ग्राउण्ड रिपोर्ट- हरियाली पर चल रही सफाई से आरी, तस्करी भी ऐसी मानो सामान का हो रहा हो परिवहन

ग्रामीण इलाके में बढ़ी लकड़ी तस्करी, वन और राजस्व विभाग मौन, हिन्दसेना ने डीएफओ से शिकायत, कार्रवाई की उठ रही मांग
जगन्नाथपुर सांकरा बिरेतरा, घूमका, जुंगेरा, भोथली बने तस्करों के गढ़
बालोद। गर्मी आने से पहले ही खेतों में हरियाली पर आरी की धार तेज हो गई है। लकड़ी तस्कर और उनके कोचिए खेतों में पहुंचकर रातो रात पेड़ कटवा कर सुबह होने से पहले उसे आरा मिलों में खपा रहे हैं। हाल ऐसा है कि अब परिवहन के लिए भी कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाने लगा है। लकड़ियों की तस्करी ऐसे हो रही है मानो मालवाहक वाहनों में कोई सामान का परिवहन हो रहा हो। ताकि किसी को शक ना हो। पुलिस और प्रशासन इस पर निगरानी नहीं रख पा रही है। प्रमुख रूप से राजस्व विभाग और वन विभाग को इस पर नजर रखनी चाहिए लेकिन अब तक इस मामले में कार्रवाई नहीं दिख रही है। विगत दिनों गुरुर थाना क्षेत्र में ऐसा एक मामला सामने आया था। लेकिन बाकी थाना क्षेत्र के पुलिस व अधिकारी इस मामले में सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। जिसके चलते तस्करों के हौसले बुलंद है और दिन हो या रात जब चाहे तब मालवाहक गाड़ियों में लकड़ी पार रही है। इस मुद्दे को लेकर समाजसेवी संगठन हिंद सेना के ने डीएफओ से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। हिन्दसेना के प्रदेश मुख्य संयोजक तरुणनाथ योगी ने नए डीएफओ को ज्ञापन देकर अवैध रूप से किसानों द्वारा कटवाई जा रही लकड़ी कटाई को रोकने की मांग की गई है। जिसमें उन्होंने प्रमुख रूप से जिन इलाकों में लकड़ी तस्कर सक्रिय है जहां जमकर कटाई हो रही है, उन इलाकों का नाम भी दिया है। प्रमुखतः इस शिकायत पत्र में जगन्नाथपुर, सांकरा घुमका, भोथली, बिरेतरा, जुंगेरा और अन्य गांव शामिल है।जहां अवैध रूप से कटाई जोरों पर है। लकड़ी तस्कर किसानों को औने पौने का लालच देकर प्रतिबंधित वृक्ष की कटाई करवा रहे हैं और उन्हें आरा मिलों में खपा रहें हैं। कुछ जलाऊ लकड़ी ईट भट्टों में भी खप रही है। लकड़ियों के दलालों द्वारा पेड़ो की औने पौने में खरीद-फरोख्त जारी है। कहुआ, बबूल खैर व अन्य प्रजाति के पेड़ बिना अनुमति काटे जा रहे। वनांचल में तो हाल और बुरा है। जंगलों को भी तस्कर निशाना बना रहे हैं। अब कुल्हाड़ी नहीं सीधे मशीन आरी से काम चलाया जा रहा है। ताकि एक झटके में विशाल पेड़ भी धराशाई कर दे। तस्कर गांव गांव में मजदूर रखे हुए हैं। जो आरा मशीनों से पेड़ कटवा रहे हैं। रातों रात हो चाहे दिन हो, मजदूर बकायदा तस्करों के साथ खेतों में पहुंचते हैं। सौदा पहले से तय होता है। चिन्हित पेड़ों को काटकर शाम होने से पहले गाड़ियों में लोड कर दिया जाता है। कुछ तो दिनदहाड़े ही तस्करी करके ठिकानों में पहुंचा देते हैं।
सामान की तरह पैकिंग कर लकड़ी तस्करी
ऐसा ही एक नजारा शुक्रवार को शाम 6 बजे जगन्नाथपुर में देखने को मिला। जहां पर एक मेटाडोर में चारों तरफ से पॉलीथिन से ढककर लकड़ियों को ले जाया जा रहा था। जगन्नाथपुर की बस्ती के बीच से तस्करी होती है जो आश्चर्यजनक बात भी है। तस्करों व स्थानीय लोगों की सांठगांठ के चलते यह काम अंजाम दिया जा रहा है। जब हमने उक्त मेटाडोर की तस्वीर लेनी शुरू की तो चालक को इस बात की भनक लगी और उन्होंने तेजी से गाड़ी चलाते हुए सुंदरा रोड की ओर आगे बढ़ा दी। इसके बाद यह गाड़ी किस दिशा में मुड़ी, पता नहीं चल पाया। चर्चा है कि यहां से कीमती इमारती लकड़ी गुंडरदेही सहित अन्य इलाकों के आरा मिलों में खपाने के लिए ले जाई जाती है। किसी को शक ना हो इसलिए बकायदा लकड़ियों को पैक करके ले जाते हैं। जगन्नाथपुर सहित आसपास जो चिन्हित गांव है वहां तस्कर बकायदा लकड़ियों को ढेर लगाने का स्थान तय कर रखे हैं। जहां से ये गाड़ियां बकायदा आती है और निश्चिंत होकर गाड़ियों में सामान की तरह लकड़िया लोड करके उन्हें पूरी तरह से पैक कर छुपाते हुए ले जाते हैं।
डीएफओ ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

हिन्दसेना द्वारा सौंपे ज्ञापन पर डीएफओ ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। हिंदू सेना के प्रदेश मुख्य संयोजक तरुण नाथ योगी ने कहा कि उक्त ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। जिसमें कुछ लोगों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त है या यूं कहें कि राजनीति से जुड़े लोग भी इस तस्करी में उतर आए हैं। जिनके नाम से शिकायत भी की गई है।
झलमला और बालोद के आरा मिल भी हैं तस्करों के ठिकाने
हिन्दसेना के प्रदेश मुख्य संयोजक तरुण नाथ ने आरोप लगाया कि झलमला और बालोद के कई आरा मिल भी इन लकड़ी तस्करों के ठिकाने हैं। रोज सुबह 4 से 5 के बीच बालोद दुर्ग मार्ग सहित धमतरी मार्ग में लकड़ी तस्करों की रेलम पेल रहती है। कई ट्रैक्टर और ट्रकों में लकड़ियां भरकर आरा मिलों में पहुंचाई जाती है। जिसकी कोई चेकिंग नहीं होती। अगर शासन प्रशासन इस पर गंभीरता दिखाए तो इस पर कड़ाई से कार्रवाई हो सकती है। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जाता है।
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