गांव में कोविड प्रबंधन के लिए शुरू हुई सीजी-पंच योजना, यूनिसेफ द्वारा कई जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ हुई जूम से बैठक, बालोद से सोना देवी भी हुई शामिल
बालोद/रायपुर। ग्रामीण क्षेत्र में कोविड प्रबंधन और बच्चों की सुरक्षा के संवेदनशील विषय पर ऑनलाइन बैठक गुरुवार 1 जुलाई को सुबह 11 बजे से 12:30 बजे तक हुआ। जूम मीटिंग में आयोजित इस बैठक में बालोद जिले से जिला पंचायत अध्यक्ष सोना देवी देशलहरा सहित अन्य कुल 14 जिले से अध्यक्ष व उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। जिसमें 9 जिले से अध्यक्ष व 5 जिले से प्रतिनिधि थे। इस ऑनलाइन बैठक में संयुक्त राष्ट्र संगठन की इकाई यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा आने वाले दिनों में गांव में कोविड प्रबंधन व बच्चों की शिक्षा को लेकर होने वाले प्रयासों पर चर्चा की गई कि हम कैसे पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधि होने के नाते अपने दायित्वों का निर्वहन करके इस परिस्थिति से निपट सकते हैं। बच्चों को स्वयं सेवकों के माध्यम से पढ़ाते रहने कहा गया। ताकि उनके सीखने का क्रम जारी रहे।
यूनिसेफ के सहयोग से छत्तीसगढ़ पंचायत नेटवर्क सीजी पंच का भी अनावरण किया गया है। इसके जरिए छत्तीसगढ़ के हर पंचायत के जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जा रहा है। ताकि उन्हें एक मंच पर लाकर बाल हितैषी पंचायतों के निर्माण की ओर यूनिसेफ कदम बढ़ा सके। समय-समय पर जो गाइडलाइन जारी होगी उनका पालन सरपंच पंचो से लेकर जनपद व जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों के जरिए करवाया जा सके। इस बैठक के दौरान कोविड टीका करण और पंचायतों की भूमिका पर विशेष चर्चा हुई। जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तृत जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई। सभी जिला पंचायत अध्यक्ष को कहा गया है कि लोगों को टीकाकरण के बारे में सही जानकारी दें। व्याप्त भ्रांतियों को दूर करें व टीकाकरण के लिए ऑनलाइन पंजीयन में मदद करें। लोगों को टीकाकरण कैंप व केंद्रों की जानकारी भी दे। वर्तमान में भ्रांतियों को दूर करना बहुत बड़ी चुनौती है। इसमें ग्राम स्तर पर पंचायती प्रतिनिधियों के माध्यम से काम किया जा सकता है। सभी से कहा गया है कि सामाजिक दूरी सुनिश्चित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लोगों को मास्क का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। हाथों की स्वच्छता पर ध्यान रखें। कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करवाएं। हर पंचायत में मास्क , थर्मामीटर और आक्सी मीटर की उपलब्धता सुनिश्चित करें। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष व उनके प्रतिनिधियों के अलावा विषय विशेषज्ञ में डॉक्टर गजेंद्र सिंह, बाल परितोष, श्याम बण्डी, यूनिसेफ के छत्तीसगढ़ प्रमुख जॉब जकरिया, नरेंद्र यादव, डी श्याम कुमार, मीडिया कलेक्टिव फॉर चाइल्ड राइट (एमसीसीआर) के बालोद जिले से मेंबर दीपक यादव सहित अन्य मौजूद रहे।
सरपंचों का नेटवर्क तैयार होगा सीजी पंच से
छत्तीसगढ़ में पंचायत राज संस्थाओं के सरपंचों का एक नेटवर्क तैयार किया गया है. सीजी-पंच (छत्तीसगढ़ पंचायत नेटवर्क फॉर चिल्ड्रेन) नेटवर्क ग्राम पंचायतों में बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा में सुधार के लिए काम करेगा. ग्राम पंचायतों को बाल हितैषी बनाने की अभिनव पहल की गई.
यूनिसेफ द्वारा समर्थित, इस नेटवर्क के माध्यम से सरपंचों को बेहतर प्रदर्शन करने और अपनी ग्राम पंचायतों को बच्चों के अनुकूल बनाने के लिए क्षमता निर्माण करने में सहायता की जाएगी. बस्तर में एक विशेष समारोह आयोजित कर सीजी-पंच नेटवर्क का शुभारंभ किया जा चुका है.
हितैषी बनाने के उद्देश्य से सरपंचों ने मिलाया हाथ
यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब ज़करिया का कहना है कि संविधान के तहत सरपंच सरकार के तीसरे स्तर के प्रमुख हैं और वे बेहतर ज्ञान और क्षमता के साथ अपनी ग्राम पंचायतों में बच्चों और महिलाओं के जीवन में बदलाव ला सकते हैं. इस नेटवर्क के माध्यम से सरपंचों को उनकी ग्राम पंचायतों में बाल मृत्यु दर और कुपोषण का स्तर कम करने में, बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने मदद की जाएगी. साथ ही बाल विवाह-बाल श्रम को रोकने के लिए उन्मुख किया जाएगा.
इस नेटवर्क के ज़रिए सरपंचों को ग्राम पंचायत की भूमिकाओं और शक्तियों को बेहतर ढंग से समझने, ग्राम पंचायत योजनाओं को विकसित करने और सरकारी योजनाओं और लक्ष्यों के बारे में जानने में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा, सरपंच इस नेटवर्क के माध्यम से अच्छी प्रथाओं और नवाचारों को साझा करेंगे. सफलता की कहानियों का दस्तावेजीकरण और अनुसंधान करेंगे,और साथ ही बच्चों के अनुकूल स्थानीय प्रशासन पर क्रॉस-लर्निंग की सुविधा प्रदान करेंगे.
आदिवासी सरपंचों के लिए फोरम का गठन
ज़करिया ने कहा कि कहा कि सीजी-पंच नेटवर्क के तहत, विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा करने के लिए ‘महिला सरपंचों’ और ‘आदिवासी सरपंचों’ के अलग-अलग फोरम गठित किये जाएंगे. छत्तीसगढ़ के 10,871 सरपंचों में से 5,461 (51%) महिलाएं हैं और 5,874 सरपंच (54%) अनुसूचित जाति समुदायों से हैं. छत्तीसगढ़ के 28 जिलों में 11,664 ग्राम पंचायतें हैं। कुल 11664 ग्राम पंचायतों में से, 13 जिलों की 5050 ग्राम पंचायतें (44%) संविधान की 5 वीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं, जिसमें ग्राम सभाओं को अधिक अधिकार प्राप्त हैं.
न्यूज़लेटर, व्हाट्सएप ग्रुप और लोगो
सरपंचों के गठबंधन का उद्देश्य पारंपरिक शिक्षण दृष्टिकोणों के बजाय ‘वृद्धिशील शिक्षण दृष्टिकोण’ (‘incremental learning approach’) के माध्यम से सदस्यों की क्षमता का विकास करना है. हर जिले में नेटवर्क के लोगो, फेसबुक पेज और व्हाट्सएप ग्रुप होंगे, जिन पर ‘जानबो अप्पन योजना’ (हमारी योजना जानें), ‘मोला देखल एहन पंचायत’ (परिवर्तन की कहानियां), ‘मोर कहानी-मोर जुबानी’ (अनुभव) पर कॉलम के साथ ई-न्यूजलेटर प्रकाशित किये जाएंगे.
युवा स्वयंसेवकों का समर्थन
प्रत्येक ग्राम पंचायत में कार्यक्रमों के संचालन और निगरानी के लिए नेटवर्क से जुड़े सरपंच युवा स्वयंसेवकों की मदद लेंगे. हर ग्राम पंचायत में सरपंचों की सहायता के लिए 2-3 युवा स्वयंसेवक होंगे.
यूनिसेफ विशेषज्ञ बाल परितोष दास का कहना है कि दूसरे चरण में, राज्य के 1.5 लाख ग्राम पंचायत सदस्यों (‘पंच’) को भी सीजी-पंच नेटवर्क के अंतर्गत क्षमता निर्माण के लिए शामिल किया जाएगा. इसी की शुरुआत करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ के सभी जिला पंचायत अध्यक्षों की बैठक ली जा रही है। उनके जरिए हम हर जनपद के हर पंचायत के सरपंचों तक पहुंचेंगे।