गुरुर जनपद सीईओ ने कहा मैंने सब को दी है समानता, किसी से नहीं किया दुर्व्यवहार, आरोप निराधार
गुरुर। जनपद पंचायत के सीईओ राजेंद्र पटौदी को हटवाने को लेकर जहां पहले जिला सरपंच संघ अध्यक्ष व सचिव संघ के ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा ज्ञापन दिया गया था। तो उसके बाद ब्लॉक के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा उक्त मामले में सरपंच संघ का हाथ ना होने की बात कहकर जनपद सीईओ का पक्ष लिया गया था। तो वहीं कुछ जनपद सदस्यों द्वारा फिर से जनपद सीईओ को हटवाने से संबंधित ज्ञापन दिया गया है। इस तरह लगातार उनके खिलाफ पहुंच रहे जिला प्रशासन तक ज्ञापन के संबंध में जनपद पंचायत सीईओ पटौदी आखिरकार मीडिया के सामने आए और उन्होंने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि मैंने किसी से कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है। मैंने तो सबका भला ही चाहा है। उन्होंने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि मैं 6 माह तक कैंसर से जूझ रहा था। मेरा इलाज चल रहा था। मैं तो दफ्तर ही जा नहीं पा रहा था तो इस दौरान कुछ हद तक कामकाज प्रभावित हुआ ही है।क्योंकि मैं जिंदगी और मौत से जूझ रहा था। तो वही जो लोग मुझ पर दुर्व्यवहार या उपेक्षा या दबाव पूर्ण कार्य शैली का आरोप लगाते हैं यह सब निराधार है। उन्होंने कहा कि मेरी कभी ऐसी कोई मंशा नहीं रही है। मैं अपने काम ईमानदारी से करना चाहता हूं। और अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से भी यही अपेक्षा करता हूं कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी जा रही है उन पर वे खरे उतरे। किसी तरह की लापरवाही ना हो। ताकि हम शासन की योजनाओं का सही तरीके से जनता को लाभ दे सके। उन्होंने जनपद सदस्यों के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि मैंने कभी जनपद सदस्यों में किसी तरह का भेदभाव नहीं किया। शासन से जो भी योजनाएं आती है उन्हें उनकी जानकारी दी जाती है। जो भी फंड आते हैं उन्हें उनका नियमतः आवंटन भी किया जाता है। उनके बीच किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जाता है, ना ही कोई दुर्व्यहार किया जाता है। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा जनपद क्षेत्र के विकास के बारे में सोचा है और ज्यादा से ज्यादा विकास कार्यों पर ध्यान दिया है। बता दें कि जनपद सीईओ के इस कार्यकाल में गुरुर जनपद पंचायत में कई विकास कार्य हुए हैं। वहां सभागार का निर्माण हुआ है जहां आकर्षक साज सजावट के साथ बैठक व्यवस्था की गई है ।जहां बैठके आराम से हो जाती है। इसके अलावा पंचायतों में भी मूलभूत विकास को लेकर भी उनका सार्थक प्रयास रहा है।