अच्छी पहल : बालोद जेल में आर्ट ऑफ लिविंग ने कराया 160 कैदियों को ध्यान

बालोद। यूनाइटेड नेशन्स द्वारा 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया गया है।
जिसमें आर्ट ऑफ लिविंग प्रणेता श्रीश्री रविशंकर को मुख्य रूप से यूनाइटेड नेशन्स द्वारा प्रथम विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में आमंत्रित किया गया है। जिसमें गुरुदेव के साथ इस विश्व ध्यान दिवस पर लाखों की संख्या में लोग ऑनलाइन व ऑफलाइन जुड़कर ध्यान करेंगे। गुरुदेव द्वारा पिछले 43 वर्षों से पूरी दुनिया में मानवता के कल्याण के लिए योग, ध्यान के साथ साथ विभिन्न वर्गों में मानव सेवा के कार्य को निरंतर किया जा रहा है। पूरी दुनिया में वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को जागृत कर रहे है।
इसी श्रृंखला में आर्ट ऑफ लिविंग के टीचर व वॉलंटियर द्वारा भी इस विश्व ध्यान दिवस में अलग अलग स्थानों में लोगो को ध्यान कराया जा रहा है। बालोद जेल में भी आर्ट ऑफ लिविंग शिक्षक धीरज शर्मा व नोहर देशमुख द्वारा 160 कैदियों को ध्यान कराया गया। श्री शर्मा ने ध्यान के अद्भुत फायदे बताए। जिसमें उन्होंने कहां कि ध्यान से मन की शांति मिलती है, मस्तिष्क तनाव मुक्त होता है, शरीर स्वस्थ, भीतर के हैप्पी हार्मोंस बढ़ते है, याददाश्त अच्छी होती है, निर्णय क्षमता का विकास होता है, जैसे कई फायदे है। ध्यान करने वाले सभी कैदियों का अनुभव बहुत ही सुखद, आनंददायक रहा। अभी कैदियों ने संकल्प लिया कि वे अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन ध्यान करेंगे। जिससे वे जीवन में पुनः सही मार्ग पर चले तथा और लोगो को भी ध्यान के लिए प्रेरित करेंगे। यह समस्त जानकारी आर्ट ऑफ लिविंग के जिला शिक्षक समन्वयक धीरज शर्मा ने दी।