नई शिक्षा नीति में अब व्यवसाय पर भी फोकस होगी पढ़ाई,मिडिल स्कूल मटिया में छात्राएं सीख रही सैनेटरी पैड बनाना

बालोद/ अर्जुन्दा। अब नई शिक्षा नीति के तहत छात्र छात्राओं को ऐसे व्यवसाय से भी जोड़ा जा रहा है। जो आगे चलकर उनके जीवन में स्वरोजगार का जरिया भी बने। अब बालोद जिले के स्कूलों में पूर्व व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत जीवन विकास, जिसमें 10 दिन करें बस्ता आराम, आओ कुछ सीखे कुछ नया काम की मुहिम शुरू हो गई है। इस अंतर्गत खासतौर से ग्राम मटिया (अर्जुंदा) के मिडिल स्कूल में कक्षा छठवीं से आठवीं के बालिकाओं को वहां के शिक्षक और प्रमुख जन सैनेटरी नैपकिन बनाना सिखा रहे हैं। जो अपने आप में एक अलग ही पहल है। छात्राएं शिक्षकों के मार्गदर्शन में खुद से नेपकिन बना रही है और इस नई शिक्षा क्रांति से भी जुड़ रहे हैं। “शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों को जीवन में आत्मनिर्भर बना सके, उसमें प्रत्येक कार्य स्वयं करने की क्षमता उत्पन्न कर सके एवं जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए स्वावलंबी बना सके”,,,महात्मा गांधी राष्ट्रपिता के इन बातों को अब स्कूलों में लागू किया जा रहा है और यही वजह है कि इस नई शिक्षा नीति के तहत बच्चों को स्कूलों में ही कुछ ऐसे प्रशिक्षण दिया जा रहे हैं जो आने वाले दिनों में उनकी आजीविका और स्वरोजगार का जरिया बन सके। मटिया में बच्चों के लिए वहां की शिक्षकों ने सैनेटरी नैपकिन पैड बनाने के व्यवसाय को चुना और इस काम में भी भली-भांति जुट गई हैं।

सैनेटरी पैड निर्माण प्रशिक्षण के लिए चयनित है मटिया स्कूल

शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मटिया में पूर्व व्यवसायिक शिक्षा को शामिल किया गया है। जिसमे बच्चों को विभिन्न व्यवसाय के बारे में पूर्व ज्ञान करना है। अपने स्थानीय कारीगर कौन सा कार्य करते हैं, इसके अंतर्गत यहां सैनेटरी पैड को चुना गया है। शिक्षिका पुष्पा चौधरी द्वारा बालिकाओं के लिए निः शुल्क पैड की व्यवस्था करते 2012 से अपने स्कूल में वितरण कर ही रही है। इसलिए इसी के अंतर्गत सेनेटरी पैड निर्माण का कार्य किया जा रहा है।

अरमरीकला में महिला समूह का काम देखने गए थे बच्चे

शाला से चयनित बच्चों को गुरुर ब्लाक के अरमरीकला के भ्रमण हेतु लेकर गए थे। जिसमें सभी बच्चों ने वहां मशीनों के द्वारा सैनेटरी पैड निर्माण की प्रक्रिया को बखूबी जाना एवं शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राज साहू, सदस्य किरण, पुष्पा ,शिक्षाविद डीडी यदु एवं एवं चयनित बच्चों को भ्रमण हेतु लेकर गए तत्पश्चात चंद्रहास साहू जो की इसके संयोजक है,सेनेटरी पैड निर्माण में सहयोग हेतु छोटी मशीन को शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मटिया लाया गया। जिसमें सभी बच्चों के द्वारा एवं जो वहां कारीगर है उनके माध्यम से सैनेटरी पैड बनाने की प्रक्रिया को सीख रही है। इस कार्यशाला में मिडिल स्कूल के प्रधान पाठक डी एस चंद्राकर , श्रीमती शशिकला देशमुख, श्रीमती पुष्पा चौधरी प्रभारी शिक्षिका शिक्षिका एवं
चंद्रहास साहू ,दानेश्वर साहू कांदुल के द्वारा बच्चों को निर्माण की प्रक्रिया को बताया जा रहा है।


इस कार्यशाला में रसोईया बहन पुष्पा, सुनीता , नीता चौधरी ,उपसरपंच पूर्णांनन्द चौधरी, संतोष ठाकुर ,लीला, प्रीतम चौधरी एवम ग्रामीण जनता के कुछ महिलाओं के द्वारा पैड के निर्माण की प्रक्रिया की जानकारी ले रहे हैं।
साथ ही साथ बालिका शिक्षा एवं स्वास्थ्य की जानकारी प्रदान किया जा रहा है।

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