सरकार के आदेश के पालन में कम हो जाएगी मूर्तियों की ऊंचाई तो घट जाएंगे पंडाल की संख्या भी, दुर्गा उत्सव समिति नहीं कर रही पहले से कोई तैयारी
बालोद। इस बार नवरात्रि में कोरोनावायरस का साया बना रहेगा। सरकार ने लॉक डाउन हटाने को लेकर भले ही आदेश जारी कर दिया है तो वही सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य नियमों का पालन करने कहा गया है। इन नियमों के बीच इस बार नवरात्रि मनाई जाएगी। इसके लिए भी पहले से दिशा निर्देश जारी हुए हैं। उन निर्देशों का पालन हर तरह से कर पाना हर दुर्गा उत्सव समिति के लिए मुमकिन नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते इस बार शहर में स्थिति यह है कि या तो मूर्तियों की ऊंचाई कम हो जाएगी और पंडाल भी घट जाएंगे। कुछ जगहों पर मूर्ति स्थापित करने की तैयारी की जा रही है बाकी अधिकतर समितियां इस बार पहले से कोई तैयारी नहीं कर रही हैं। पुराना बस स्टैंड में वर्षों से मूर्ति स्थापना का कार्य हो रहा है। जहां पर कलानिकेतन समिति इसका संचालन करती है। इस समिति के संरक्षक कृष्णकांत पवार ने बताया कि सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मूर्ति की ऊंचाई कम कर के हम इस बार भी दुर्गा स्थापना करेंगे ताकि परंपरा भी ना टूटे और कोरोनावायरस का खतरा भी ना हो सके तो वहीं अन्य समिति से जुड़े हुए पदाधिकारियों का कहना है कि जो जो निर्देश दिए गए हैं उनका हर स्तर पर पालन बहुत ही कठिन लग रहा है। इसलिए इस बार स्थापना ना करके घर पर ही पूजा करने की तैयारी भी कर रहे हैं।
इन जगहों पर होती है मूर्ति स्थापना
बालोद शहर में प्रमुख रूप से गंगा सागर तालाब, नया बस स्टैंड, पुराना बस स्टैंड,गंजपारा बालोद, नयापारा बालोद, बुधवारी बाजार में दो जगह ,मरार पारा मोखला मांझी मंदिर, स्टेशन रोड राजनांदगांव मार्ग, शिकारी पारा, कुंदरू पारा, बुढ़ापारा तालाब पार, पाररास वार्ड सहित अन्य प्रमुख जगह दुर्गा प्रतिमा स्थापना की जाती है। विसर्जन के दिन मेले जैसा माहौल रहता है। बालोद सहित ग्रामीण क्षेत्र से भी हजारों की संख्या में लोग विसर्जन देखने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के खतरे को देखते हुए दुर्गा उत्सव फीका रहने का भी अनुमान है वहीं मंदिर समितियां भी तैयारी को लेकर उत्सुक नजर नही आ रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों की मौजूदगी में दुर्गा उत्सव मनाने की तैयारी भी कर रहे हैं।
यह नियम लागू किया गया दुर्गा उत्सव के लिए
किसी भी दुर्गा पंडाल को 28 शर्तों का मूर्ति व पंडाल निर्माण में पालन करना होगा। बालोद जिला प्रशासन ने निर्देश दिया है कि जिले में किसी भी मूर्ति की ऊंचाई 6 फीट से ज्यादा नहीं होगी, वहीं पंडाल का भी 15 फीट से ज्यादा ऊंचा और चौड़ा नहीं होगा। मूर्ति दर्शन के लिए आने वाले लोगों का पूरा नाम पता और मोबाइल नंबर लेना होगा।
पंडाल के सामने 3000 स्कावायर फीट की खुली जगह होनी जरूरी होगी, वहीं पंडाल के आसपास बैठने की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। पंडाल में एक वक्त में 20 से ज्यादा लोग माता के दर्शन नहीं कर सकेंगे। वहीं आयोजकों को दर्शन करने आने वाले लोगों के लिए रजिस्ट्रर रखना जरूरी होगा। वहीं पंडाल में चार सीसीटीवी लगाने होंगे, ताकि कोरोना संक्रमित की पहचान की जा सके। मूर्ति दर्शन के लिए मास्क लगाना जरूरी होगा। वहीं आयोजकों को सैनेटाइजर, आक्सीमीटर, हैंडवाश, थर्मल स्क्रीनिंग सहित अन्य व्यवस्थाएं करनी होगा।
अगर कोई मूर्ती स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का पूरा खर्च आयोजक को उठानी होगी, मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए बड़ा वाहन नहीं मिलेगा। वहीं मूर्ति के साथ झांकियां भी नहीं निकलेंगी। मूर्ति विसर्जन के लिए चार से ज्यादा लोग नहीं जा सकेंगे। विसर्जन के लिए रूट मार्ग का निर्धारण का पालन करना जरूरी होगा।नवरात्र के दौरान स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण नहीं किया जायेगा। शर्तों के साथ सिर्फ घरों में मूर्ति बैठाने की इजाजत होगी, घर से बाहर मूर्ति स्थापना के लिए निगम से 7 दिन पहले अनुमति लेनी होगी और शपथ पत्र भरकर देना होगा।