड प्रति उपलब्ध कराना :-
विद्यालय के बच्चों को आमा राईट की प्रिंटेड प्रतियां बांटी गई जिनमे वे आसानी से प्रश्न के उत्तर लिख सकें | इसके कारण बच्चों ने बढ़- चढ़ कर आमाराईट में हिस्सा लिया |
पालकों को जागरूक करना :-

इनके द्वारा एक शिक्षक के रूप में गांव में जाकर पालकों को आमा राईट के महत्व के बारे में बताया गया जिससे वे रुचि पूर्वक अपने बच्चों की मदद करने लगे |

प्रश्नों को हल करना :– इनके द्वारा बच्चों को आमा राईट के प्रश्नों को हल करने में घर घर जाकर सहयोग किया गया था सभी को अपना नम्बर उपलध कराया गया जिससे वे किसी प्रश्न को कभी भी समझ सकें |

सरपंच के माध्यम से शिक्षकों को प्रोत्साहन :-

गांव गांव में सरपंचों को जागरूक किया गया तथा विशेष जरूरत वाले बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप उनसे कांपिया भी दिलवाई गयी |

संकुल स्तर पर पीपीटी निर्माण :-

शिक्षकों का उत्साहवर्धन करने के लिए उनके फोटोग्राफ्स की पीपीटी बनाई गई जिससे पूरे संकुल में शिक्षकों के मन मे उत्साह का माहौल बन गया | और उन्होंने पूरे जोश के साथ कार्य संपादन किया |

मोहल्ला कक्षा का संचालन :--एक संकुल समन्वयक के रूप में इनके द्वारा संकुल अंतर्गत आने वाले 10 विद्यालयों के शिक्षकों को मोहल्ला कक्षा के लिए लगातार प्रेरित किया गया साथ ही में स्वयं बरती कला स्कूल कैम्पस में अंग्रेजी विषय की मोहल्ला कक्षा संचालित किया जाता है |

प्रिंटरिच वातावरण :- संकुल अंतर्गत ग्राम परसडीहा एवं बरती कला के गांवों के दीवारों पर प्रिंटरिच वातावरण निर्माण हेतु वर्णमाला गिनती अल्फाबेट आदि के चित्र बनवाये गए |

टीएलएम प्रतियोगिता का आयोजन :– शिक्षकों को उत्साहित करने तथा कक्षा में पठन प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने के लिए सहायक शिक्षण सामग्री निर्माण की प्रतियोगिता कराई गई | जिसमें सभी शिक्षको ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया |
कोरोना काल में सभी स्कूल को बंद रखा गया है, और सभी बोर्ड परीक्षा को स्थगित कर दिया गया था | तथा लोकल कक्षा को जनरल प्रमोशन के माध्ययम से कक्षा उन्नति दे दिया गया है, मई एवं जून महीना ग्रीष्मकालीन अवकाश का महीना होता है बच्चे लॉकडाउन के कारण अपने अपने घरोंं में सुरक्षित हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बच्चों को पढ़ाई में रुचि तथा सक्रिय रखने के लिए  आमा राइट प्रयोजना  को लागू किया है |  शासन के आदेश के साथ कक्षा पहली से बारहवीं तक के विद्यार्थियों के लिए प्रायोजना कार्य क्रम का पीडीएफ जारी किया गया है, जिसमें प्रोजेक्ट का नमूना दिया गया है, विद्यार्थी अपने शिक्षक के मार्गदर्शन से इस प्रोजेक्ट कार्य को पूर्ण कर  स्कूल खुलते ही जमा करना  होगा | जिसकी पूरा संकुल का निरीक्षण इनके द्वारा किया गया |

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