सेम्हरडीह की महिलाएं बना रही ऐसा दोना पत्तल जिससे प्रकृति को नही होगा नुकसान
बालोद। डौंडीलोहारा ब्लाक के ग्राम सेम्हरडीह में जय छत्तीसगढ़ महतारी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने रोजगार का एक नया तकनीक अपनाते हुए समूह में ही दोना पत्तल बना कर बेच रहे हैं। समूह की महिलाएं खेतों में जाकर कसी के पत्ते को लाकर उससे दोना पत्तल बना रहे हैं और इससे वह अच्छी आय भी कमा रहे हैं। समूह की सदस्यो ने बताया कि कागज और जल्दी से बनने वाले दोना पत्तल प्रदूषण का कारण है। कागज तो जल जाते हैं या नष्ट भी हो जाते हैं लेकिन जो पॉलिथीन है वह ना सडता है ना गलता है , और इसको जानवर चारा समझकर खाते हैं जिससे जानवरों के लिए खतरा भी बन जाता है। इसलिए, प्राकृतिक रूप से प्राप्त पेड़ के पत्तों से ही हम दोनों पत्तल बना रहे हैं। जिसको उपयोग करने के बाद सड़ा कर पुनः खाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं। सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि हमारे समूह में कुल 15 सदस्य हैं और सभी एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं और शादी, नामकरण, मृत्यु भोज, पुजा या अन्य कार्यों पर उनके यहां बनाए गए दोना पत्तल का मांग होता है। खेती-बाड़ी का कार्य खत्म होने के बाद रोजगार न मिलने के कारण सभी खाली हो जाते हैं, साथ ही सभी महिलाएं अपने घरेलू कार्य को पूर्ण कर खाली समय पर यह कार्य करती हैं। सहायता समूह के अध्यक्ष चित्रकला साहू जी व सदस्य नारायणी बाई , लक्ष्मी बाई सरिता बाई ,योगीता बाई, जानकी, गायत्री, नितु बाई, कामीन, मीना बाई,कौशिल्याबाई,रामबाई,बिरझाबाई,सेवती बाई, चंद्रीका बाई हैं