विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और हिंदू महासभा के दायित्वान लोगों ने दी जिलेवासियों को कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई, बोले: कृष्ण की लीलाएं अद्भुत हैं

बालोद। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल और हिंदू महासभा के दायित्वान लोगों ने कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई जिला वासियों और प्रदेशवासियों को दी। विश्व हिंदू परिषद जिला सहमंत्री सतीश विश्वकर्मा,महेंद्र सोनवानी (मोनू) बालोद जिला विश्व हिंदू परिषद, उमेश कुमार सेन बालोद जिला बजरंग दल, हिंदू महासभा बालोद जिला अध्यक्ष रानी मनोज गौर ने संयुक्त रूप से कहा भारत में मनाया जाने वाला जन्माष्टमी हिन्दुओ के लिए उत्सव भरा पर्व है।
श्री कृष्ण के जन्म के खुशियों के रूप में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भक्त लोग भगवान के जन्म के उत्सव में व्रत रखते हैं. इस त्यौहार का मुख्य महत्व जिस तरह से “नेक नियत को प्रोत्साहित करना है” ठीक उसी तरह से “बुरी इच्छा को हतोत्साहित करना है.” भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा की भूमि पर हुआ था.
श्री कृष्ण भगवान विष्णु के आठवें अवतार है।.धरती पर उनके जन्म का मकसद अधर्म और अन्याय को ख़त्म करना था। देवताओं में भगवान श्री हरि (विष्णु) के अवतार भगवान श्री कृष्ण हैं. जिन्होंने अपने जीवन के हर पड़ाव में अलग-अलग लीलाये किया है. भगवान श्री कृष्ण का पूरा बचपन उनकी अद्भुत लीलाओं से भरा पड़ा है। भगवान कृष्ण के कुल 108 नाम है. जैसे:- बाल गोपाल, कान्हा, मोहन, केशव, श्याम, वासुदेव, कृष्णा और कई अन्य. श्री कृष्ण देवकी और वासुदेव के 8वें पुत्र थे। उनके जन्मोत्सव में उनकी बाल लीलाओं का रूप अधिक देखने को मिलता है. उनकी युवावस्था की भी कई अद्भुत कहानियां प्रसिद्ध हैं. कभी वह एक राजा के रूप में गरीबों के मसीहा बनकर सामने आते हैं. तो कभी भगवान के रूप में भक्तों के पालनहार बनते है. भगवान विष्णु ने धरती को पापियों के जुल्मों से मुक्त कराने के लिए श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिए था. कृष्ण के रूप में उन्होंने न केवल कंस जैसे अत्याचारी राजा का वध किया बल्कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश देकर कर्म का सिद्धांत भी बताया. भगवान कृष्ण का जीवन और इससे जुड़ी कहानियां इतनी अद्भुत हैं कि आज भी लोग उनके जीवन के हर पहलू को याद करते हैं और उनके जन्म का उत्सव ‘जन्माष्टमी’ या ‘गोकुलाष्टमी’ के रूप में हर साल मनाते हैं. जब भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था. तब श्रवण कृष्ण के जन्म में कृष्णा पक्ष का यह 8 वाँ दिन था. इसलिए इसी दिन हिंदू कैलेंडर के अनुसार जन्माष्टमी मनाया जाता हैं. जन्माष्टमी प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. श्री कृष्ण का जन्म वसुदेव तथा देवकी के घर रात्री 12 बजे हुआ था. इसलिए पूरे भारत मे कृष्ण जन्म को रात्री मे ही 12 बजे मनाया जाता है. जगह-जगह इस दिन दही लूट के आयोजन का भी रिवाज है। छोटे-छोटे बच्चे श्री कृष्णा और राधा की वेशभूषा में नृत्य भी करते हैं।

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