शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मड़ियाकटटा में वन महोत्सव: वृक्षों का त्यौहार मनाया गया
एक पेड़ मां नाम: राज्यपाल पुरस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बच्चों को शपथ दिलाई कि अपने जन्मदिन में कम से कम एक पेड़ मां नाम से अवश्य लगाऊंगा
डौण्डीलोहारा| आदिवासी वनांचल ग्राम मड़ियाकटटा स्कूल में वन महोत्सव वृक्षों का त्यौहार मनाया गया। एक पेड़ मां नाम बैगलेस डे के अवसर पर मनाया गया। इस अवसर पर राज्यपाल पुरस्कृत प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बच्चों को अपने जन्मदिन में एक पेड़ मां नाम से कम से कम एक पौधा लगाने की शपथ दिलाई । और शाला परिसर में यूथ एवं इको क्लब सभी बच्चों के द्वारा पौधा रोपण किया गया। प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर ने बच्चों को बताया कि वन महोत्सव अर्थात वृक्षों का त्यौहार प्रति वर्ष जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में मनाया जाता है। वृक्षों को काटने से बचाना, वनों का संरक्षण करना एवं पेड़ पौधों के विशाल संसार से बच्चों को परिचय कराया गया और इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बताया। सालूमरदा थिमक्काक्ष का विडियो दिखाकर बच्चों को थिमक्का के जीवन उद्देश्य से परिचित कराया। सालूमरदा थिमक्का जिन्हें आला मरदा थिमक्का के नाम से जाना जाता है। कनार्टक राज्य की एक भारतीय पर्यावरणविद् है जो 45 किलोमीटर हिस्से पर 385 बरगद पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने के अपने काम के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने लगभग 8000 अन्य पेड़ भी लगाएं है।
पौधों की आत्मकथा
बच्चे आम बरगद गिलोय आदि बनकर अपनी अपनी आत्मकथा एक दूसरे को सुनाएं। आम का वृक्ष बने बच्चे ने कहा -मैं सबको फल देता हूं फिर भी लोग मुझे पत्थर मारते हैं। बरगद का वृक्ष बने बच्चे ने कहा गर्मी के दिनों में लोग मेरे नीचे आराम करते हैं तो मुझे अच्छा लगता है। बच्चे अभिनय के माध्यम से पौधों की आत्मकथा की प्रस्तुति करण किया गया .वृक्ष रोपण से संबंधित स्लोगन नारा सुनाया गया । शपथ भी लिए मैं अपने जन्मदिन में कम से कम एक पेड़ आवश्य लगाऊंगा एवं उनकी देखभाल कर उसकी सुरक्षा करेंगे। इस अवसर पर प्रधान पाठक दयालूराम पिकेश्वर, शिक्षक परसराम साहू दीनदयाल अटल, नदारद राम भुआर्य, सुनील कुमार अलेन्द्र, भूमिका मोवाड़े, साधना सिन्हा एवं बच्चों ने वृक्ष रोपण किया एवं आयोजन में सभी शिक्षक का सहयोग रहा।