रमतरा में जल जीवन मिशन का ऐसा हाल, दो माह से बन चुकी टंकी, पर सप्लाई नहीं, पेयजल संकट से जूझ रहे हैं ग्रामीण
बालोद/गुरुर। ब्लाक के ग्राम रमतरा में पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। इस समस्या के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना सामने आई है और शासन प्रशासन से पहल करने की मांग की जा रही है।
गैर राजनैतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना ब्लाक संयोजक गुरुर (पंचायत जनप्रतिनिधि वार्ड क्रमांक 03 रमतरा) झम्मन हिरवानी ने ग्रामीणजनों के पेयजल संकट की समस्या को ध्यान रखते हुए सभी वार्डो मे पेयजल संकट समस्या का समाधान हेतु सम्बंधित अधिकारियो को ज्ञापन सौंप कर निवेदन किया है l झम्मन हिरवानी ने बताया कि ग्राम पंचायत रमतरा में लगभग 400 की आबादी है। पेयजल आपूर्ति के लिए पूर्व से सिर्फ एक ही तीन हार्स पावर का मोटर पंप स्थापित है । गांव के सभी वार्डों में पेयजल आपूर्ति के लिये नल जल मिशन के तहत नव निर्मित पानी टंकी निर्माण हुआ है एवं सभी वार्डो मे पाईप लाईन कनेक्शन विस्तार किया जा चुका है। फिर भी टंकी से पानी का सप्लाई चालू नहीं हुआ है। ज्ञात हो कि रमतरा मे पूर्व से एक ही मोटर पंप के भरोसे पानी की आपूर्ति किया जाता है। भू जल स्तर में गिरावट होने के कारण गाँव में स्थापित दो सोलर पैनल टंकी विगत 01 माह से बंद पड़ी है I एक ही मोटर पंप के भरोसे गाँव में पेय जल की आपूर्ति किया जाना मुश्किल है I स्थानीय जन प्रतिनिधियों को ग्राम रमतरा में पेयजल संकट समस्या के संबंध में अवगत करवाया गया है फिर भी अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया गया है I श्री हिरवानी के कहा कि गाँव में पेयजल की आपूर्ति के लिए 02 नया बोर खनन किया जाना अति आवश्यक है व नल जल मिशन अंतर्गत निर्मित पानी टंकी से पानी की आपूर्ति किया जाएI सोलर पैनल टंकी जो बंद पड़ा है उसे तत्काल चालू किया जाए ताकि पानी का आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में हो सके I उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत रमतरा में पेयजल संकट की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए पी एच ई विभाग से नलजल मिशन के अंतर्गत एक नहीं दो-दो पानी टंकी का निर्माण हुआ है । पानी टंकी निर्माण कार्य पूर्ण हुए लगभग 02 माह से अधिक हो चुका है । पानी टंकी पूर्ण रूप से बनकर तैयार है। टेस्ट भी हो चूका है । ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पानी टंकी सिर्फ मॉडल के लिए बना है। आज तक उस पानी टंकी में पेयजल कनेक्शन को विस्तार नहीं किया गया। जिसकी खामियाजा आज ग्रामीण आम जनता को भुगतना पड़ रहा है । पेयजल संकट से जूझने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है ।