EXCLUSIVE-आखिर क्या है? इस मां की वायरल होती वीडियो का माजरा, वृंदावन के अनिरुद्ध आचार्य की भागवत सभा से हुई है वीडियो वायरल, यह मां है बालोद जिले की,पढ़िए इनकी पूरी कहानी
बालोद/ रायपुर। पिछले 2 दिनों से सोशल मीडिया में एक भागवत सभा के दौरान की वीडियो वायरल हो रही है। जिसमें एक महाराज स्वामी एक बूढ़ी मां से बात कर रहे हैं। वह बूढ़ी मां अपने बेटे के बारे में बता रही है कि उनका बेटा प्रिंसिपल है। 12 से 14 एकड़ खेत है। फिर भी वह यहां आश्रम में रह रही है। 3 माह हो गए उनके बेटे ने उनकी खबर तक नहीं ली है। इस पर स्वामी जी उन्हें दिलासा दे रहे हैं कि आज से आपके एक नहीं दो बेटे हैं।
वह आपकी सेवा करें ना करें मैं करूंगा। वीडियो के अंत में बूढ़ी मां अपना पता बताते हुए कह रही है कि वह बालोद जिले के गुंडरदेही तहसील के ग्राम दनिया की रहने वाली है। स्वामी जी कह रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में अगर इनका बेटा कहीं दिखे तो उन्हें प्रणाम करके इस बात का ध्यान जरूर दिलाना। इस वीडियो में बालोद जिला छत्तीसगढ़ का जिक्र होने के बाद ये जमकर वायरल हो रही है।
हर कोई इस वीडियो को शेयर कर इसके बारे में, उनके बेटे के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। एक दूसरे को ग्रुप में शेयर करके महिला को पहचानने व इसके बारे में जानने को इच्छुक है। यह वीडियो हम तक भी अलग-अलग लोगों के माध्यम से आया। लोगों ने इसके पहचान में मदद करने की अपील की। जब हमने पूरे मामले की तह तक जाते हुए वीडियो को बारीकी से देखा व वीडियो में जो स्वामी दिख रहे हैं उनके बारे में, महिला के बारे में पता लगाया तो यह मामला सामने आया।
मीना नाम है इस बूढ़ी मां का, हमने की उनके बेटे से भी बात तो उन्होंने कहीं यह बात
वीडियो में मां जो पता बता रही है वह सही है। वह बालोद जिले के गुंडरदेही ब्लॉक के ग्राम दनिया की ही रहने वाली है। उनका नाम मीना बाई देशमुख उम्र लगभग 70 साल है। वही वह जिस इकलौते बेटे का जिक्र कर रही उनका नाम खुमान सिंह देशमुख हैं जो हायर सेकेंडरी स्कूल माहुद में पदस्थ हैं। जब हमने अपने स्रोत से उनके बेटे का मोबाइल नंबर लिया। उनसे सीधे बात की और इस बारे में जानकारी ली तो उनके बेटे ने कहा कि उन्हें भी वीडियो देखकर पता चला कि उनकी मां कहीं चली गई है। यह वीडियो वृंदावन की है। बेटे का कहना है कि उनकी मां शुरू से ही सबसे अलग-थलग रहती थी। पिता के साथ भी वह ठीक से नहीं रही। अलग रहने लगी। इस बीच पिता का देहांत हो गया। जिसके बाद हमने मां को कहा कि हमारे साथ रहो लेकिन वह नहीं रहना चाही।
3 माह बाद मेरी पत्नी का देहांत हो गया। इस बीच मैं अपने बच्चों के साथ रहता रहा। मां अलग रहने की इच्छा जाहिर करती रही। ग्रामीणों द्वारा भी उन्हें समझाया गया। मैं उन्हें भरण-पोषण राशि भी देता रहा। मां अक्सर कभी अपने बहन के यहां तो कभी दूसरी जगह रिश्तेदारों के यहां चली जाती थी। जो 15 से महीने दिन में आती थी। वह दिवाली के पहले से अपनी बहन के यहां अर्जुन्दा में गई हुई थी और वहां से कब वृंदावन चली गई मुझे जानकारी नहीं थी।
जब यह वीडियो भी मुझ तक पहुंची तो मुझे जानकारी हुई। मैंने वृंदावन की उक्त संस्थान के लोगों से बात भी की व उन्हें अपनी बात भी बताई। वहां के लोगों ने कहा कि स्वामी जी से चर्चा करके बताएंगे कि उनकी मां को घर भेजना है या नहीं? बेटे का कहना है कि मैं तो मां को रखना चाहता हूं लेकिन वह साथ नहीं रहती तो क्या कर सकता हूं। गांव वालों से भी पूछ सकते हो, मैंने उन्हें रखने के लिए क्या कुछ नहीं किया है।
इधर इस स्वामी जी के बारे में जानिए
वीडियो उत्तर प्रदेश के वृंदावन की है। जो कथा बता रहे हैं उनका नाम अनिरुद्ध आचार्य है। जो ऐसी माताओं की अपने आश्रम में सेवा भी करते हैं और देश भर में विख्यात भी हैं। उक्त बूढ़ी मां उनके ही आश्रम में रह रही है। ये वीडियो दो-तीन दिन पुरानी है। कथा के पांचवें दिन वहां मौजूद लोगों को एक तरह से एक मां बेटे के रिश्ते का प्रसंग बताने के लिए स्वामी जी ने महिला को मंच पर बुलाया था और उनके बारे में बताने कहा। इसके बाद यह वीडियो छत्तीसगढ़ से जुड़ी होने के कारण धीरे-धीरे वायरल हो गई।
ध्यान दें,,,,
हमारा मकसद इस खबर के जरिए मां बेटे के रिश्ते में मधुरता लाना है। इसे कोई अन्यथा ना लें। जो वीडियो वायरल हो रही है वह अगर देखे दो इससे समाज में एक पक्षीय भावना का भी संचार हो रहा है। तो लोगों को यह जानने की जरूरत है कि दूसरा पक्ष भी क्या है। हम भी चाहते हैं कि यह मां खुश रहे, चाहे जहां भी रहे उसकी खुशी जहां रहने में है वहां रहे। तो वही हम समाज से भी अपील करते हैं कि अपने माता पिता का आदर, सम्मान करें। उनकी खुशी में अपनी खुशी ढूंढे। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। हर घर में छोटी मोटी बात होती है। पर उन्हें समझने की जरूरत है। जिनकी वजह से हम इस दुनिया में आए हैं उनका साथ कभी ना छोड़े। कभी कुछ गलतियां होती है तो अपनी गलती मान कर माफी मांगे। बड़ों के सामने झुकने से कोई छोटा नहीं होता है।