युवा दिवस विशेष: राष्ट्रीय ताइक्वांडो निर्णायक के मुकाम तक पहुंच चुकी है हीरापुर की यामिनी, अब पुणे (महाराष्ट्र) में होने वाले अंतरराष्ट्रीय निर्णायक कोर्स में भी लेगी हिस्सा, ताइक्वांडो के साथ समाज सेवा में भी जुटी
बालोद। बालोद जिले की बहु कहे या बेटी, हाल निवास हीरापुर के रहने वाली यामिनी अब ताइक्वांडो के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी है। युवा दिवस 12 फरवरी विवेकानंद जी के जयंती के इस अवसर पर हम इस युवा प्रतिभा के बारे में बता रहे हैं। जो ताइक्वांडो में राष्ट्रीय स्तर के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कदम रखने जा रही है। आगामी 20 से 25 जनवरी तक पुणे (महाराष्ट्र) में होने वाले अंतरराष्ट्रीय निर्णायक कोर्स में भारत देश की अगुवाई करने जा रही यामिनी ने सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। यामिनी ताइक्वांडो खेल के साथ-साथ समाज सेवा भी जुटी हुई है। कहा जाता है भारत युवाओं का देश है। स्वामी विवेकानंद जी का एक संदेश जो पूरे विश्व को अपने आह्वान में झंझोट कर रख दिए स्वामी जी कहते थे:_”तुम्हें अंदर से बाहर की ओर विकसित होना होगा। कोई तुम्हें सिखा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के भीतर सब कुछ है।” इस प्रकार ये केवल संदेश ही नहीं बल्कि इस इंसान को शारीरिक मानसिक से लेकर आध्यात्मिक श्रोतों को आघात कर मिलने वाली ऊर्जा महसूस कराती हैं। आज युवा दिवस पर हम युवा यामिनी की बात इसलिए करने जा रहे हैं क्योंकि कम उम्र में ही उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अच्छा मुकाम हासिल कर लिया है।
जानिए कौन है यामिनी
यामिनी का जन्म स्थान हड़गहन ब्लॉक गुंडरदेही है। उनके पिता नरेंद्र बाबू कौमार्य, माता ललिता कौमार्य है। यामिनी की शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा अंबिकापुर, राजनांदगांव, तथा स्नाकोत्तर की पढ़ाई हेम यादव विश्वविद्यालय, शारीरिक शिक्षा दूधाधारी ऑटोनोमस महाविद्यालय रायपुर तथा, ताइक्वांडो ब्लैक बेल्ट कुकीवोन साउथ कोरिया से की है। बचपन से ही वह प्रकृति प्रेमी, पशुओं के लिए प्रेम तथा सहानुभूति रखने वाली है।
2018 से जुड़ी है खेल के क्षेत्र में,सफलता मिलती रही
यामिनी ने 2018 से खेल कूद में अपनी रुझान दिखाई फिर जमीनी स्तर से एक खिलाड़ी बनके अनुभव तथा कौशल में पकड़ बनाई । हाल ही में इन्होंने 2018 से 2024 के मध्य बच्चों को ताइक्वांडो जैसे खेल में दृढ़ता से आगे बढ़ी। साथ अब तक जिला राज्य से 7 राष्ट्रीय प्रतियोगिता, एशियन मार्शल आर्ट्स प्रतियोगिता में भाग लेके पदक भी हासिल की। साथ ही अपने जिले राज्य के टीम का प्रतिनिधित्व भी की। आज पदक विजेता होने के साथ वह राष्ट्रीय ताइक्वांडो निर्णायक है। हाल ही 20 से 25 जनवरी पुणे महाराष्ट्र , भारत देश की अगुवाई में अंतरराष्ट्रीय निर्णायक कोर्स में भाग लेने जा रही है। इनके साथ समाज सेवा जैसे विभिन्न गतिविधियों में इनका बहुत अच्छा योगदान है।
युवाओं की बनाई गैर सरकारी संगठन, होते हैं विविध आयोजन
उन्होंने युवाओं का एक गैर सरकारी संगठन भी बनाया है। जो कि छत्तीसगढ़ शासन से पंजीकृत है। अपने संस्था से युवा, शारीरिक प्रशिक्षण ,खेलकूद,बालिका सुरक्षा प्रशिक्षण,पौधा रोपण, देशी खेल कूद, स्वच्छता अभियान, साथ ही नेहरू युवा केन्द्र संगठन बालोद, दुर्ग से स्वयंसेवी तथा विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सराहनीय कदम बढ़ा रहें। हाल में शादी के बाद इनका निवास ग्राम हीरापुर में अपने पति वासुदेव तथा , परिवार सहित रहते हैं। इनका पूरा ध्यान अभी ताइक्वांडो खेल विधा में बच्चों के लिए प्लेट फार्म तैयार करना है। इनके साथ इनका पूरा टीम इस कार्य में संलग्न है।