नारियल बेचने वाले परिवार का युवक करेगा अब समुद्र में देश की सेवा, नौसैनिक बनने पर गांव में हर्ष, स्कूल और पंचायत में हुआ सम्मान
चिटौद का पहला युवा अजय बना नौसैनिक, बिना विशेष कोचिंग सेल्फ स्टडी से पाई सफलता
बालोद। सपने को पूरा करने की काबिलियत उन्हीं में ज्यादा कारगर साबित होती है जिस सपने के साथ वो खुद खड़ा होता है। इनमें माता-पिता, परिवार व विद्यालयीन मार्गदर्शकों व साथियों की भी भूमिका पूरी तरह से बराबर की सहभागी होती हैं। शासकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ईश्वरी कुमार सिन्हा ने बताया कि ऐसे ही मिशाल के साथ अजय कुमार साहू ने अपने गाँव चिटौद के इतिहास में एक नए इबारत लिखते हुए भारतीय राष्ट्र प्रहरी के अभिन्न अंग जल सेना में चयन होकर सभी को गौरवान्वित किया है। नारियल बेचने वाले परिवार से ताल्लुक रखने वाले अजय के इस सफलता से पूरा गांव अभिभूत है। और वह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं जो हिम्मत नहीं हारना चाहते।
बिना किसी बड़े कोचिंग के अपने घर में ही रहकर की तैयारी
घर -परिवार व पालक की अपनी विशेष आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर खुद को इस बड़े मुकाम तक पहुंचाने के लिए अजय ने खुद के मन के भीतर ही प्रेरणा केंद्र स्थापित कर, पहले ही प्रयास में मंजिल की पहली सीढ़ी पर कदम रख लिया है, अभी उनके इस राह में और भी ऊंचाइयों को छूने की ललक बाकी है।
नरिहर वाले के नाम से अजय के परिवार की गाँव में खास पहचान
संघर्ष की गाथा किसी बरगद के वृक्ष की उस बीज की तरह से होती है जो अपने भीतर कितनी विशालता लिए हुए बड़े छायादार, आश्रयदाता के रूप में खुद को स्थापित करते हुए अपनी जड़ें व शाखाएं कितनी गहरी व लंबी कर लेती है। जलसेना में चयन होकर अजय कुमार साहू इस दुनिया के विशालकाय समुद्री संसार का हिस्सा बने हैं, उस सफलता की जड़ों में उनके पूर्वजों की अपनी एकनिष्ठ परिश्रम की पृष्ठभूमि का महत्वपूर्ण योगदान नजर आता है।अजय के दादा कमलू साहू आज भी अपने पिता के नारियल बेचने की परंपरा को बरकरार रखे हुए हैं । वे धमतरी शहर में नारियल को विशेष कटाई करके भी इसे बेचने की कला में महारत हासिल कर चुके हैं। इनके परिवार को पूरे गाँव में तथा आसपास नरिहर वाले के नाम से खास पहचान मिल चुकी है। दादी जगौती साहू गृहिणी हैं। पिता निर्मल साहू दर्जी के साथ कुछ खेती किसानी का काम करते हैं। साथ में अपने वार्ड पंच के रूप में भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मां प्रीति साहू गृहिणी के साथ-साथ आंगनबाड़ी सहायिका में काम करती हैं। छोटा भाई वैभव अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
अजय की सफलता पर परिवार ने पंचायत में बाँटी मिठाई
सफलता भरे खुशियों की मिठास से गाँव के और भी युवा पीढ़ियों को आगे बढ़ने का संदेश देते हुए अजय के परिवार ने अपनी जागरूक नागरिक होने का परिचय भी सिद्ध किया है। उन्होंने अपने गाँव के पंचायत कार्यालय में सरपंच कुमारी साहू, सचिव मनोज कुमार साहू, पंच सुकालू फुटान, गांव के वरिष्ठ नागरिक बिसरू साहू, पंच सदस्यों लेखबाई ढीमर, मन्तानु ठाकुर, गीता उईके, लिलेश्वरी साहू, अमरीका साहू, शिम्पा यादव, रूपा गोयल व समस्त मितानिनों को मिठाई व नारियल बाँटी।
अजय के बचपन के स्कूल में हुआ परिवार का सम्मान
माता-पिता व परिवार के बाद किसी के जीवन का महत्वपूर्ण स्थान होता है विद्यालय, जहां पर वह अपने सपनों को आकार देने की कोशिश करता है। उसी वर्तमान बचपन को और अधिक सशक्त और उत्कृष्ट बनाने के सपने लिए अजय के दादा-दादी, माता-पिता व भाई-बहनों का प्राथमिक विद्यालय के 172 विद्यार्थियों के बीच अभिनन्दन किया गया।परिवार ने अपने बच्चे की सफलता पर विद्यालय की भी भूमिका की प्रशंसा की। विद्यार्थियों के बनाए फूलों के गुलदस्ते भेंट कर विद्यालय परिवार में प्रधानपाठक मोहिनी चन्द्राकर, शुचि साहू, ईश्वरी कुमार सिन्हा, लिकेश्वरी मार्कण्डेय व कविता सिन्हा ने परिवार की भूमिका को सराहा। माध्यमिक विद्यालय के भी प्रधानपाठक काशी राम साहू, पोषण लाल गुरूपारख, रूखमणी गजेंद्र, खेमलता ठाकुर व साहू मैडम ने भी परिवार की खुशियों में सहभागिता निभाई । अजय परिवार के द्वारा दोनों विद्यालयों के समस्त विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए मिठाई, मिक्चर, चॉकलेट व नारियल प्रदान किए गए।
छोटे भाई वेदप्रकाश का नवोदय में हुआ है चयन
अजय के चाचा परमानन्द साहू के पुत्र वेदप्रकाश का भी चयन नवोदय विद्यालय में गत वर्ष पहली बार हुआ है। प्राथमिक विद्यालय के 100 साल के इतिहास में इस एक ही परिवार के दो बच्चों की उपलब्धि पर सभी को शिक्षा व संस्कार के तालमेल महत्वपूर्ण आवश्यकता की ओर मजबूती के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।