एक नवंबर से धान खरीदी की मांग, भाजपा का आरोप- षड्यंत्र और प्रलाप करके धान खरीदी टालने की कोशिश

पिछले सत्र में 300 की हुई बढ़ोत्तरी अब 2800 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदे धान

बालोद। छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने धान ख़रीदी को लेकर प्रदेश सरकार के ढुलमुल रवैए पर जमकर निशाना साधते हुए कहा है कि घोर किसान-विरोधी प्रदेश सरकार इस बार फिर किसानों का धान ख़रीदने से बचने के लिए बहानेबाजी, षड्यंत्र और प्रलाप करके आनाकानी पर आमदा है। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के नेताओं के परस्पर विरोधाभासी बयान साफ़ करते हैं कि धान ख़रीदी को लेकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेता एक बार फिर रोना-धोना मचाने लगे हैं। एक नवंबर से धान खरीदी शुरू करनी चाहिए और एमएसपी वृद्धि का लाभ किसानों को देने की मांग लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया। उन्होंने कहा कि पिछले सत्रों में समर्थन मूल्य में लगभग 300 रुपए की वृद्धि की गई है। इस अनुपात में 2800 रुपए समर्थन मूल्य में धान खरीदी किया जाना चाहिए।बालोद पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धान ख़रीदी को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ झूठ फैलाते हैं तो उनकी ही सरकार के प्रवक्ता व मंत्री अपने दम पर धान ख़रीदी की बात करते हैं। प्रदेश के किसानों के हितों की चिंता कर केंद्र सरकार ने इस वर्ष जब 60.65 लाख मीटरिक टन चावल केंद्रीय पूल में लेने की सहमति दे दी तो प्रदेश सरकार और कांग्रेस अब उसना चावल के नाम पर रोना-धोना मचाने लगी है। श्री कश्यप ने कहा कि जब भाजपा ने ख़रीफ़ सत्र की शुरुआत के साथ जुलाई में ही प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर धान ख़रीदी के तमाम इंतज़ाम दुरुस्त करने और बारदानों की पर्याप्त ख़रीदी कर लेने के लिए आग़ाह कर दिया था तो प्रदेश सरकार ने समय रहते इस दिशा में पहल क्यों नहीं की? अब बारदानों की आपूर्ति को लेकर प्रदेश सरकार अपना दोष किस पर मढ़ रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्णकांत पवार ने कहा कि अपनी विफलताओं का ठीकरा हर बार दूसरों के सिर फोड़ने की बुरी लत से प्रदेश सरकार और कांग्रेस बाज आए।लक्ष्य के अनुरूप 5 लाख 25 हजार गठान की आवश्यकता होगी।सेंट्रल पुल से जो बारदाना प्रदान की जाएगी उसके लिए जूट कमिश्नर ने जानकारी दे दी है। सेंट्रल पुल के अतिरिक्त राज्य को स्वयं 3 लाख गठान की व्यवस्था करनी है परंतु राज्य सरकार द्वारा मात्र 48 हजार गठान हेतु सितंबर में टेंडर निकाला गया जो बहुत दुर्भाग्य पूर्ण है। ऐसी स्थिति में अपनी नाकामी छुपाने भूपेश सरकार तरह तरह के बयान बाजी और हथकंडे अपनाते रहती है जो अत्यंत निंदनीय है। किसान मोर्चा प्रदेश मंत्री पवन साहू ने बारदानों को लेकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस प्रवक्ताओं के परस्पर विरोधाभासी बयान धान ख़रीदी को लेकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस की बदनीयती ज़ाहिर कर रहे हैं। एक ओर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व मंत्री मो. अक़बर दावा कर रहे हैं कि प्रदेश सरकार धान ख़रीदी के लिए बारदाने की कमी नहीं होने देगी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता बारदानों की कमी नहीं होने देने की बात कर रहे हैं तो कांग्रेस के प्रवक्ता भाजपा को बारदाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की बचकानी सलाह दे रहे हैं। बारदानों की व्यवस्था करना प्रदेश सरकार का दायित्व है तो फिर कांग्रेस ने अपनी प्रदेश सरकार पर तमाम इंतज़ाम दुरुस्त करने का दबाव क्यों नहीं बनाया।

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