आज 1 बजे पर्यावरण पार्क का शुभारंभ करेंगे पर्यावरण मंत्री अकबर
बालोद। बालोद से दल्ली राजहरा मार्ग पर तांदुला डैम किनारे विकसित हो रहा पर्यावरण पार्क अब लोगों के लिए खुलने जा रहा है। जिसका लोकार्पण आज दोपहर 1बजे वन मंत्री मोहम्मद अकबर करने जा रहे हैं। जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद अकबर का दौरा प्रोटोकाल जारी हुआ है। प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन, आवास एवं पर्यावरण, विधि-विधायी कार्य विभाग एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर 07 अगस्त 2023 को बालोद जिले के दौरे पर आ रहे हैं। दौरे के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मंत्री श्री अकबर कल 07 अगस्त को प्रातः 11 बजे रायपुर से प्रस्थान कर दोपहर 01 बजे बालोद पहुंचेंगे। वे यहां वन महोत्सव एवं पर्यावरण पार्क के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होंगे। दोपहर 01.30 बजे कलेक्टर कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक में शामिल होंगे। मंत्री श्री अकबर दोपहर 03.30 बजे रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।
ये है पार्क की खासियत
जिला मुख्यालय खूबसूरत एवं जीवनदायिनी तांदुला जलाशय के किनारे बसा हुआ है. इसी जलाशय के किनारे एक पर्यावरण पार्क का निर्माण किया गया है। जिला प्रशासन के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मानचित्र में यह अपनी एक अलग पहचान बनाएगा. इसे बालोद शहर सहित जिले के विकास के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है. विगत कई साल से यह क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र के रूप में था लेकिन उपेक्षा का शिकार था.” अब इसकी नई तस्वीर देखने को मिलेगी। यह पार्क बहुद्देशीय बनाया गया है. यहां पर पर्यटन एडवेंचर के साथ नारी स्वावलंबन का अध्याय भी लिखा गया है. हर वर्ग के लोग एक ही मंच पर आकर अपनी स्वतंत्रता का लुफ्त उठा सकेंगे और प्रशासन इसमें उनका सहायक बनेगा.।यहां पर वन विभाग द्वारा एडवेंचर पार्क की स्थापना भी की गई है। रोपवे और स्टंट के अन्य उपकरण भी लगाए गए हैं. यहां बनाया गया वॉच टावर पूरे तांदुला जलाशय की सैर एक ही जगह से कराता है।
बटरफ्लाई जॉन है आकर्षण
तांदुला जलाशय के समीप बटरफ्लाई का झुंड देखने को मिलता है।. इसी को देखते हुए इस पर्यावरण पार्क में बटरफ्लाई जोन की स्थापना भी की गई है। उनके मनपसंद फूल यहां पर रोपे गए हैं। बटरफ्लाई लोगों को आकर्षित करेगा। यहां पर वृक्षारोपण का कार्य वृहद स्तर पर हो चुका है. बालोद जिला प्रशासन द्वारा डिवेलप किए गए रहे इस पार्क में औषधि पार्क बनाया गया है. जहां पर स्थानीय सभी औषधियां मिलेंगी. जिसमें अश्वगंधा, काली हल्दी सहित ऐसी कई दवाईयां हैं जिनके लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ेगा। साल के वृक्षों के लिए साल रोपण क्षेत्र भी बनाया गया है। जो चीजें यहां पर उपजाऊ नहीं है उनके लिए बाहर से भी मिट्टी लाई गई है। पक्षियों के लिए पक्षी जोन भी बनाया गया है।