बेहोशी की दवा खाने में देकर बलात्कार , बालोद के जज ने सुनाया ग्वालियर के युवक को दस वर्ष का सश्रम कारावास
बालोद। मुकेश कुमार पात्रे, विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) बालोद (छ.ग.) के द्वारा आरोपी सौरव सविता पिता रामेश्वर दयाल, उम्र 21 वर्ष, निवासी वार्ड क० 16, संजय नगर थाना जौरा, जिला मुरैना (म.प्र.) को भा.द.वि. की धारा 363 के आरोप में तीन वर्ष का सश्रम कारावास व 500/- रू० अर्थदण्ड, धारा 366 के आरोप में पांच वर्ष का सश्रम कारावास व 1000/- रू० अर्थदण्ड तथा भा.द.वि. की धारा 376 व संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के आरोप में दस वर्ष का सश्रम कारावास व 2,000 /- रुपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण छन्नू लाल साहू, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) के अनुसार प्रार्थी थाना देवरी में उपस्थित होकर एक लिखित आवेदन दर्ज कराई कि पीड़िता के पिता अपने परिवार के साथ ग्राम मार्री बंगला थाना देवरी जिला बालोद (छ0ग0) में किराये के मकान में रहते हैं। दिनांक 09 मार्च.2021 को पीड़िता घर में बिना बताये घर से कहीं चली गई और साथ में नोकिया मोबाईल सेट एवं कमरे में रखे नगदी रकम 2 लाख पांच हजार रूपये को भी अपने साथ ले गई थी। जिसकी आसपास पता तलाश तथा पूछताछ किये किंतु पीड़िता का कोई पता नहीं चला। उसे संदेह हुआ कि कोई अज्ञात व्यक्ति के द्वारा पीडिता को नाबालिग होना जानते हुए बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। जिसके आधार पर सहायक उप निरीक्षक अनित राम यादव के द्वारा पीड़िता के बताये अनुसार अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध क्र० 28 / 2021 अंतर्गत संहिता की धारा 363 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया। दिनांक 04 अप्रैल.2021 को पीड़िता अपने घर वापस आने पर बतायी कि आरोपी उसे जबरदस्ती देवरी के बस स्टेण्ड में बस बैठा रहा था, जिसे बस वाले बोले कि उसे क्यों जबरदस्ती बस में बैठा रहे हो तब आरोपी बोला कि पीड़िता किसी के साथ भाग गई थी, उसे पकड़कर वापस ले जा रहा हूँ, तब वह बोली कि आरोपी झूठ बोल रहा है। आरोपी उसे रायपुर ले गया। वहां से ट्रेन में बैठाकर भोपाल ले गया। वहां से ग्वालियर के ग्राम जौरा, जिला मुरैना ले गया। जहां अभियुक्त खाना लेकर आया था जिसे खाने के बाद उसे नशा होने लगा और वह सो गई थी। जब वह उठी तो उसके पेट में दर्द होने लगा था। उसके शरीर में कपड़े नहीं थे। उसे चक्कर आ रहा था। सुबह पुलिस वाले घर आये और आरोपी के कब्जे से पीड़िता को बरामद कर पंचनामा तैयार किया गया। तत्पश्चात विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण के दौरान आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी को उक्त दण्ड से दण्डित किया गया।