इस बार नही होगी बेटियों की रामलीला, कोरोना के कारण आयोजन नही, सरस्वती का हुआ विसर्जन
बालोद । जिले के ग्राम नागाडबरी एवं ग्राम टेकापार में वर्षों से चली आ रही रामलीला का मंचन इस बार दशहरा में नहीं होगा। गांव की बाल समाज लीला मंडली के संचालक शिक्षक षडप्रकाश किरण कटेन्द्र ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल को देखते हुए मंडली के द्वारा राम लीला का मंचन नहीं कराया जा रहा है।
लगातार 22 वर्षों से मंडली का संचालन कर रहे है। उनकी मंडली में बच्चों को अभिनय सीखाकर नव पीढ़ी तक साँस्कृतिक विरासत को पहूँचाई जाती है। इस बार रामलीला का मंचन न होने की खबर से ग्राम के सभी वर्गों में मायुसी छाई हुई है।
बालिकाओं ने किया था अभिनय
ग्राम की बालिकाओं की प्रतिभा को निखारने के लिए एवं उन्हें आगे बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षक षडप्रकाश किरण कटेन्द्र ने विगत वर्ष पूर्व राम लीला के पात्रों पर अभिनय बालिकाओं द्वारा कराया था। इस वर्ष भी बालिकाऐं इच्छूक थी पर इस मंचन न होंने के कारण उन्हें भी निराशा हुई।
माँ सरस्वती का हुआ विसर्जन
पूर्व सरपंच मनोज कटेन्द्र ने अपने घर पर ही सरस्वती की मूर्ती स्थापना किए थे। अष्टमी पूजन के बाद विसर्जन किया गया।
टेकापार में भी नहीं होगी बेटियों की रामलीला
इस बार बालोद ब्लॉक के ग्राम टेकापार में भी बेटियों की रामलीला की प्रस्तुति नहीं होगी। कोरोना के चलते इस बार आयोजन स्थगित रखा गया है। बता दें कि बालोद जिले में बेटियों की रामलीला की शुरुआत इसी गांव से हुई थी। इससे प्रेरित होकर अन्य कुछ गांव में भी बेटियां रामलीला के अभिनय में आगे आई। टेकापार की बेटियों की रामलीला मंडली छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश भर में चर्चा में आई थी। पिछले साल एक चर्चित यूट्यूब चैनल के जरिए रामलीला का प्रसारण भी बड़े स्तर पर हुआ था। वहीं जिला प्रशासन का सपोर्ट भी इस मंडली को लगातार मिलता रहा है। जिससे यह मंडली बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ थीम पर भी काम कर रही है।