बालोद में प्रयास आवासीय स्कूल परीक्षा में सामने आई लापरवाही, 78 बच्चों को 2 घंटे बाद मिला प्रश्न पेपर, पालको सहित बच्चों ने जताई नाराजगी
बालोद। रविवार को प्रयास आवासीय स्कूल में प्रवेश के लिए जिला मुख्यालय बालोद के शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त कॉलेज में आयोजित परीक्षा में लापरवाही सामने आई। यहां पर तीन कमरों में बैठे बच्चों को निर्धारित समय सुबह 10:30 बजे प्रश्न पेपर और उत्तर पुस्तिका ही नहीं दिया गया था। जबकि परीक्षा का समय 10:30 से दोपहर 1:00 बजे तक निर्धारित था। 78 बच्चे जो 26-26 की संख्या में तीन-तीन कमरे में बैठे थे उनके लिए प्रश्न पेपर और उत्तर पुस्तिका का इंतजाम 12:30 बजे के बाद ही हुआ और जैसे-तैसे उन्हें मुश्किल से 2:30 तक ही लिखने के लिए समय दिया गया। यानी जहां अन्य बच्चे ढाई घंटे परीक्षा दिलाये वहीं इन तीन कमरों में बैठे 78 बच्चे एक से डेढ़ घंटे ही परीक्षा दे पाए। इस लापरवाही के लिए पालकों ने भी हंगामा किया। तो वहीं परीक्षा को रद्द करने की मांग भी उठने लगी। जानकारी के मुताबिक परीक्षा शुरू होने से पहले कर्मचारी इस बात से पुष्ट नही थे कि जितने बच्चों को बैठाया गया है उतने प्रश्न पेपर है या नहीं। जब परीक्षा शुरू हुआ तो पता चला कि तीन कमरों के बच्चों के लिए तो प्रश्न पेपर खत्म हो गया है। उनका उत्तर पुस्तिका भी नहीं था। इतनी बड़ी लापरवाही आखिर कैसे हुई। निर्धारित रोल नंबर के आधार पर क्यों प्रश्न पेपर व उत्तर पुस्तिका के इंतजाम नहीं किया गया था। यह कई सवाल खड़े कर रहा है। वही पालकों ने इस लापरवाही पर जानबूझकर गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है। खेरथा बाजार के एक पालक सीएल साहू ने कहा कि बालोद जिले में सिर्फ दो जगह ही परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। पूरे जिले भर से दूरदराज से बच्चे अपनी पालकों के साथ आए थे। लेकिन यहां उन्हें निर्धारित समय में प्रश्न पेपर ही नहीं मिला। बच्चों को एक से डेढ़ घंटे बाद प्रश्न पेपर दिया गया। परीक्षा रद्द की जानी चाहिए। अगर संबंधित पर कार्रवाई नहीं की गई तो इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की जाएगी।
मीडिया से भी बचते दिखे अधिकारी
जब मामले की जानकारी मीडिया को हुई और मीडिया की टीम जब कॉलेज पहुंची तो इस लापरवाही के लिए जवाब देने से अधिकारी और कर्मचारी बचते नजर आए। संतोषजनक जवाब मीडिया को भी नहीं दिया गया।
घंटों भूखे प्यासे रहे बच्चे
बच्चों को 10:30 बजे से परीक्षा केंद्र में बैठा दिया गया था यानी जाहिर है कि वह आधे घंटे पहले यानी सुबह 10:00 बजे से ही आ गए थे ।जिले भर से हर कोने से बच्चे यहां आए थे जो कि सुबह नाश्ता करके ही आए थे। कई लोग तो ठीक से नाश्ता भी नहीं कर पाए थे क्योंकि उन्हें बड़ी दूर से आना था। भूखे प्यासे घंटों बच्चे परीक्षा केंद्र में बैठे रहे और उनके पास प्रश्न पेपर उत्तर पुस्तिका ही नहीं था। पालकों ने कहा कि अगर बच्चे परीक्षा केंद्र में निर्धारित समय से 5 मिनट देर से पहुंचते हैं तो उन्हें केंद्र में एंट्री नहीं दी जाती है। लेकिन यहां तो एक-एक डेढ़-डेढ़ घंटे तक बच्चों को बिना प्रश्न पेपर के बैठाया गया था। इस पर क्या किसी की लापरवाही के लिए कार्रवाई होगी?
एसडीएम ने कहा प्रश्न पेपर की हो गई थी कमीं, फोटो कॉपी करवाना पड़ा
तो वहीं इस मामले में परीक्षा के प्रभारी एसडीएम रामसिंह ठाकुर का कहना है कि परीक्षा के दौरान जब प्रश्न पेपर का वितरण किया गया तो प्रश्न पेपर की कमी हो गई थी। क्योंकि प्रश्न पेपर दर्ज संख्या के हिसाब से आता है और वह पैकेट सील्ड भी रहता है। जब सील खोला गया और वितरण हुआ तो पता चला कि निर्धारित संख्या में प्रश्न पेपर नहीं थी। इसलिए फिर हमें प्रश्न पेपर का फोटोकॉपी करवाना पड़ा और इस वजह से परीक्षा में देरी हुई।जिन बच्चों को देर से प्रश्न पेपर दिया गया उनके लिए अतिरिक्त समय दोपहर 3 बजे तक भी दिया गया था। तो वहीं लापरवाही पर कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि चूक यहां से नहीं हुई है। रायपुर से ही संबंधित विभाग के द्वारा सील पैक प्रश्न पेपर भेजा गया था।
कलेक्टर ने कही ये बात
तो वहीं कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने भी कहा कि मामले की जानकारी ली गई है। पता चला है कि प्रश्न पेपर कम प्राप्त हुए थे इस वजह से फोटो कॉपी करवाया गया। वहीं बच्चों को 3 बजे तक का अतिरिक्त समय दिया गया था।