भगवान श्री रामचन्द्र सबसे ज्यादा स्नेह भक्त गुहा निषाद राज से करते थे – श्री कुंवर सिंह निषाद

भक्त गुहा निषाद जयंती पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए संसदीय सचिव, भक्त गुहा निषाद और बिलासा दाई की विधि-विधान से की पूजा

ग्राम चिचलगोंदी में विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण किया

गुंडरदेही।संसदीय सचिव, गुंडरदेही विधायक एवं निषाद समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री कुंवर सिंह निषाद आज कोहका भिलाई, अर्जुन्दा, चिचलगोंदी और बघमरा में भक्त गुहा निषाद राज जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए।

इस दौरान उन्होंने भगवान श्री राम, भक्त गुहा निषाद राज और बिलासा दाई की विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि और उन्नति की कामना की।

कार्यक्रम के दौरान निषाद समाज के लोगों ने समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री कुंवर सिंह को अपने बीच पाकर प्रसन्न हुए और उत्साह के साथ आत्मीय स्वागत किया। श्री निषाद ने सभा को संबोधित करते हुए सभी को भक्त गुहा राज और बिलासा दाई की जयंती की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भगवान श्री रामचन्द्र सबसे ज्यादा प्रेम और स्नेह भक्त गुहा निषाद राज से किया। महान वीरांगना बिलासा दाई ने बिलासपुर शहर को बसाया। जिससे संपूर्ण छत्तीसगढ़ धन्य हो गया।


उन्होंने आगे कहा कि हमारे काम से ही हमारी पहचान है। जब भी समय मिलता है मैं आज भी जाल खींचने चला जाता हूं। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। हर काम को सम्मान के साथ करेंगे तो सम्मान मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि आज के आधुनिक युग में हमारे मछली पालन के तरीकों में बदलाव करना होगा। समाज के लोगों को केज और बायो फ्लॉक तकनीक का उपयोग करना होगा। समिति बनाकर केज और बायो फ्लॉक यूनिट के लिए मिलने वाली फाइनेंस सुविधा का लाभ उठाएं।

सरकार के द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। इससे मछली पालन करने वालों को अधिक आर्थिक लाभ होगा और प्रदेश में मछली का उत्पादन भी बढ़ेगा।

समाज के बच्चों को शिक्षित करना बेहद जरूरी

संसदीय सचिव श्री
ने समाज के लोगों से कहा कि हमारे समाज के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढाने की जरूरत है। जो समाज शिक्षा को बढ़ावा देते हैं वह समाज बहुत आगे जाता है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे है। इसलिए हमारे समाज की माताओं को हर क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी तय करने की जरूरत हैं। घर के लोग भी उन्हें कुछ नया करने का मौका दें। तभी वह आत्मनिर्भर होकर काम करेंगी।

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