श्रम विभाग का कारनामा, असंगठित कर्मकार प्रसूति सहायता योजना की राशि खाते में आई ही नहीं और लिखित में दे दिए हमने पैसा कर दिया था ट्रांसफर
सीएम और कलेक्टर जनदर्शन सहित उच्च स्तर पर शिकायत के बावजूद अब तक कार्रवाई नहीं
एक कार्यालय दूसरे कार्यालय पर डाल रहे जिम्मेदारी, पीड़िता 10 महीने से परेशान
बालोद। श्रम विभाग के असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के तहत प्रस्तुति सहायता योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है।
गड़बड़ी ऐसा है कि योजना में एक आवेदिका प्रियंका पति रितेश बिझेकर को ₹20000 प्रसव के बाद मिलना था। जो कि आज तक मिला नहीं। दफ्तर के चक्कर काटते महिला को 10 महीने हो चुके और इधर श्रम विभाग के अधिकारियों ने बाकायदा उन्हें लिखित में दे दिया है कि हमने उनके खाते में 1 मई 2023 को पैसा डाल दिया है। लेकिन जब प्रियंका ने अपना बैंक डिटेल निकलवाया तो उसमें कहीं कोई पैसा जमा ही नहीं हुआ है। ऐसे में उन्होंने जिला जनदर्शन और छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल नवा रायपुर के असंगठित कर्मकार के नोडल अधिकारी को भी शिकायत की तो अब अधिकारी एक दूसरे के कार्यालय पर त्रुटि का जिम्मा डाल रहे हैं। लेकिन पैसा आज तक नहीं मिला । भाजपा के छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने के बाद प्रियंका को उम्मीद है कि अब शायद उन्हें न्याय मिल पाएगा। जनदर्शन सहित सूचना के अधिकार के तहत उन्होंने इस संबंध में कई बार जानकारी हासिल करने का प्रयास किया पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला ना खाते में पैसा आया है। बालोद वाले अधिकारी कहते हैं कि रायपुर के मुख्यालय से त्रुटि हुई है तो रायपुर के अधिकारी कहते हैं कि बालोद से त्रुटि हुई है। गलती किसकी है बताया जा नही रहा ना सुधारा जा रहा और इसका खामियाजा आवेदिका को भुगतना पड़ रहा है।
खाता नंबर में त्रुटि का दे रहे महीनों से हवाला, पर सुधारते नहीं
पूर्व में जब उन्होंने शिकायत की तो श्रम पदाधिकारी ने राज्य के नोडल अधिकारी को भी पत्र लिखकर यह बताया कि प्रियंका बिझेकर निवासी पाररास द्वारा उनके खाते में असंगठित कर्मकार प्रसूति सहायता योजना राशि प्राप्त नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री और कलेक्टर जन चौपाल में आवेदन दिया था। उस समय मुख्यालय द्वारा प्राप्त सक्सेसफुल की सूची से मिलान करने पर प्रियंका का नाम सरल क्रमांक 8626 में अंकित है। परंतु आवेदिका द्वारा आवेदन के साथ प्रस्तुत बैंक स्टेटमेंट के आधार पर राशि उनके खाते में स्थानांतरित नहीं हुई है। कलेक्टर द्वारा उक्त प्रकरण में समय सीमा की बैठक में मामला रखा गया था। जहां पर मिलें निर्देश अनुसार आवेदिका का खाता नंबर सुधार कर आरटीजीएस हेतु सूची पुनः नोडल अधिकारी को भेजी गई थी। उक्त सूची में प्रियंका का नाम सरल क्रमांक 73 में अंकित था। खाता नंबर सुधार पुनः पैसा डाले जाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद पैसा आया ही नहीं। 4 सितंबर 2023 को श्रम पदाधिकारी बालोद जिला की ओर से प्रियंका को पत्र आया कि आपके खाते नंबर में त्रुटि के चलते पैसा खाते में नहीं भेजा गया है। पुनः खाता नंबर मिलान कर नोडल अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा जा चुका है। लेकिन सितंबर के बाद अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर भी बीतने को आ चुका है आज तक पैसा आया ही नहीं है। जिसके चलते आवेदिका परेशान है। उन्होंने कलेक्टर को अपने लिखित आवेदन में बताया था कि 18 नवंबर 2022 को मैंने असंगठित कर्मकार प्रसूति सहायता योजना का ऑनलाइन फॉर्म भरवारा था। जिसका आवेदन क्रमांक 1359312 है मेरा बच्चा भी 10 महीने से ज्यादा का हो चुका है। नियम के अनुसार इस योजना का लाभ मुझे 3 महीने में मिल जाना था। लेकिन आज तक योजना का लाभ नहीं मिला। इस योजना की जानकारी के लिए बालोद श्रम कार्यालय में जाते हैं तो वहां यह बोलते हैं कि सिर्फ रायपुर में काम होगा। और रायपुर श्रम कार्यालय में संपर्क करने पर कहा जाता है कि बालोद में होगा। इस तरह श्रम कार्यालय के कर्मचारी सिर्फ हमें गुमराह कर रहे हैं। श्रम कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुकी हूं। अपने आवेदन की स्थिति देखने के लिए ऑनलाइन जब प्रियंका ने चेक किया और उसमें शिकायत भी किया कि मुझे इस योजना का लाभ नहीं मिला है और 1 मई को कोई आरटीजीएस मेरे खाते में नहीं हुआ है। तब भी वहां से यही जवाब लिखित में आता है कि 1 मई को योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। जब उन्होंने बैंक स्टेटमेंट निकलवा कर सबूत के साथ दोबारा शिकायत की तो अधिकारी फिर गोल-गोल जवाब देते हुए एक दूसरे के कार्यालय के कर्मचारियों पर त्रुटि का जिम्मा डाल रहे हैं। तो वही इसमें अहम भूमिका श्रम विभाग के एजेंटों की भी सामने आ रही है। जिनके जरिए हितग्राही आवेदन किए रहते हैं। यह किस्सा सिर्फ अकेले प्रियंका का नहीं है ऐसे कई लोग हैं जिनका पैसा खाते में आया नहीं है और बाकायदा उन्हें विभाग पत्र भेजकर बता चुका है कि आपके खाते में 1 मई को पैसा जा चुका है। जागरूकता का परिचय देते हुए प्रियंका ने योजना का जब लाभ नहीं मिला और देरी हुई तो सूचना का अधिकार से आवेदन लगाया तब जाकर उन्हें गड़बड़ी का पता चला। अब उन्हें उम्मीद है कि शायद अब भाजपा की सरकार में उन्हें न्याय मिल पाएगा और इस योजना का लाभ मिलेगा।