राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर विशेष: पाटन क्षेत्र में पक्षियों की आमद को संजो रहे पाटन के युवा फोटोग्राफर राजू वर्मा

पाटन।अपनी अमुल्य वन संपदा और हरियाली के लिए देशभर में प्रसिद्ध हमारा छत्तीसगढ़ पक्षियों की विविधता के लिए भी प्रसिद्ध है. फिर चाहे वह हमारे देश के पक्षियों की बात हो या सर्दी या गर्मी के दिनों में आने वाले प्रवासी पक्षियों की.  यहां के अनुकूल माहौल के चलते हर साल कई जगहों पर देशी विदेशी पक्षियों की विविधता देखने को मिलती है. छत्तीसगढ़ के नम भूमि क्षेत्र में ये प्रवासी पक्षी हिमालयन, चीन, रूस, मध्य ऐशिया, इराक, अफगानिस्तान से पाकिस्तान होकर आते हैं. हिमालय में जब बर्फ जम जाती है तब यहां ये पक्षी आते हैं. यहां जैसे ही गर्मी पड़ने लगती है पुन: लौट जाते हैं. उनका मुख्य आहार छोटी मछलियां व घोंघे होते हैं. जिसकी वजह से नदी व तालाब के किनारे उथले स्थान पर रहते हैं, जहां उन्हें आसानी से भोजन मिल सके. सर्दियों की आहट शुरू होते ही राज्य में विंटर माइग्रेटरी बर्डस का आना शुरू हो चुका है इस बार, राज्य के कई इलाकों में कई नई बर्डस की प्रजातियां भी देखने को मिल रही हैं।
छत्तीसगढ़ में कई बर्डस फोटोग्राफर्स हैं जिन्होंने विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को अपने कैमरे में कैद किया है.. ऐसे ही एक जुनूनी फोटोग्राफर हैं राजू वर्मा जिन्होंने इन प्रवासी पक्षियों की एक अच्छी तस्वीर क्लिक करने के लिए खूब जतन किए हैं।

पाटन क्षेत्र की जैव विविधता और यहाँ आने वाले पक्षियों की जानकारी सहेजने का कार्य क्षेत्र के ही युवा फोटोग्राफर राजू वर्मा द्वारा किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि आज 12 नवंबर को प्रख्यात पक्षी विज्ञानी डॉ सालिम अली का जन्मदिन राष्ट्रीय पक्षी दिवस के रूप में मनाया जाता है. 
बर्ड फोटोग्राफर राजू वर्मा ने ऐसी कई प्रजातियों के पक्षियों को कैमरे में कैद किया, वे पिछले कई सालों से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं. उनका कहना है कि वैसे वे पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन पक्षियों के प्रति प्रेम ने उन्हें फोटोग्राफी के क्षेत्र में आने पर विवश कर दिया. श्री वर्मा बताते हैं कि  पाटन व आसपास के क्षेत्रों में हर साल पक्षी प्रवास पर आते है।

मुख्यमंत्री भूपेश के गाँव बेलौदी सहित सांतरा चीgचा और अचनाकपुर के बांध है महत्वपूर्ण

प्रवासी पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाई मार्ग से गुजर कर प्रवास में जाते हैं .  लंबे सफर में विश्राम करने और पोषण करने माइग्रेट पैसेज के रूप में कुछ दिन बीच में रूकती है, फिर स्थायी रूप से सर्दी गुजारती हैं किसी एक जगह पर. गौरतलब पाटन में मुख्यमंत्री के गाँव बेलौदी सांतरा चीचा और अचनाकपुर बांध में प्रवास के दिनों में अच्छी संख्या में पक्षियों की आमद होती है.
खासकर बतख प्रजाति के पक्षी इन बांधो में हजारों की संख्या में देखी जा सकती है।
युवा फोटोग्राफर राजू वर्मा न केवल इनकी आमद को तस्वीरों में कैद कर रहे हैं बल्कि अन्य युवाओं को भी बर्ड और बर्ड वाचिंग के प्रति जागरूक कर रहे हैं, उन्होंने बताया कि बहुत जल्द स्कूलों और कॉलेजों में पक्षियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन भी करेंगे।
उन्होंने बताया कि पाटन क्षेत्र में प्रवासी पक्षी नॉर्थन पिनटेल,गारगने, गढ़वाल,बार हेडेड गूस,ब्लैक टेल गोडविट,रिवर लेप्विंग,यूरेशियन रायनेक,रूडी शेलडूक, गोल्डन प्लोवर,सेन्ड पाइपर, वाइट वैगटेल,मार्श हेररियर,टफ्टेड डक,नॉर्थरन शोलेवेर ग्रे लेग गूस,लिटिल स्टिनट आदि देखे जा सकते हैं।

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