बालोद। हाल ही में हुए असम के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी से बालोद जिले के दिग्गज नेताओं को विधानसभा प्रभारी बनाकर संबंधित पार्टी के आलाकमान द्वारा भेजा गया था। जिसमें प्रमुख रुप से कांग्रेस से गुंडरदेही के विधायक व संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, नगर पालिका बालोद के अध्यक्ष विकास चोपड़ा व भाजपा से गुंडरदेही विधानसभा के पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू अपनी अपनी जिम्मेदारी के मुताबिक उन क्षेत्रों में प्रभारी के तौर पर मोर्चा संभाले थे। चुनाव परिणाम आ चुके हैं। हम बता रहे हैं कि इस चुनाव में जिन्होंने भी मोर्चा संभाला उनका कितना प्रभाव इस चुनाव में पड़ा व किसकी जीत हुई व किसके प्रत्याशी हारे। साफ जाहिर है कि कांग्रेस को असम में बढ़त नहीं मिली। तो कांग्रेस समर्थित अधिकतर प्रत्याशी हारे हैं। तो वहीं वीरेंद्र साहू को जिस बिहाली विधानसभा में प्रभारी बनाए गए थे वहां के प्रत्याशी रंजीत दत्ता की 30 हजार वोट के अंतर से बड़ी जीत हुई है।
कांग्रेस के दिग्गजों का नही चला जादू
कुंवर निषाद विधायक गुंडरदेही लगातार असम चुनाव में डटे हुए थे यहां तक कि वे होली में भी घर नहीं आये थे। एक एक दिन चुनाव प्रचार कर रहे थे। पर उनके प्रत्याशी को हार झेलनी पड़ी तो वहीं दूसरी ओर गोलाघाट विधानसभा में आब्जर्वर बने नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा के प्रत्याशी को भी हार का सामना करना पड़ा। गुंडरदेही के विधायक निषाद ने असम में हाफलंग विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला के पक्ष में प्रचार किया था तो वहीं नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने गोलाघाट के जिला कोऑर्डिनेटर रूप में काम करते हुए आब्जर्वर की भूमिका निभाते हुए वहां अपने प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार में गए थे। पर जीत हासिल नहीं हो पाई। इस हार का कारण बताते हुए नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा का कहना है कि हमारा जो प्रत्याशी था वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आया था। तो वही चुनाव के कुछ हफ्ते पहले की कांग्रेस पार्टी का एक विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चला गया था। इससे एन वक्त में समीकरण बिगड़ गया और इस वजह से हार झेलनी पड़ी। लगभग 3000 वोटों के अंतर से हारे हैं। तो हाफलंग विधानसभा में हार के पीछे का बड़ा कारण वहां बीजेपी की तानाशाही रवैया को माना जा रहा है। जहां पर दबाव पूर्वक चुनाव होने की बात भी सामने आ रही है। यह आरोप कांग्रेसियों ने लगाया है। कांग्रेसियों का कहना है कि अगर कांग्रेस के कोई बड़े लीडर आते थे तो वहां लोगों को जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी तो वहीं बीजेपी के लीडर आते थे तो लोगों को जाने दिया जाता था।
इधर वीरेंद्र साहू का बढ़ा कद, जहां प्रभारी रहे वहां तो जीते ही, तेजपुर लोकसभा के सभी सीट पर मारी बाजी, 28 में 22 सीट जीत गए
इधर दूसरी ओर भाजपा से पूर्व विधायक रहे वीरेंद्र साहू गुंडरदेही को बिहाली विधानसभा का प्रभारी बनाया गया था। जहां उनके प्रत्याशी रंजीत दत्ता की विजय हुई। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ से जिन जिन दिग्गजों को चुनाव प्रभारी बनाकर वहां भेजा गया था उन लोगों ने 28 में से 22 सीटें जीती। खास बात यह है कि तेजपुर लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा सीट से सभी में भाजपा के प्रत्याशी जीते हैं। तो जोहरट लोकसभा में 10 विधानसभा सीट में 5 भाजपा ने जीता। कोलियाबोड़ लोकसभा क्षेत्र में 9 सीट में 8 भाजपा ने जीते। इस तरह कुल 28 सीट में 22 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी जीत गए। असम चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार करने के लिए प्रमुख रूप से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, संजय श्रीवास्तव प्रवक्ता प्रदेश भाजपा, किरण देव प्रदेश भाजपा महामंत्री, नीलू शर्मा प्रवक्ता, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, गुंडरदेही के पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू, पूर्व सांसद महासमुंद चंदूलाल साहू, पूर्व विधायक भानूप्रतापपुर ब्रह्मानंद नेताम, कांकेर से आलोक ठाकुर, गुंडरदेही से नवीन पवार, कांकेर से भरत मेटियारा, पूर्व विधायक सक्ति डॉक्टर खिलावन साहू, पूर्व विधायक कटघोरा लखन देवांगन, दुर्ग से डॉक्टर सुनील साहू, पूर्व विधायक धमतरी रामू वोहरा मोर्चा संभाले हुए थे।
भाजपा की जीत का यह बताया कारण
पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू ने भाजपा की इस तरह बड़ी जीत का कारण बताते हुए कहा कि शांति व विकास के बलबूते पर हमने चुनाव जीता है। वहां भाजपा की सरकार ने 5 साल में जो विकास किया, चाय बागानों में जो डेवलपमेंट हुआ उसी के बल पर हम चुनाव जीते हैं। वहां पहले कांग्रेसी सरकार में अशांति का माहौल होता था। लेकिन अब शांति आ रही है और फिर से वहां की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया है।
जीत के बाद प्रत्याशी ने फोन कर कहा धन्यवाद, असम आने का न्योता दिया
रंजित दत्ता ने विहाली विस से 30 हजार वोटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। विहाली विस के चुनाव प्रभारी पूर्व विधायक विरेन्द्र साहू ने कमान संभाली थी। नवनिर्वाचित विधायक ने फोन पर पूर्व विधायक साहू को धन्यवाद दिया एवं असम आने का निमंत्रण दिया। असम के विहाली विधानसभा के प्रत्याशी रहे रंजित दत्ता ने 30 हजार वोटों से ऐतिहासिक जीत पर समस्त असम के विहाली विस के समस्त कार्यकर्ताओ एवं जनता जनार्दन को बहुत बहुत बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं दी। असम के विहाली विस के चुनाव प्रचार के प्रभारी पूर्व विधायक गुण्डरदेही (छ.ग.) विरेन्द्र साहू ने विधानसभा का कमान संभाले थे। इस जीत से प्रदेश भाजपा व अपने विधानसभा में पूर्व विधायक विरेन्द्र साहू का कद भी बढ़ गया। उन्होंने असम में भाजपा सरकार बनने पर बधाई दी।