राज्यस्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने लिखी दुर्ग जिले के एक नवचारी शिक्षक की सक्सेस स्टोरी
दुर्ग जिले के विवेकानंद दिल्लीवार यु डी टी उच्च वर्ग शिक्षक पढई तुंहर दुआर कार्यक्रम के हमारे नायक के रूप में चयन से बढ़ा जिले का मान
दुर्ग/बालोद। विवेकानंद दिल्लीवार यु डी टी उच्च वर्ग जिनकी सरल,सहज और सहयोगात्मक व्यव्हार करने वाले शिक्षक के रूप में है जिले में एक अलग पहचान।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शुरू किए गए महत्वकांक्षी योजना पढई तुंहर दुआर कार्यक्रम में सबसे लोकप्रिय कालम हमारे नायक में स्थान बनाने वाले शिक्षक श्री विवेकानंद दिल्लीवार अपने जिले के सभी शिक्षकों को प्रोत्साहित का जिले के अपने विद्यालय के सभी विद्यार्थियों को पढाई से जोड़े रखने में सफलता हासिल की।श्री विवेकानंद दिल्लीवार यु डी टी उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर दुर्ग जिले में पदस्थ है।
हमारे नायक के राज्यस्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने इनके बारे में सफलता की कहानी लिखी है। दिल्लीवार ने सभी विद्यार्थियों को नवाचार के रूप में शिक्षा से जोड़े रखा है। कोरोना के इस त्रासदी से सबसे ज्यादा कोई प्रभावित है तो वो है शिक्षा। पर दिल्लीवार ने कोरोना वैश्विक महामारी के बीच स्कूली बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखा है।जो खिलौने बनाने से शिक्षा दे रहे। शिक्षक विवेकानंद दिल्लीवार पद-यु डी टी उच्च वर्ग शिक्षक विद्यालय-शा. पूर्व मा शाला कुथरेल ब्लॉक-दुर्ग,जिला-दुर्ग छत्तीसगढ़, जिन्होंने शुरू से बच्चों के भविष्य को देखते हुए शिक्षा से उनको दूर नही रखा है बल्कि अपने नए नए नवाचार से बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई से जोड़े रखा है।
मोहल्ला कक्षा-दिल्लीवार के द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों से संपर्क साध कर गाँव के बच्चों को मोहल्ले में जाकर कोविड-19 के सभी नियमों का पालन करते हुए मोहल्ला कक्षा का संचालन निरंतर किया जा रहा है।सभी बच्चे बहुत लगन से मोहल्ला कक्षा में अपनी पढाई को निरंतर जारी रखे हुए है।मोहल्ला कक्षा को रुचिपूर्ण बनाने के लिए बच्चों के साथ खेल के रूप में कौन बनेगा करोड़पति भी खेलते है जो कि बच्चों में बहुत उत्साह भरता है।
मास्क का वितरण-
कोरोना काल मे बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से मोहल्ला कक्षा में मास्क का भी वितरण किया जाता है।जिससे सभी बच्चे सुरक्षित रहे व उन सभी बच्चों में कोरोना वैश्विक महामारी के प्रति जागरूकता भी बढ़ने लगी है।
टी एल एम तकनीक– से गणित का अध्य्यापन करवाया जा रहा है। बच्चों को गणित विषय को और सरल व रोचक तरीके से समझाने के लिए इनके द्वारा टी एल एम तकनीक का अपने विद्यालय में उपयोग किया जा रहा है।जिससे बच्चों को कठिन विषय भी सरल लगने लगा है।
कबाड़ से जुगाड़-अपने स्कूली बच्चों को कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से भी शिक्षा से जोड़े रखे गए नावचारी शिक्षक श्री विवेकानंद दिल्लीवार ने जिनका कहना है कि जो वस्तुएं अनुपयोगी है उसका उपयोग कैसे कर सकते है उसको कबाड़ से जुगाड़ के द्वारा सिखाया जाता है।
गोद लिए बच्चों को बाटी गई निःशुल्क कॉपी-गोद लिए गए बच्चों को भी इनके द्वारा निःशुल्क कॉपी का वितरण समय समय पर किया जाता है जिससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति जागरूकता रहती है।जिनमे 2 विद्यार्थियों को उनके द्वारा कक्षा 12 तक पूरा खर्चा वहन करने का संकल्प लिया गया।
बच्चों में नशे की लत छुडाने बचत खाते का निर्माण- बहुत से बच्चों में नशे की लत होती है जिसमे बच्चे बहुत से पैसे खर्च कर देते है ऐसे समय मे नवचारी शिक्षक ने उनको समझा कर उन्ही पैसों को बैंक में खाता खुलवा कर जमा करने को प्रेरित किया जिससे आज कुल 9000 रुपये खाते में जमा है।
पर्यावरण के प्रति बच्चों को जागरुक बनाना– जैसा कि सभी को मालूम है आज के समय मे वृक्षों का क्या महत्व है ऐसे समय मे नावचारी शिक्षक ने अपने विद्यालय व गाँव मे कुल 80 वृक्ष लगा कर उनकी देख रेख की भी जिम्मेदारी ली। जिससे बच्चों को प्रेणना मिली व पर्यावरण के प्रति उनकी सोच विकसित हुए।
राष्ट्रीय बाल विज्ञान हेतु बच्चे को प्रोत्साहित-सभी स्कूली बच्चों को राष्ट्रीय बाल विज्ञान हेतु इनके द्वारा प्रोत्साहित भी किया जाता है।
कागज के खिलौने-अपने स्कूली बच्चों को कागज से कैसे खिलौने बनाया जाता है उनको सिखाया जाता है।जिससे बच्चे कागज से कौन कौन से खिलौने को बना कर खेल सकते है। इससे बच्चों में कुछ अलग पन कुछ नया करने को मिलता है।
समर केम्प में झाड़ू बनाना सिखाया-अपने बच्चों को समर कैम्प का आयोजन करके झाड़ू कैसे बनाई जाए उसको भी सिखाया गया। व चावल के पापड़ को बनाना सिखाया गया जिससे बच्चे अलग प्रकार से कुछ सीखें।
सेनेटाइजर मशीन बनाना-जय माँ शीतला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को टच लेंस सेनेटाइजर मशीन को बनाना सिखाया गया जिसमे गुंडरदेही विधानसभा के विद्यायक श्री कुँवर सिंह निषाद जी ने विद्यायक निधि की राशि से सभी ग्राम पंचायत में सभी को आर्थिक सहायता की गई।
नीव कार्यक्रम-नींव कार्यक्रम में सम्मिलित होकर स्टाल लगाया जिसमे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिनको छन्नी में पानी को रोककर दिखाया तो उसने छत्तीसगढ़ी में एक कहावत बोले,,,,,चलनी में दूध दुहे करम ला दोष दे ,ल ते तो गलत साबित कर देस।
अपचारी बच्चों को नई राह-बाल संप्रेषण गृह पुलगांव दुर्ग के जो अपचारी बच्चे है जो अपने हिंसक व्यवहार के लिए बदनाम हो चले है,वे अब कुछ कर्मवीरों के मार्गदर्शन में मोटर वाइंडिंग का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।
देशी लेपटॉप-इस खिलौने रूपी कम्प्यूटर को बनाने के लिये स्पीकर के चुम्बक का टुकड़ा जो स्क्रीन के अंदर दोनों ओर लगा रहेगा उसी में प्रश्न चिपकेगा क्योकि प्रश्न कार्ड के पीछे खराब ब्लेड लगा रहेगा।इसी प्रकार सही उत्तर वाले कार्ड के पीछे भी ब्लेड लगा रहेगा एवम गलत उत्तर वाले कार्ड मे ब्लेड नही लगाना है जिससे ओ चिपके मत।इसे अच्छा दिखने के लिये लेपटॉप के की बोर्ड का प्रिंट आउट निकालकर थर्मोकोल में चिपकाने से की बोर्ड तैयार हो जायेगा।उसी प्रकार एस्क्रिन का प्रिंट आउट चिपका देंगे इस लेपटॉप या कम्प्यूटर से हम बच्चों के सामान्य ज्ञान में वृद्धि कर सकते है ।विषय वस्तु को खेल खेल में बच्चे सीख सकेंगे इस कम्प्यूटर या लेपटॉप से सभी विषयों से प्रश्न तैयार कर उनके उत्तर की जानकारी बच्चों को मिलेगी ।वर्षा मापक यन्त्र वेस्टेज मटरेरियल से बनता है।
पुरुस्कार–
1-शिक्षक सम्मान जिला स्तरीय-2015
2-शिक्षा मित्र सम्मान -2016
3-मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण-2017
4-राष्ट्रीय अविष्कार अभियान अंतर्गत-जिला स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रमाणपत्र
5-छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग-नियमित ऑनलाइन कक्षा प्रमाणपत्र