शराबबंदी में महिला कमांडो निभा सकती है अहम भूमिका, इनके जरिए चलाया जाएगा जनचेतना अभियान
अध्ययन समिति में बालोद जिले से पद्मश्री शमशाद बेगम भी है सदस्य
बालोद।छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जनचेतना अभियान चलाए जाने की बात कही है। उनका नया बयान सामने आया है जिसमें वे कह रहे हैं कि शासन शराबबंदी को लेकर गंभीर है और इसमें चरण वार प्रक्रिया अपनाकर शराबबंदी की जाएगी। इसके लिए पूर्व से ही अध्ययन समिति बनी हुई है। परंतु कोरोना काल की वजह से उक्त समिति का आगे का काम रुका हुआ था तो वही आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यह भी स्पष्ट किया है कि जनचेतना अभियान में महिला कमांडो का अहम रोल होगा। महिला कमांडो को सशक्त करते हुए समाज में शराबबंदी को लेकर जन जागरूकता फैलाई जाएगी। आपको बता दें कि महिला कमांडो का छत्तीसगढ़ में केंद्र बिंदु बालोद जिला है। जहां सबसे ज्यादा 12500 महिला कमांडो निशुल्क सेवा भाव से कार्यरत है। जो कि एक स्वयंसेवी संस्था सहयोगी जन कल्याण समिति के जरिए काम करते हैं। इतना ही नहीं बालोद से इसका विस्तार छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में हो चुका है। जहां करीब 65000 महिला कमांडो जुड़ी हुई हैं। कोरोना काल में भी इनकी अहम भूमिका बनी हुई है और वे लोगों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक कर रही हैं। रात में गश्त भी कर रही हैं। नशा मुक्ति अभियान भी चला रही हैं।
पद्मश्री शमशाद बेगम है अध्ययन समिति के सदस्य
बालोद जिले से भी शासन द्वारा शराबबंदी के लिए तय किए गए अध्ययन समिति में महिला कमांडो की प्रमुख पद्मश्री शमशाद बेगम को सदस्य नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति के बाद आबकारी विभाग के अफसरों के साथ रायपुर में इस समिति के कार्य को लेकर एक बैठक हो चुकी है तो वहीं दूसरे राज्यों में अध्ययन को लेकर टीम जाने की तैयारी है। समिति के सदस्य पद्मश्री शमशाद बेगम ने बताया कि हम तो पहले से ही लोगों को नशा छुड़वाने, नशे से दूर रखने को लेकर काम करते आ रहे हैं। महिलाएं शराब बंदी के पक्ष में पहले से ही हैं। शराब से कई लोगों का घर तबाह हो जाता है। नशे के खिलाफ महिलाएं सदैव लाठी सीटी लेकर खड़ी रहती हैं। महिला कमांडो लगातार इस मामले में अलर्ट रहती हैं। कोरोना की वजह से कुछ हद तक गतिविधियों में थोड़ी कमी आई है लेकिन अब फिर से महिला कमांडो संगठन को गांव-गांव में सक्रिय किया जा रहा है। तो साथ ही शराबबंदी को लेकर फिर से कमांडो हुंकार भरेंगे।
शासन के साथ मिलकर शराबबंदी के दिशा में कदम उठाना महिला कमांडो के लिए भी एक बड़ी सफलता साबित होगी। समाज को सही दिशा में ले जाने के लिए कमांडो संगठन कार्यरत है और शराब जो है समाज के लिए कलंक है। जिसे साफ करना महिला कमांडो अपना पहला कर्तव्य समझते हैं। और इस अध्ययन समिति के सदस्य होने के नाते पूरे छत्तीसगढ़ में सभी जिलों में ही महिला कमांडो का विस्तार कर उनके जरिए लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने में महिला कमांडो अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कही ये बात
मंत्री लखमा ने मीडिया से कहा है छत्तीसगढ़ में शराबबंदी से पहले जनचेतना अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए महिला कमांडो को सशक्त किया जाएगा. नशा मुक्ति केंद्रों की भी संख्या बढ़ाई जाएगी. समिति के सदस्य बिहार, गुजरात, नागालैंड, मिजोरम, लक्ष्यदीप समेत जहां पूर्ण शराबबंदी वहां समाज की आर्थिक स्थिति के साथ कानून व्यवस्था का भी अध्ययन करेंगे.
पूर्ण शराबबंदी मामले में मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि पार्टी के घोषणा पत्र में कहा गया है कि हम छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करेंगे, लेकिन किसान, आम जनता और मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखा जा रहा है इसलिए जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा. शराबबंदी को लेकर सभी समितियों की बैठक ली जा रही है. शराबबंदी से पहले किस तरह का प्रचार होगा. अभियान चलाया जाएगा. जिन राज्यों ने शराबबंदी की, उन राज्यों में कैसी स्थिति है. इसका आकलन किया जाएगा. यहां शराबबंदी को लेकर हमारी सरकार गंभीर है.