चिखली नंबर -02 दूरी जो कि लगभग 5 किलोमीटर की बजाय अतिरिक्त दूरी 25 किलोमीटर की सफर करने मजबूर ग्रामीण
बालोद। वनांचल क्षेत्र किल्लेकोडा को ग्राम चिखली नंबर -02 दूरी जो कि लगभग 5 किलोमीटर की है ,लेकिन वर्तमान में वनांचल क्षेत्र होने के कारण घूम कर जाने से 25 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। अगर किल्लेकोडा को ग्राम चिखली नंबर – 02 पर जोड़ दिया जाए तो कुछ ही समय में चिखली आने-जाने की सुविधा हो सकती है। जिससे धन समय व दूरी सभी की बचत हो सकती है ।इतना ही नहीं इसके बन जाने से सीधी बस सेवा मानपुर, मोहला, गोटा टोला ,कोडे कसा, किल्लेकोडा, कुसुमकसा, तथा किल्लेकोडा को भैंसबोड़ व बालोद जिला मुख्यालय आने-जाने में काफी सुविधा हो सकती है। इसके अतिरिक्त मोहल्ला जिला मुख्यालय से बालोद जिला मुख्यालय के आने जाने की सुविधा हो सकती है ।किल्लेकोडा से कुसुम कसा ,भैंसबोड़ तक पक्की सड़क है तथा
चिखली नंबर 02 से कोडे कसा एवं अन्य मार्गो तक पक्की सड़क सुविधा उपलब्ध है ,केवल किल्लेकोडा से चिखली नंबर 02 तक ही मात्र 5 किलोमीटर वन पहुंच मार्ग को ही निर्माण किया जाना है ।पर्यटन की दृष्टि से भी ग्राम किल्लेकोडा में किल
किल्लेश्वरी मंदिर, दुर्गा मंदिर ,जंगल के महामाया मंदिर स्थित है वहां से सीधा जामड़ी पाटेश्वर धाम दर्शनीय स्थल आने जाने से भी कुसुमकसा, दल्ली राजहरा के आम नागरिक को काफी सुविधा हो सकती है। वर्तमान समय में जामडी़ पाटेश्वर धाम जाने के लिए 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करना पड़ता है उक्त मार्ग बन जाने से समय, धन ,दूरी की बचत हो सकती है ।कई वर्षों से इसकी मांग उठ रही है। लेकिन अब तक अमल
में नहीं आया है।इसी प्रकार विगत 35-40 वर्षों से झरनटोला -गिधवा नाला बांध का निर्माण 1978 -79 में प्रारंभ किया गया था ,जिसमें बांध का मेड़ नाला के दोनों तरफ बन चुकी है वर्तमान समय में नाला क्लो द्वार, स्कूज गेट ,केनाल ,पिचिंगवर्क,वेस्ट वेयर आदि कार्य शेष है इस अपूर्ण बांध को पूर्ण कराए जाने पर किल्लेकोडा,झरनटोला, मरकाम टोला, चिपरा, बघमार के लगभग 1000 एकड़ कृषि भूमि सिंचित हो सकती है ।ज्ञात हो कि यहां किसान पानी के अभाव में भगवान भरोसे रहते हैं, लेकिन उक्त बांध बनने से उन्हें काफी सुविधा होगी और उन्हें सुखा की स्थिति अर्थात आकाल का सामना नहीं करना पड़ेगा उन्हें पेयजल की जो समस्या है, उससे भी राहत मिलेगी ।जिसकी मांग हमेशा इस वनांचल क्षेत्र में होते रहता है, शासन की शोर ध्यान नहीं है हमें आशा ही नहीं विश्वास है कि इस योजना की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट होगा।