एक विधायक ऐसे भी- रोज सुबह से लगती है उनके घर में जनता दरबार, पूरे विधानसभा से लोग आते हैं समस्या लेकर, इनका कहना जनता ही तो हमारी पूंजी है ,,,
बालोद/अर्जुन्दा – आज हम आपको एक ऐसे सक्रिय व जनता की समस्याओं को लेकर संवेदनशील विधायक की बात कर रहे हैं। जो लगातार रोज सुबह जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्या सुनते हैं। ऐसे विधायक गिने चुने ही मिलते हैं जो सुबह से ही अपनी जनता को समय देते हैं। हम बात कर रहे हैं गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के विधायक व संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद की। जिनका मूल निवास अर्जुन्दा है और अपने निवास में ही सुबह से ही जनता दरबार लगाते हैं। जनता दरबार की खासियत ये है कि उनके विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों से लोग अपनी समस्या लेकर आते हैं और कई लोगों की समस्या का त्वरित निराकरण भी करवाते हैं। कभी शिकायत तो कभी समस्या का सिलसिला चलता रहता है। कुछ ऐसे काम भी होते हैं,जो विधायक के एक फोन करवाने से हो जाते हैं। कई बार शिकायत होती है कि संबंधित अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं या फाइल अटकी हुई है, ऐसे में मामले की गंभीरता देखकर विधायक संबंधित अधिकारी को तत्काल फोन करते हैं और उनका काम करवाते हैं।
यही तो हमारी पूंजी हैं
जनता दरबार को लेकर विधायक का कहना है कि यही जनता तो हमारी पूंजी है। इनकी बदौलत ही तो हम चुनाव जीते हैं। अगर हम इनकी नहीं सुनेंगे तो किसकी सुनेंगे। इसीलिए मैं उनको समय देता हूं। लोग अपनी व्यक्तिगत व सार्वजनिक समस्या लेकर आते हैं। जितना हो सके उन्हें हल करने का प्रयास करता हूं। लोगों का आवेदन संबंधित विभाग तक नहीं पहुंचा रहता हैं उन्हें भी यहां से मार्गदर्शन देते हैं। उनका आवेदन भी बनवाते हैं ताकि समय पर उनका आवेदन विभाग में सही जगह पहुंचे और उनका काम जल्दी हो सके।
एक अलग ही संबंध हो जाता है स्थापित
विधायक के निवास में सुबह 7 बजे से ही लगने वाले इस जनता दरबार में सुबह के 11 बजे तक भीड़ लगी रहती है। जिस दिन उनका कहीं दौरा नही रहता, वे यहां देर तक बैठे रहते हैं। कार्यालय तो वे बाद में जाते हैं लेकिन उनके घर पर ही लोग समस्या लेकर पहुंचे रहते हैं और उनकी समस्याओं को भी गंभीरता से ही सुनते हैं। विधायक कहते हैं कि कई बार लोगों से इस तरह से जुड़ाव से एक अलग ही संबंध बन जाता है। लोगों की समस्या हल होती है तो वह दुआएं देते हैं। विधानसभा के कई गांव के लोग उन तक अपनी समस्या लेकर आते हैं। कई बार लोग अपनी समस्या बताते भावुक भी हो जाते हैं। हम उनका हौसला बढ़ा कर उनकी समस्याओं का निराकरण भी करवाते हैं। जो समस्याएं निराकृत होने के लायक रहती है उन्हें जल्द से जल्द करवाने का प्रयास भी होता है। तो वहीं अगर कहीं कोई अड़चन होती है तो सामने वालों को यह संतुष्ट भी किया जाता है कि आपको आगे यह करना होगा, तब आपकी समस्या हल होगी । या फिर समस्या हल नहीं हो सकती क्योंकि इस संबंध में आप के पास पर्याप्त सामग्री नहीं है या आप योजना से संबंधित अपात्र हैं।