A DIGITAL MEDIA

बालोद जिले (छत्तीसगढ़) का विश्वसनीय डिजिटल मीडिया 9755235270/7440235155

Advertisement

विश्व फिजियोथैरेपी दिवस विशेष: अब विदेशों में ही नहीं गांव तक भी हो गई है इस चिकित्सा पद्धति की पहुंच, है इसके कई फायदे : वीरेंद्र गंजीर

बालोद। फिजियोथैरेपी दिवस (8 सितंबर) पर हम फिजियोथैरेपी चिकित्सा पद्धति के प्रति जागरूकता लाने के लिए यह लेख प्रकाशित कर रहे हैं। फिजियोथैरेपी एक अत्यंत आधुनिक चिकित्सा पद्धति है। जिसमें आधुनिक मशीनों, व्यायाम, मसाज जैसे भौतिक पद्धतियों से रोगों का उपचार किया जाता है। जोड़ो और नसों से संबंधित बीमारियों से लेकर स्त्री रो, शिशु रोग तथा कैंसर जैसे रोगों के उपचार भौतिक चिकित्सा वरदान साबित हो रहा है। वर्षों पहले फिजियोथैरेपी चिकित्सा केवल मेट्रो सिटीज व बड़े शहरों तक सीमित था। परंतु छोटे शहरों में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलों की खुलने से फिजियोथैरेपी चिकित्सा आसानी से उपलब्ध हो रहा है। जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में यह निशुल्क सेवाएं उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्र में सेवा दे रहे पूर्व जिला महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर वीरेंद्र गंजीर ने बताया कि कई ऐसे रोग हैं। जिसमें भौतिक चिकित्सा अमृत की तरह कारगर है। जोड़ो एवं नसों के दर्द में सर्जरी, लंबी दवाइयां की जगह फिजियोथैरेपी एक बेहतर विकल्प है। पहले सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विदेश में ही लोग फिजियोथैरेपी चिकित्सा को जानते थे। अब सोशल मीडिया, उच्च तकनीक से लोग जागरूक हुए और बिना साइड इफ़ेक्ट व बिना सर्जरी, बिना इंजेक्शन, बिना रक्त के आधुनिक चिकित्सा से उपचार ले रहे हैं। लाटाबोड़ में फिजियोथेरेपी सेंटर चलाने वाले डॉ वीरेंद्र गंजीर कहते हैं शासकीय व ग्रामीण स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में फिजियोथेरेपी की आवश्यकता है।

You cannot copy content of this page