जन्मजात मोतियाबिंद की शिकार 13 साल की बच्ची का सफल हुआ आपरेशन, अब देख सकेगी दुनिया
स्वास्थ्य के नेत्र विभाग की पहल लाई रंग, कलंगपुर का मामला
बालोद। गुण्डरदेही ब्लॉक के ग्राम कलंगपुर की 13 साल की एक बच्ची जन्मजात मोतियाबिंद की शिकार थी ।उसके बाएं आंख में मोतियाबिंद था। जिसके कारण वह बचपन से ही ठीक से देख नहीं पाती थी। घर वाले इस बात से चिंतित थे कि उसका भविष्य कैसा होगा? बच्ची के मोतियाबिंद की जानकारी स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों को हुई। जिसके बाद उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया और सामान्य जांच करके उन्हें बालोद भेजा गया था। जिसके बाद दुर्ग अस्पताल में केस रेफर किया गया। जहां बच्ची का सफल ऑपरेशन हुआ। अब पूरे साफ तरीके से वह दोनों आंखों से दुनिया देख सकेगी। बच्ची के मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन पर पालको की आंखों से खुशी के आंसू निकल गए। तो वही इस उपलब्धि के लिए परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम का आभार भी जताया। बच्ची का नाम दामिनी पारधि पिता प्रेमलाल पारधि उम्र 13 साल है। जो ग्राम कलँगपुर विकासखंड गुंडरदेही जिला बालोद की रहने वाली है। जन्मजात मोतियाबिंद बीमारी से पीड़ित थी और बालोद जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जे एल उइके व बालोद अंधत्व नोडल डॉ ए के मिश्रा के निर्देशानुसार व सहायक नोडल अधिकारी अनिल सिन्हा व बालोद अंधत्व टीम के मार्गदर्शन के साथ साथ गुंडरदेही ब्लाक मेडिकल ऑफिसर डॉ सत्येन्द्र मारकण्डे के आदेशानुसार ग्राम कलँगपुर की छोटी बच्ची दामिनि को नेत्र सहा.अधिकारी जयपाल सिंह , घनश्याम पुरी के सहयोग से दुर्ग जिला अस्पताल ले जाकर प्राथमिक जांच व नेत्र सर्जन डॉ अल्पना जेफ व उनकी सहयोगी टीम नेत्र सहायक अधिकारी शत्रुघ्न सिन्हा ,माया लहरे ,दुर्गा सिन्हा के द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया। नेत्र सहायक अधिकारी घनश्याम पुरी ने बताया कि इस तरह के कुछ केस और है। लेकिन पालक भय और जागरूकता के अभाव के चलते सामने नहीं आ पाते हैं। ऐसे पालकों और बच्चों को भी हम आगे मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।