आमाराइट परियोजना में बीजों की कला से घुमका के छात्र ने किया कमाल, पूरे जिले में इस प्रोजेक्ट के तहत हमारे नायक में जगह बनाने वाला पहला छात्र बना जयंत

बच्चे की सफलता की कहानी लिखी राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने

विवेक धुर्वे

बालोद। पढ़ाई तुंहर द्वार पोर्टल के तहत आज हमारे नायक के रूप में बालोद जिले से घुमका प्राइमरी स्कूल के छात्र जयंत कुमार साहू को हमारे नायक के रूप में स्थान मिला है। जिन्होंने आमाराइट परियोजना के तहत के बीजों की कला से विभिन्न शिक्षाप्रद चीजें बनाकर उपलब्धि हासिल की है। इस प्रोजेक्ट के तहत हमारे नायक में स्थान बनाने वाले छात्रों में पूरे बालोद से जयंत कुमार पहला छात्र बन गया है। जिसकी सफलता की कहानी को सांकरा ज हायर सेकेंडरी स्कूल के व्याख्याता व राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक विवेक धुर्वे ने लिखी है।
बता दें कि नए सत्र में अब एक और योजना शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए लागू की है ,जो एक प्रोजेक्ट के रूप में है। जिसका नाम है “आमाराइट” . इस प्रायोजना को पूरे प्रदेश के स्कूलों के लिए लागू किया गया है।

आमाराइट क्या है ?
बच्चे की शिक्षिका चेतना साहू सहायक शिक्षक ने बताया कि आमाराइट एक ग्रीष्कालीन प्रोजेक्ट है | जिसे प्रदेश के स्कूली बच्चों के लिए  उनके कक्षा के आधार पर तैयार किया गया है | इसका अर्थ Am I Right  है ,जो छत्तीसगढ़ी खेल का अपभ्रंस है | इस प्रोजेक्ट का अर्थ भी बच्चों को खेल खेल में सिखाने से है |
इस प्रोजेक्ट को  ग्रीष्मकाल में बच्चों को सक्रीय रखने के लिए तैयार किये है , यह प्रोजेक्ट बहुत अच्छा माना जा रहा है ,इसीलिए अब इसे पूरे राज्य स्तर में लागू किया जा रहा है |  ऐसे ही चर्चा के दौरान में विवेक धुर्वे राज्य स्तरीय ब्लॉग लेखक ने नन्हे छात्र के पढ़ाई के प्रति जुनून को हमारे नायक ब्लॉग के माध्यम से सभी के सामने लाया।

आमाराईट परियोजना के अंतर्गत बच्चे ने किया ये काम

इस छात्र ने अपने काम के प्रति जुनून को अपने विद्यालय में आमाराईट परियोजना के अंतर्गत सामने लाया। इस बच्चे ने विभिन्न प्रकार के बीजो का संकलन कर छोटे छोटे पैकेट बना कर बीजो की संख्या को गणितीय इकाई में लिखना और अपने शिक्षक के माध्यम से विद्यालय में प्रस्तुत किया | दुसरे लोगो की मदद करने का भी कार्य किया जाता है | रिश्तेदारों की जानकारी लेकर उसको भी लिखा | अंग्रेजी , हिंदी में सप्ताह के दिनों का नाम ,घर तथा अपने आस पास के वस्तुओं का नाम,विभिन्न प्रकार के पत्तो को इकट्ठा कर स्केल से से.मी. माप कर उसकी उपयोगिता को अपनी समझ से लिखना | औजारो का भी नाम लिखा,छत्तीसगढ़ में पहने जाने वाले आभूषण का नाम,अपनी दिनचर्या, अपने घर का नक्शा, कोरोना से बचाव के लिए लिखा |

मोहल्ला कक्षा-

शुरुआत में मोबाइल की समस्या के कारण ऑनलाइन में जुड़ नही पता था | इसलिए मोहल्ला कक्षा से प्रेरित होकर प्रतिदिन मोहल्ला कक्षा में अपनी उपस्थिति देता था | पढ़ाई में अव्वल छात्र है हर कला में निपुण है | मोहल्ला कक्षा का संचालन पालकों की सहमति व सहयोग से किया जा रहा है | इसके लिए संबंधित स्थानों में सामुदायिक भवन परिसर, रंगमंच, हाल, सेड, वृक्षों के नीचे का चबूतरा जैसे कई खाली पड़े स्थानों में क्लास संचालित किया जा रहा है |

टीएलएम-अपने कक्षा शिक्षकों की सहायता टीएलएम बनाने में मदद मिली। तथा विद्यालय में हमेशा आगे रहता है| स्कूलों में कक्षा शिक्षण के दौरान विषय वस्तु से संबंधित चार्ट, पोस्टर, मॉडल व अन्य रुचिपूर्ण सहायक सामग्री को प्रस्तुत करते हुए बच्चों को पढ़ाया जाता है। इससे बच्चों में सीखने की प्रक्रिया आनंददायक बन पाती है |

खेल कूद में आगे – जयंत कुमार हर खेल में हिस्सा लेते है | किसी भी विद्यार्थी के लिए पुस्तक ज्ञान आवश्यक है, परंतु मात्र पुस्तकों के अध्ययन से ही सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता है | अत: एक आदर्श विद्यार्थी पढ़ाई के साथ खेल-कूद व अन्य क्रियाकलापों को भी उतना ही महत्व देता है | खेल-कूद व व्यायाम आदि भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके बिना शरीर में सुचारू रूप से रक्त संचार संभव नहीं है | इसका सीधा संबंध मस्तिष्क के विकास से है | खेलकूद के अतिरिक्त अन्य सांस्कृतिक कार्यकलापों, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं तथा विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने से उसमें एक नया उत्साह तथा नई विचारधारा विकसित होती है, जो उसके चरित्र व व्यक्तित्व के विकास में सहायक होती है |
रुचि-चित्रकारी करना जिससे प्रकृति की तस्वीरों को अपनी चित्रकला में उतार लिये अजित है | चित्रकला से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है | एक चित्रकार एकाग्रतापूर्वक काम करता है, जिससे उसमें आत्मविश्वास की वृद्धि होती है | वह स्वयं अनुशासित हो जाता है | और जयंत कुमार को सभी तरह की पेंटिंग बनाने में रुचि है |

भविष्य में बनना चाहता है शिक्षक
बच्चे की इच्छा है, एक सफल शिक्षक बनू और आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बनाऊ | देश में अधिकतर नागरिक एक अच्छी पोस्ट प्राप्त करने के लिए पढ़ाई करते है, क्योंकि बहुत से लोग ऐसे होते है, जो इंजीनियर, डॉक्टर या वकील बनना चाहते है, उनमे कुछ लोग ऐसे होते है जो शिक्षक की नौकरी प्राप्त करने की इच्छा रखते है | शिक्षक की नौकरी भी एक सम्मान जनक नौकरी होती है, क्योंकि बच्चों का गुरु बनना कोई आसान काम नहीं होता है, कुछ लोग तो शिक्षक इसलिए बनना चाहते है, कि वो अपना ज्ञान दूसरों को बांट सके और स्वयं का ज्ञान बढ़ा सके, क्योंकि ज्ञान वो चीज होती है, जो बंद रखने से घटती ही चली जाती है और आप इसे जितना अधिक खर्च करेंगे यह उतना ही अधिक बढ़ता चला जाता है |

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