BigBreaking- धमतरी के कई एटीएम में हुई थी 1 करोड़ 81 लाख रुपये की धोखाधड़ी, पुलिस ने दो ठग को पकड़ा, आरोपियों को एटीएम ले जाकर डेमो भी करवाया कि कैसे निकालते थे पैसे? देखिये कैसे नोट को मोड़ कर बैंक को लगाते थे चूना
दादू सिन्हा, धमतरी। शहर के एटीएम में हुई करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में धमतरी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लाया गया है। बता दे कि शहर के स्टेट बैंक के एटीएम से करोड़ों की गड़बड़ी हुई थी। यह गड़बड़ी 18 जुलाई से 02 दिसंबर तक की गई थी। जिसमें लगभग 01 करोड़ 81 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला आया था।, जिसकी शिकायत कोतवाली पुलिस में की गई थी।
इस मामले में पुलिस जांच में जुटी हुई थी, इस दौरान पता लगा कि इस तरह के मामलों से जुड़े कुछ आरोपियों को जगदलपुर पुलिस ने पकड़ा है। शुक्रवार को कोतवाली पुलिस ने जगदलपुर से दो आरोपियों को पकड़ कर लाया गया। आरोपी जौनपुर के रहने वाले हैं, जिनका नाम अनुराग यादव, जनार्दन यादव बताया जा रहा है। जिन्होंने बैंक के एटीएम से अलग-अलग टाइम में 1 करोड़ 81 लाख रुपए गायब किए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा ठाकुर ने बताया कि आरोपियों के पास एटीएम कार्ड मौजूद रहते थे। जो एटीएम में रकम निकालने जाते जब रकम मशीन से बाहर आने लगती तो रकम की गड्डी के एक नोट को मोड़ कर बाकी रकम निकाल लेते।
जो नोट मुड़ा हुआ रहता उसे वापस मशीन में छोड़ देते थे। जिससे बैंक भी यह जज नहीं कर पाते थे कि एक नोट को छोड़ बाकी रकम निकल गई है। ऐसा हर एटीएम में करते थे। बल्कि बैंक को भी सूचना देते थे कि उनकी रकम नही निकल रही तो जब बैंक पुनः उतनी रकम डालते तो उसे भी यह निकाल लेते थे। शुक्रवार की शाम को आरोपियों को रिमांड पर पकड़ कर धमतरी लाया गया और शहर के एटीएमों में डेमो भी कराया गया। ताकि यह समझ सकें कि कैसे वे पैसे गायब करते थे और पुलिस व बैंक सतर्क रहें। आरोपियों ने धमतरी के कई एटीएम को ऐसा ही निशाना बनाया था। जो अपने आप में भी एक अलग तरह की ठगी है। इस दौरान एएसपी मनीषा ठाकुर, कोतवाली प्रभारी नवनीत पाटिल बैक अधिकारी भी मौजूद थे।
पैसा निकालते समय एक नोट को मोड़ कर इस तरह खेलते थे ठगी का खेल
पुलिस के मुताबिक जब आरोपी एटीएम से अपने खाते का पैसा निकालने के लिए आते थे तो वह पैसा निकालते समय ऊपर के नोट को मशीन से खींचते समय जानबूझकर मोड़ देते थे और नीचे का नोट बाहर निकाल लेते थे। फिर उसके बाद वह कंट्रोल रूम में फोन करते थे कि मेरा पैसा नहीं निकला। एटीएम में फस गया है पर बैलेंस कटने के मैसेज आ गया है। इसे एटीएम की तकनीकी त्रुटि मानकर फिर कंट्रोल रूम के जरिए बैंक द्वारा उनके खाते में वह रकम वापस जमा कर दी जाती थी। इस तरह उन्हें डबल फायदा होता था। एक नोट को मोड़कर मशीन के भीतर छोड़ने के बदले उनके खाते में एक बार फिर पैसा बैंक से डाल जाता था तो दूसरा नकदी निकाल भी लेते थे। ऐसा वे कई एटीएम में कर चुके थे।