जिले में आंख आने की बढ़ी शिकायत, संक्रमित आंख को देखने से फैलने की बात है भ्रम, रहे जागरूक
शासन ने दिए हैं कंजक्टिवाइटिस की रोकथाम के लिए निर्देश
बालोद। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा समस्त कलेक्टर को कंजक्टिवाइटिस संक्रमण के रोकथाम हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जारी निर्देश में कहा गया है कि राज्य में मौसम के कारण आँख आने की बीमारी (कंजक्टिवाइटिस) बढ़ गई है। यह एक संक्रामक रोग है जो कि सम्पर्क से फैलने वाली बीमारी है जो सघन आवासी क्षेत्र में अधिक फैलता है।वहीं शासन ने ये भी स्पष्ट किया है कि संक्रमित आँख को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है। यह बीमारी केवल सम्पर्क से ही फैलती है। इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने को कहा है।
जिले के समस्त स्कूलों, छात्रावासों, पोटाकेबिन, आश्रमों में कंजक्टिवाइटिस संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किया जाए। समस्त स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर आवश्यक जाॅच एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। दवा दुकानों द्वारा बिना डॉक्टरों की सलाह/पर्ची के स्टेराईड युक्त आई ड्राप विकय किया जा रहा है। यह आँखों के लिये हानिकारक हो सकता है। अतः इस पर निगरानी आवश्यक है। चूँकि यह एक संक्रामक बिमारी है अनावश्यक भीड़-भाड़ का नियंत्रण किया जाए तथा जन सामान्य को विभिन्न प्रचार प्रसार माध्यम समाचार पत्र, सोशल मिडिया, मायकिंग के द्वारा जागरूक कर आवश्यक स्थानों पर इससे बचाव के उपाय किया जाए। एंटिबायोटिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
स्कूल, छात्रावास तथा अन्य क्लस्टर इंफेक्शन की संभावना वाले स्थान पर विशेष ध्यान देना है। भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे सिनेमा थियेटर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि में यह तेजी से फैलता है।यदि किसी स्थान पर अधिक प्रकरण मिलते हैं तो शिविर लगाकर उपचार किया जा सकता है। अस्पताल में आये कंजंक्टिवाईटिस के रोगियों की संख्या की जानकारी प्रतिदिन स्वास्थ्य विभाग के अंधत्व नियंत्रण शाखा में भेजना सुनिश्चित करें। यदि क्लस्टर इंफेक्शन मिला हो तो उसका अलग से उल्लेख करें।
कंजक्टिवाइटिस आंख की आम बीमारी है जिसे हम आँख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की आँख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आँसू आते हैं, चुभन होती है तथा कभी-कभी सूजन भी आ जाती है। कंजक्टिवाइटिस होने पर एंटीबायोटिक ड्रॉप जैसे जेंटामिसिन, सिप्रोफ्लॉक्सिन, मॉक्सीफ्लॉक्सिन आई ड्रॉप आँखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। तीन दिनों में आराम न आने पर किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। ऐसे में नेत्र विशेषज्ञ के पास दिखाना उचित होता है। अन्यथा गंभीर स्थिति निर्मित हो सकती है। कंजक्टिवाइटिस की जाँच एवं उपचार की सुविधा चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क उपलब्ध है। कंजक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है जो सम्पर्क से फैलती है। अतः मरीज को अपनी आँखों को हाथ न लगाने की सलाह देनी चाहिए। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर एवं उसकी उपयोग की चीजें अलग कर इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है।